कोरबा। ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने जिला चिकित्सालय कोरबा में विभिन्न पदों में नियम विरुद्ध की गई भर्ती को निरस्त करते हुए निष्पक्ष तरीके से पुनः नई भर्ती और भूविस्थापितों के लिए 50% आरक्षित करने की मांग की है।

संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न खदानों से प्रत्यक्ष प्रभावित लोगो और प्रभावितों क्षेत्रों के विकास के लिए जिला खनिज न्यास ट्रस्ट के गठन का कानून बनाया है, वर्तमान में कोरबा जिला खनिज न्यास ट्रस्ट में लगभग 4000 करोड़ प्राप्त कर चुका है, वही इसके विपरीत खदान से पुनर्वास गावों में विकास के कोई भी कार्य नहीं कराया गया है ।

वही जिला खनिज न्यास ट्रस्ट द्वारा जिला चिकित्सालय में डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फीडिंग डायमोस्टेटर, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट, ड्रेसर, फार्मेसिस्ट, रेडियोग्राफर, ग्रामीण स्वास्थ सेवक महिला व पुरुष एवम् अन्य विभिन्न लगभग 300 पदो पर संविदा भर्ती की है, उपरोक्त संविदा भर्ती में राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के संविदा भर्ती के लिए निर्धारित मापदण्डों का पूर्णतः उल्लघन करते हुए इस भर्ती प्रतियाँ की विज्ञापन सूचना अखबारों में प्रकाशित कराये बिना ही भर्ती की गई और इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधानों का भी पालन नहीं किया गया, अत: उपरोक्त किए गये संविदा भर्ती को तत्काल निरस्त किया जाए ।
भूविस्थापित नेता ने अपने पत्र में आरोप लगाते हुये कहा है कि जिला खनिज न्यास के गठन का मुख्य उद्देश्य था, प्रत्यक्ष प्रभावित लोगो विकास और उनका आर्थिक उत्थान, लेकिन कोरबा में ऐसा होता नहीं
दिखा है। बल्कि इस फंड का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जाता रहा है ।
उन्होंने मांग किया है ,जिला खनिज न्यास न्यास संस्थान के मद से की जाने वाले सारी नियुक्तियों में 50% का आरक्षण भू विस्थापितों को दिया जाये और नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों को निरस्त कर पुनः भर्ती की जाय।