कोरबा। सीएसईबी सहायता केंद्र की पुलिस ने टीपी नगर स्थित नया बस स्टैण्ड के पास घूम-घूमकर नशा में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन बेच रहे 2 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों को 5-5 वर्ष के सश्रम कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
27 अप्रैल 2022 को सीएसईबी पुलिस सहायता केन्द्र प्रभारी एसआई नवल साव को मुखबिर से सूचना मिली थी कि टीपी नगर स्थित नया बस स्टैण्ड के पास 2 लोग इंजेक्शन बेचने के लिए घूम रहे हैं। सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।

तत्कालीन पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन एवं थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक रामेन्द्र सिंह के मार्गदर्शन में चौकी स्टाफ के साथ दबिश दी गई। नया बस स्टैण्ड में 2 लडक़े पेन्टाजोसीन लैक्टेट इंजेक्शन रिडॉफ बैग में रखे हुये बेचने हेतु ग्राहक खोज रहे थे। बैग की तालाशी लेने पर कुल 435 नग इंजेक्शन बरामद हुआ। आरोपी पंकज शर्मा पिता नवल शर्मा 38 साल निवासी बैगीनडभार व सुमित बेहरा पिता प्रशांत बेहरा 23 साल निवासी पथर्रीपारा को गिरफ्तार कर 22बी नारकोटिक्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया।
पुलिस ने प्रारम्भिक विवेचना उपरांत प्रकरण को विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। विशेष न्यायाधीध (NDPS एक्ट) श्रीमती गरिमा शर्मा ने दोष सिद्ध पाए जाने पर आरोपी पंकज शर्मा व सुमित कुमार बेहरा को धारा 22(b) एन०डी०पी०एस० एक्ट में 5 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं किये जाने की दशा में आरोपी को 06 माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतायी जायेगी।
न्यायाधीश ने सहानुभूति को अनुचित माना
विशेष न्यायाधीध(NDPS एक्ट) ने
दण्ड के प्रश्न पर उभयपक्ष को सुना। अभियोजन के अधिवक्ता टीकम साव ने व्यक्त किया कि अपराध अत्यंत गंभीर है। आरोपी पंकज शर्मा पूर्व में भी इसी प्रकृति के अपराध में दोषसिद्ध किया गया है तथा वर्तमान में वह केन्द्रीय जेल बिलासपुर में सजा भुगत रहा है। अभियोजन अधिवक्ता ने यह भी व्यक्त किया कि वर्तमान में नशीली दवाओं के इंजेक्शन के विक्रय का अपराध क्षेत्र में बढ़ गया है तथा इसकी चपेट में कम आयु के बच्चे भी आ रहे हैं। अतः अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्तगण को कड़ी सजा दी जाये। अभियुक्तगण की ओर से अधिवक्ता ने व्यक्त किया कि अभियुक्तगण के प्रति उदारता बरती जाये। विशेष न्यायाधीध ने कहा कि आरोपी पंकज शर्मा द्वारा पूर्व में भी इसी प्रकृति का अपराध किया जाना एवं उस प्रकरण में केन्द्रीय जेल बिलासपुर में निरूद्ध होना बताया गया है। वर्तमान परिवेश में मादक एवं मनोत्तेजक पदार्थ के अवैध विक्रय, सेवन एवं परिवहन के अपराध में वृद्धि हुई है। यह एक सामाजिक बुराई है, जिसका कुप्रभाव समाज में वृहद रूप से विशेष कर युवा वर्ग पर पड़ रहा है। ऐसे प्रकरण में सहानुभूति अपनाया जाना उचित नहीं है।