कोरबा । एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की मानिकपुर परियोजना में डंपर एक्सीडेंट के मामले में डीजीएमएस ने जांच शुरू कर दी है। आपको बता दे उचित रख-रखाव के अभाव में हुए इस भयंकर दुर्घटना में 60 टन क्षमता वाले डंपर के पिछले हिस्से का चारों पहिया निकल गया था। जिससे हादसे में डंपर आपरेटर की जान बाल-बाल बची थी। वहीं एसईसीएल प्रबंधन को करोड़ों रूपये की क्षति हुई है। इस गंभीर हादसे के बाद जवाबदार अफसर पूरे घटनाक्रम पर पर्दा डालने में जुट गये थे। लेकिन मीडिया की सजगता के कारण अब इस पूरे घटनाक्रम की जांच DGMS नागपुर की मैक्निकल टीम ने शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि 19 मई की रात एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में 60 टन क्षमता का एक डंपर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। एसईसीएल में डंपर आपरेटर के पद पर कार्यरत भुवन राज घटना की रात अपने ड्यूटी पर पहुंचा था। डंपर आपरेट करने से पहले उसे एक्सवेसन की टीम द्वारा सबकुछ ठीक होने का हवाला देकर डंपर ले जाने की अनुमति दी गयी। लेकिन डंपर आपरेटर 60 टन क्षमता वाले इस डंपर को लेकर खदान में पहुंचता, इससे पहले ही बीच रास्ते में डंपर के पिछले हिस्से का चारों चक्का, एक्सेल सहित पूरी तरह से टूटकर अलग हो गया।
दुर्घटना में आपरेटर भुवन राज को चोट आने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं दूसरी तरफ इस हादसे के दौरान कोयला परिवहन में लगे वाहन डंपर की चपेट में आने से बाल-बाल बच गये। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। लेकिन जवाबदार अफसर इस दुर्घटना की जवाबदारी तय करने के बजाये उसे दबाने में जुट गये। देखरेख के अभाव में करोड़ों रूपये के डंपर के साथ हुए इस हादसे पर अधिकारियों द्वारा पर्दा डालने की रणनीति बनायी जाने लगी।
DGMS को जानकारी न देकर स्थानीय सेफ्टी कमेटी से कराई जांच 👇
एसईसीएल मानिकपुर परियोजना में हुए इस दुर्घटना पर प्रबंधन के जवाबदार अधिकारियों ने भरसक पर्दा डालने का प्रयास किया। आपको बता दे खदान क्षेत्र में होने वाली हर छोटी-बड़ी दुर्घटना की जानकारी डीजीएमएस को देने का प्रावधान है। सूत्रों की माने तो मानिकपुर परियोजना में मेंटनेंस के नाम पर चल रहे लीपापोती की सच्चाई सामने न आये इसलिए जवाबदार अधिकारियों ने डीजीएमएस को इस घटना की जानकारी देना उचित नही समझा।
एरिया सेफ्टी कमेटी से जांच कराकर इस पूरे घटनाक्रम पर लीपापोती की तैयारी थी। लेकिन मीडिया ने इस पूरे घटना की हकीकत सामने लाया। जिसके बाद मानिकपुर परियाजना के अफसरों के हाथ-पांव फूल गये। डीजीएमएस के अधिकारियों से इस घटना के संबंध में जानकारी जाननी चाही गयी। जिसके बाद अब डीजीएमएस नागपुर की मैक्निकल की टीम ने मानिकपुर खदान में हुए एक्सीडेंट की जांच शुरू कर दी है।
मीडिया को कव्हरेज से रोका, कुछ भी बालने से बचते रहे अफसर 👇
मानिकपुर खदान में 60 टन के डंपर के एक्सीडेंट की जांच के लिए आज ही नागपुर से डीजीएमएस मैक्निकल की टीम जांच के लिए पहुंच गयी है। इस जानकारी के बाद मीडिया मानिकपुर माइंस के डंपर शेड में न्यूज कव्हरेज के लिए पहुंची थी। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में लीपापोती में जुटे अफसर मीडिया को न्यूज कव्हरेज से मनाही करते रहे। डीजीएमएस के अधिकारियों से उनका पक्ष लेने का भी प्रयास किया गया। लेकिन एसईसीएल के अफसर डीजीएमएस की टीम से मीडिया की दूरी बनाये रखने में जुटे रहे।