न्यायालय से निकली न्याय ,पेट्रोल पंप संचालक के लुटेरे को 10 वर्ष की सश्रम कैद ,महिला व एक अन्य दोषमुक्त ….

कोरबा। पेट्रोल पंप के संचालक को डंडा मार कर लूटपाट करने के मामले में एक आरोपी को 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया गया है। मामले में आरोपी बनाई गई महिला व एक अन्य को दोषमुक्त करार दिया गया है। प्रकरण में शासन की तरफ से लोक अभियोजक राजेन्द्र साहू ने पैरवी की।

उन्होंने बताया कि घटना दिनांक 05 अगस्त 2024 को प्रार्थी पेट्रोल पंप का संचालक संतोष कुमार गोयल शाम करीब 5.20 बजे बजे अपनी मोटरसायकल स्प्लेंडर सी.जी. 11-ए०एस०- 6931 से अपने घर से रगजा, मसनिया, गाड़ापाली, खडगांव, अंधेरी कोना होते हुए रामपुर पेट्रोल पंप पहुंचा और दिनांक 03/08/2024 का 1,98,000/- रूपये, दिनांक 04/08/2024 का 98,000/- रूपये, दिनांक 05/08/2024 का 1,84,000/- रूपये, जो कुल राशि 4,80,000/- रूपये कलेक्शन को एक सफेद रंग के बरसाती थैला में डालकर अपने मोटरसायकल से वापस अपने घर सक्ती जाने के लिए करीब 05.20 बजे निकला था। हनुमान मंदिर के आगे एक लड़का रोड में बैठा था, जो उसे देखकर आगे-आगे दौडने लगा और सामने से एक लकड़ी का गेड़ा से उसके सिर को मार दिया, वह मोटरसायकल सहित गिर गया, तब चार-पांच गेड़ा और मार दिया। उसके थैला में रखे कुल राशि 4,80,000/- रूपये को लेकर एक पतला दुबला अज्ञात व्यक्ति लूटकर दाहिने तरफ पगडंडी रास्ते से भाग गया। उक्त घटना के संबंध में प्रार्थी ने नसर खान एवं बीडीसी सीताराम पटेल को बताया। सीताराम उसे ईलाज कराने एन०के०एच० कोसाबाड़ी अस्पताल कोरबा लेकर गया, जहां उसके सिर, बांया हाथ, दाहिना कान का ईलाज हुआ। थाना सिविल लाईन रामपुर कोरबा द्वारा अपराध कमांक 0/2024, धारा 309 (6) बीएनएस कायम किया गया। पुलिस ने जांच के दौरान

आरोपीगण भरत लाल श्रीवास पिता भगत राम श्रीवास, उम्र 32 वर्ष, निवासी कसईपाली, चौकी जोबी, थाना खरसिया, जिला रायगढ़, महिला मित्र बेवा रमिला राठिया पति स्व० नारायण सिंह राठिया, उम्र 36 वर्ष, निवासी बेहरचुंआ, थाना करतला और विकास तिर्की पिता संतराम तिर्की, उम्र 24 वर्ष, निवासी धौराभांठा बरपाली, थाना धरमजयगढ़, जिला रायगढ़ को गिरफ्तार किया। प्रकरण को विचारण हेतु न्यायालय में पेश किया गया।
सत्र न्यायाधीश एस. शर्मा ने दोषसिद्ध पाए जाने पर अभियुक्त विकास तिर्की को धारा 309 (6) बी.एन.एस. 2023 के अपराध में
10 वर्ष (दस वर्ष) के कठोर कारावास से तथा 25,000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपय) के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड जमा ना करने की दशा में अभियुक्त 01 वर्ष (एक वर्ष) का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतेगा। शेष 2 आरोपी साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किए गए हैं।