मध्यप्रदेश । इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में मेघालय पुलिस ने कुछ और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि हत्या के बाद सोनम बुर्का पहनकर शिलांग से फरार हुई थी।
राज ने अपने दोस्त विशाल को एक बुर्का दिया, जिसे सोनम ने पहना. वह पुलिस बाजार से टैक्सी लेकर गुवाहाटी गई, फिर बस से सिलिगुड़ी (पश्चिम बंगाल), फिर पटना और आरा, फिर ट्रेन से लखनऊ और वहां से बस से इंदौर पहुंची।
हत्यारों में राजा का चचेरा भाई भी शामिल👇
पुलिस अधीक्षक विवेक सायम ने कहा, ”तीनों युवक दोस्त थे और उनमें से एक राज का चचेरा भाई है। यह हत्या की सुपारी देने का मामला नहीं है। अपने दोस्त राज की मदद करने के लिए आरोपियों ने ऐसा किया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज ने उन्हें खर्च के लिए 50,000 रुपये दिए थे।
राजा के बाद एक और हत्या का था प्लान👇

राजा की हत्या की साजिश 11 मई को सोनम के साथ उसकी शादी से ठीक पहले इंदौर में रची गई थी। इसका मास्टरमाइंड राज कुशवाह था। जबकि सोनम ने इस साजिश के लिए सहमति जताई थी। पुलिस जांच में सामने आया है कि राजा रघुवंशी के हत्यारों की योजना किसी महिला की हत्या कर उसके शव को जलाने की थी, ताकि उसे राजा की पत्नी सोनम का शव बताया जा सके। सोनम सच्चाई सामने आने तक कुछ और दिनों तक छिपी रहे। मेघालय पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह अहम जानकारी दी।
ऐसे खुला पूरा राज 👇
सोनम के लापता होने के दरौना मेघालय मीडिया ने एक गाइड से बात की, जिसने राजा और सोनम को तीन अन्य लोगों के साथ देखने का दावा किया था। राज ने सोनम से कहा था कि वह सिलिगुड़ी जाकर खुद को अगवा बताकर पेश करे। लेकिन 8 जून को सोनम जब इंदौर से निकली, तभी मेघालय पुलिस की दो टीमें यूपी और मध्यप्रदेश पहुंच चुकी थीं, जब यूपी में पहली गिरफ्तारी (आकाश) हुई, तब राज घबरा गया और सोनम से कहा कि वह अपने परिवार को फोन कर दे और कहे कि वह किसी गैंग से बचकर निकली है। यहीं से यह पूरा मामला उजागर हुआ और सोनम गाजीपुर में पुलिस के सामने आई। दरअसल सोनम और राज को लगा था कि राजा की लाश जल्दी नहीं मिलेगी क्योंकि जगह बहुत दुर्गम थी और जांच में महीने भर का वक्त लग सकता था। इसी वजह से सोनम खुद को अगवा दिखाकर सहानुभूति पाना चाहती थी।