CMO की फटकार के बाद अवर सचिव ने कलेक्टर को जारी किया रिमाइंडर लेटर …जानें अनियमितता ,रिटायरमेंट के बाद किस तरह की हो सकती है कार्रवाई …..
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज दंतेवाड़ा(भुवनेश्वर महतो) । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर – दंतेवाड़ा जिले के 125 आश्रम -छात्रावासों में प्रवेशरत आदिवासी बच्चों के कपड़े ,बिस्तर ,भोजन एवं अन्य आवश्यकताओं के लिए सामाग्री पूर्ति मदान्तर्गत प्राप्त 54 लाख की शासकीय राशि कोषालय अधिकारी की मिलीभगत से बिना कलेक्टर अनुमोदन ,क्रय प्रक्रिया का पालन किए बगैर वेंडर की जगह विभागीय खाते में राशि ट्रांसफर करा शासकीय रकम डकारने वाले दंतेवाड़ा से पखवाड़े भर पूर्व सेवानिवृत्त हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कल्याण सिंह मसराम की मुश्किलें बढ़ सकती है। राज्य शासन के संरक्षण के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने दस्तावेजी शिकायत को संज्ञान में लेते हुए सेवानिवृत्ति से ठीक 2 दिन पहले राज्य शासन को प्रकरण में जांच का आदेश दिया है। अवर सचिव आदिम जाति विकास विभाग ने कलेक्टर दंतेवाड़ा को मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त शिकायत पत्रों का हवाला देते हुए प्रकरण में जांच के लिए पुनः स्मरण पत्र लिखा है। लिहाजा त्वरित पारदर्शी जांच होने पर सेवानिवृत्ति के बाद भी सहायक आयुक्त श्री मसराम के विरुद्ध वैद्यानिक कार्रवाई हो सकती है।

यहां बताना होगा कि दक्षिण -बस्तर- दंतेवाड़ा (छग) से सेवानिवृत्त हुए सहायक आयुक्त कल्याण सिंह मसराम के विरुद्ध सेवानिवृत्ति से 15 दिन पूर्व प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत की गई थी। जिसमें श्री मसराम पर आदिम जाति विकास तथा अनुसूचित जाति विकास छत्तीसगढ़ शासन ,रायपुर से विभागीय छात्रावास ,आश्रमों में सामग्री पूर्ति मदान्तर्गत वर्ष 2024 -25 के प्राप्त आबंटन 54 लाख 45 की राशि का क्रय प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर बिना कलेक्टर अनुमोदन लिए , सामाग्री क्रय किए कोषालय से कूटरचित ,प्रशासकीय स्वीकृति आदेश,देयक व्हाउचर प्रस्तुत कर आहरण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाए जाने का आरोप था। साथ ही गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला खनिज संस्थान न्यास की 3 करोड़ 14 लाख की
राशि का बंदरबाट करने एवं बीजापुर पदस्थापना के दौरान
जिला खनिज संस्थान न्यास ( डीएमएफ ) से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में विभिन्न 13 स्तर के कार्यों के लिए प्राप्त आबंटन 10 करोड़ 40 लाख रुपए से अधिक की धनराशि में राज्य भंडार क्रय नियमों के विपरीत सामाग्री /उपकरण क्रय करने के मामले में विभागीय जांच संस्थित कर कार्यवाही किए जाने प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसचित जाति विकास मंत्रालय महानदी भवन ,नवा रायपुर(छ.ग.)को दस्तावेजी शिकायत के बावजूद महज जांच आदेश निकाल औपचारिकता पूर्ण कर संरक्षण प्रदान किए जाने की भी शिकायत की गई थी। माननीय प्रधानमंत्री से उक्त मामले में छत्तीसगढ़ शासन को आवश्यक कार्रवाई करने निर्देशित करने का अनुरोध किया गया था।
शिकायत पत्र में उल्लेख था कि कार्यालय
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला – दक्षिण -बस्तर -दंतेवाड़ा (छग) में पदस्थ सहायक आयुक्त कल्याण सिंह मसराम द्वारा पिछले 3 वित्तीय वर्षों से छत्तीसगढ़ शासन एवं केंद्र शासन द्वारा आश्रम छात्रावासों के विकास कार्यों के लिए प्रदत्त 11 करोड़ रुपए से भी अधिक शासकीय फंड का राज्य भंडार क्रय नियमों का पालन किए बगैर बंदरबाट किया गया है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2024 -25 में कार्यालय आदिम जाति विकास तथा अनुसूचित जाति विकास छत्तीसगढ़ शासन ,रायपुर से क्रमांक /छा .आ./289-2/2024-25 /11662 नवा रायपुर दिनांक 17 /01 /2025 सामग्री और पूर्ति मदान्तर्गत प्राप्त 54 .45 लाख रुपए ,बीजापुर पदस्थापना के दौरान जिला खनिज संस्थान न्यास ( डीएमएफ ) से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में विभिन्न 13 स्तर के कार्यों के लिए प्राप्त आबंटन 10 करोड़ 40 लाख रुपए एवं बीजापुर पदस्थापना के दौरान ही संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मदान्तर्गत आश्रम छात्रावास निर्माण एवं खेल सामाग्री के लिए 8 करोड़ रुपए से अधिक की शासकीय धनराशि इनके कार्यकाल में व्यय की गई है। उपरोक्त तीनों मदों की राशि का जमकर बंदरबाट हुआ है।
54 लाख 45 हजार रुपए के प्राप्त आबंटन का फर्जी दस्तावेज लगा आहरण ,सामाग्री खरीदी हुई ही नही👇



बात करें गत वित्तीय वर्ष 2024 -25 में
सामग्री और पूर्ति मदान्तर्गत प्राप्त 54 .45 लाख रुपए की तो उपरोक्त आंबटन राशि को फर्जीवाड़ा कर डकार लिया गया है।
छात्रावास -भण्डार तथा कच्चा माल ,छात्रावास ;गैर कार्यालयीन फर्नीचर ,छात्रावास -कपड़े तथा बिस्तर,आश्रम- भण्डार तथा कच्चा माल ,छात्रावास गैर कार्यालयीन फर्नीचर ,आश्रम -कपड़े तथा बिस्तर के लिए उपरोक्त राशि आबंटित की गई थी।
उपरोक्त आंबटन का पुनर्राबंटन ,कलेक्टर से प्रशासकीय स्वीकृति आदेश ,अनुमोदन के उपरांत ही व्यय किया जा सकता है। लेकिन विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ,जिला -दक्षिण -बस्तर -दंतेवाड़ा (छग) द्वारा आश्रम -छात्रावासों के बच्चों के सुविधाओं के लिए प्रदत्त 54 लाख 45 हजार रुपए के प्राप्त आबंटन राशि का उपरोक्त सामग्री क्रय किए बगैर ही जिला कोषालय में पूर्व कार्यों के फर्जी प्रशासकीय स्वीकृति आदेश ,बगैर कलेक्टर अनुमोदन आदेश के कोषालय अधिकारी की मिलीभगत से आहरण कर लिया गया है। वेंडर की जगह विभागीय खाते में कोषालय से राशि ट्रांसफ़र करा ली गई ,जबकि जमीनी स्तर पर एक भी सामाग्री विभागीय 125 आश्रम -छात्रावासों में प्रदाय नहीं की गई है। इस तरह शासन प्रशासन के आंखों में धूल झोंक 54 लाख रुपए की बड़ी राशि का बंदरबाट कर शासन को बड़ी राजस्व क्षति पहुंचाई गई है।जो कि गम्भीर अपराध की श्रेणी में आता है।
फर्मों से मिलीभगत कर कोटेशन दर से अधिक राशि का भुगतान,51 रुपए के मोजे के लिए 75 रुपए का भुगतान कर शासन को पहुंचाई आर्थिक क्षति👇
इसके अलावा जिले के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों दंतेवाड़ा ,गीदम,कुआकोंडा ,कटेकल्याण एजुकेशन सिटी जावंगा में प्रदाय किए गए सामग्रियों के एवज में फर्मों से मिलीभगत कर उन्हें कोटेशन दर से अधिक राशि का भुगतान कर दिया है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इन आवासीय विद्यालयों में प्रदाय मोजे में प्रिंट दर 51 एवं 60 रुपए अंकित है,लेकिन अंबिकापुर की प्रदायकर्ता फर्म शौर्य सप्लायर्स को प्रति नग 75 रुपए की दर से 720 नग मोजे के लिए 54 हजार का भुगतान कर दिया गया है। इस तरह प्रिंट दर से अतिरिक्त राशि का भुगतान कर विभाग ने यहाँ भी शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इन आश्रम -छात्रावासों में फर्म द्वारा प्रदाय किए गए 152 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग अनब्रांडेड कॉटन टॉवेल के लिए 54 हजार 720 रुपए ,अनब्रांडेड टॉवेल के लिए 150 रुपए की दर से 360 नग के लिए 54 हजार,लुफो सेफ्टी शूज -लेदर विद पीवीसी सोल के लिए 400 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग के लिए 1 लाख 40 हजार रुपए ,अन ब्रांडेड पॉलिस्टर ब्लेंडेड विद कॉटन एंटीमाइक्रोबियल लॉवर फ़ॉर मेन 100 (cm ) ,डबल एक्स्ट्रा लार्ज के लिए 400 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग के लिए 1 लाख 44 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। मे.धजाराम अशोक कुमार को nike ट्रैक शूट्स स्पोर्ट्स के लिए 1050 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग के लिए 3 लाख 78 हजार का भुगतान किया गया है। अंबिकापुर की फर्म मे.शिवशक्ति ट्रेडर्स को अनब्रांडेड टी शर्ट मीडियम ब्लैक के लिए 400 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग के लिए 1 लाख 44 हजार ,अनब्रांडेड स्पोर्ट्स एंड रनिंग शू 420 रुपए प्रति नग की दर से 360 नग के लिए 1 लाख 51 हजार 200 रुपए ,किनाव ब्रीफ (मेन)100 रुपए की दर से 720 नग के लिए 72 हजार,अनब्रांडेड वेस्ट कॉटन प्लेन निटेड 100 रुपए की दर से 720 नग के लिए 72 हजार रुपए का भुगतान किया गया है। उपरोक्त सामग्रियों के आपूर्ति के लिए जेम पोर्टल से ई निविदा न कर कोटेशन के माध्यम से छोटे छोटे टुकड़ों में भुगतान किया गया है। इन फर्मों से मिलीभगत कर इन्हें तय दर से अधिक राशि का भुगतान कर अनुचित लाभ पहुंचाए जाने की सूचना मिल रही है। इनके द्वारा प्रदाय किए गए सामग्रियों की गुणवत्ता भी अत्यंत गुणवत्ताहीन होने की बात कही जा है। जिसके जांच की दरकार है।
इसके अलावा जिला खनिज संस्थान न्यास से वित्तीय वर्ष 2024 -25 में 3 करोड़ 12 लाख 35 हजार 400 रुपए के आंबटन में विभागीय आश्रम -छात्रावासों के लिए प्रदाय किए गए सामाग्रियों 500 नग गद्दा एवं 4500 नग चादर व अन्य सामाग्री ,136 आश्रम -छात्रावासों /विशिष्ट संस्थाओं में 65ओपन जिम स्थापना के अधिकांश कार्य में भी क्रय प्रक्रियाओं की अनदेखी कर जेम से निविदा बीड की प्रक्रिया अपनाए जाने की जगह निहित स्वार्थ के लिए कोटेशन से फर्मों से सामाग्री क्रय की गई है। जिसकी गुणवत्ता दोयम दर्जे की है। उपरोक्त सामग्रियों की भी जांच की दरकार है।
बीजापुर पदस्थापना के दौरान डीएमएफ ,केंद्रीय मद संविधान के अनुच्छेद 275 (1) की 18 करोड़ से अधिक की राशि का बंदरबाट ,डेढ़ साल से जांच लटकी ,आयुक्त,कमिश्नर,कलेक्टर देते रहे प्रश्रय !👇
सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त कल्याण सिंह मसराम के कार्यकाल में ही बीजापुर में
जिला खनिज संस्थान न्यास ( डीएमएफ ) से वित्तीय वर्ष 2021 -22 एवं 2022 -23 में विभिन्न 13 स्तर के कार्यों के लिए प्राप्त आबंटन 10 करोड़ 40 लाख रुपए ,एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1)मदान्तर्गत प्राप्त आबंटन 8 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि में राज्य भंडार क्रय नियमों के विपरीत सामाग्री /उपकरण क्रय करने के मामले में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन,मुख्य सचिव महोदय छत्तीसगढ़ शासन से शिकायत पर कार्यालय आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास एवं कार्यालय कमिश्नर बस्तर संभाग जगदलपुर ने कलेक्टर- बीजापुर (छग)को जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन साल भर से अधिक समय से आयुक्त कार्यालय,कलेक्टर बीजापुर ,कमिश्नर कार्यालय एवं कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बीजापुर में इनका विशेष प्रभाव ,दोस्ताना व्यवहार होने की जगह दुर्भाग्यपूर्ण ही कहें कि आज पर्यंत जांच पूरी नहीं हो सकी। इससे स्पष्ट है कि मंत्रालय ,संचालनालय ,कमिश्नर कार्यालय से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक जिम्मेदार अफसर निहित स्वार्थ अथवा इनके प्रभाव की वजह से इन्हें प्रश्रय प्रदान करते रहे।
जांच आदेश निकाल औपचारिकता का निर्वहन करते रहे ,30 अप्रैल को हो गए सेवानिवृत्त ,तत्काल वैद्यानिक कार्रवाई की दरकार ,यह हो सकती है कार्रवाई 👇
पिछले डेढ़ साल से इनके भ्रष्टाचार को लेकर मुखरता से प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री से लेकर ,मुख्य सचिव , प्रमुख सचिव,विभागीय सचिव ,कमिश्नर तक को पत्र व्यवहार किया गया । जिनके यहाँ से प्रकरण के संदर्भ में जांच के आदेश तो जरूर जारी हुए पर आज पर्यंत जांच ही पूरी नहीं हुई। हाल ही में 18 मार्च को अंतिम बार प्रमुख सचिव आदिम जाति तथा अनुसचित जाति विकास विभाग के यहाँ मेरे द्वारा प्रेषित पत्र के तारतम्य में अवर सचिव आदिम जाति विकास विभाग द्वारा 3 अप्रेल को पत्र जारी कर एक सप्ताह के भीतर उल्लेखित तथ्यों की जांच कर प्रतिवेदन अभिमत सहित मांगा गया था। जिसमें हमेशा की तरह कलेक्टर कार्यालय के प्रश्रय की वजह से जांच ही शुरू नहीं हुई थी। इस बीच सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ कल्याण सिंह मसराम 30 अप्रैल 2025 को सेवानिवृत्त हो गए।
ऐसे में प्रकरण में अब उनसे राज्य सरकार उनके पेंशन एवं ग्रेजयूटी राशि की नियमानुसार रिकवरी की कार्रवाई तो नहीं कर सकती। कोषालय अधिकारियों की मानें तो सेवानिवृत्ति के बाद पूरे सेवाकाल की मिलने वाली जीपीएफ की राशि से शासन रिकवरी कर सकती है। यही नहीं
पेंशन से वसूली आदेश का अधिकार सिर्फ महामहिम राज्यपाल को ही है।जो टेढ़ी प्रक्रिया है,हालांकि आरोपं सिद्ध होने पर संबंधित शासकीय लोकसेवक की गिरफ्तारी हो सकती है। प्रदेश में डीएमएफ में हुए घोटाले के सेवानिवृत्त अफसरों की हाल ही में एसीबी ,ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तारी कर खलबली मचा दी है।।
सहायक संचालक राजीव नाग बनाए गए सहायक आयुक्त ,बड़ी चुनौती
विभाग ने सहायक संचालक के पद पर बस्तर जिले में सेवाएं दे रहे राजीव नाग को दक्षिण बस्तर -दंतेवाड़ा जिले का सहायक आयुक्त बनाया है । उनकी यह बतौर सहायक आयुक्त पहली पोस्टिंग है ,लिहाजा अनियमितताओं आरोपों से घिरे आदिवासी विकास विभाग दंतेवाड़ा की छवि सुधारने के साथ साथ उन्हें हर कदम पर
चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।