
बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद तेजी से खात्मे की ओर है। नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई जा रही है। इसी ऑपरेशन के बीच छत्तीसगढ़ -तेलंगाना राज्य की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी के एक हिस्से को जवानों ने फतह कर लिया है। 9 दिनों में करीब 5 हजार फीट की चढ़ाई कर जवान ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। यहाँ से नक्सलियों को खदेड़कर तिरंगा फहरा दिया है। वहीं प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों की शांति वार्ता ठुकरा दी है उन्हें सरेंडर करने कहा है। नक्सलियों के सरेंडर नहीं करने की स्थिति में इस बार की निर्णायक लड़ाई में सैकड़ों नक्सलियों के मारे जाने के आसार हैं।

यहाँ बताना होगा कि दोनों राज्यों की सरहद पर 22 अप्रैल से नक्सलियों के खिलाफ देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। 280 किमी के दायरे में कर्रेगुटा ,दुर्गमगुट्टा,पुजारी कांकेर की पहाड़ियों और यह पूरा इलाका फैला हुआ है। जो नक्सली लीडर हिड़मा ,देवा ,दामोदर विकास ,सुजाता ,आजाद जैसे बड़े हार्डकोर नक्सलियों का ठिकाना है।
ऑटोमेटिक वेपंस से लैस हैं नक्सली ,1500-2000 नक्सली हैं मौजूद
यहाँ LMG ,AK -47,इंसास,SLR जैसे हथियारों से लैस करीब 1500 से 2000 नक्सलियों की मौजूदगी है। जिन्हें ढूंढने ,एनकाउंटर करने छत्तीसगढ़ से DRG ,CRPF ,STF ,कोबरा बस्तर फाइटर्स के 10 हजार से अधिक जवान ऑपरेशन पर निकले हैं।
फोर्स को चकमा देकर आगे निकल जा रहे नक्सली

ये पैच इतना बड़ा है कि यहाँ नक्सलियों तक पहुंचना ,उन्हें ढूंढना आसान नहीं है। जैसे -जैसे फोर्स आगे बढ़ रही है ,वैसे वैसे नक्सली भी उन्हें चकमा देकर दूसरी तरफ निकल रहे हैं।वहीं 45 डिग्री सेल्सियस के बीच करीब 9 दिन की खड़ी चढ़ाई चढ़ जवान पहाड़ के एक हिस्से में पहुंचे और तिरंगा फहराया ।
यहीं से ऑपरेट होता है माओवाद संगठन
सर्वविदित है कि नक्सली लोकतंत्र के विरोधी हैं। तिरंगे की जगह वो काला झंडा फहराते हैं।कर्रेगुट्टा का इलाका नक्सलियों का अभेद किला माना जाता है । या यूं कहें कि ये नक्सलियों की अघोषित राजधानी है। यहीं पर नक्सलियों के पोलित ब्यूरो ,सेंट्रल कमेटी,DKSZCM ,तेलंगाना स्टेट कमेटी के बड़े लीडर्स मौजूद हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि यहीं से पूरा माओवाद संगठन ऑपरेट होता है। कर्रेगुट्टा पहाड़ के चारों तरफ नक्सलियों ने सैकड़ों IED प्लांट कर रखी है।
