मध्यप्रदेश/दमोह । दमोह की पूर्व BJP विधायक सोना बाई अहिरवाल और उनके दिव्यांग पति सेवक राम अहिरवाल के बीच का वैवाहिक विवाद अब अदालत की चौखट तक पहुंच गया है। पति सेवक राम का आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को राजनीति में शिखर तक पहुंचाने के लिए दिन-रात मेहनत की, लेकिन अब वही पत्नी उनके साथ रिश्ता तोड़ने पर आमादा है।
पति के आरोप
सेवक राम अहिरवाल का कहना है कि उनकी पत्नी सोना बाई ने जब राजनीति में कदम रखने की इच्छा जताई, तो उन्होंने पूरे मन से उनका साथ दिया। दमोह से लेकर भोपाल और दिल्ली तक, सेवक राम ने अपनी पत्नी को बीजेपी के बड़े नेताओं से जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी मेहनत रंग लाई और 2003 में सोना बाई को पथरिया विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट मिला। लेकिन विधायक बनने के बाद सोना बाई का व्यवहार बदल गया। बड़े नेताओं से नजदीकी और सियासी रसूख बढ़ने के साथ ही वह अपने पति से दूरी बनाने लगीं ।
गुजारा भत्ता की मांग
सेवक राम ने कुटुंब न्यायालय में अर्जी दाखिल कर हर महीने 25 हजार रुपये गुजारा भत्ता देने की मांग की है। उनके वकील नितिन मिश्रा के अनुसार, कोर्ट ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली है और जल्द ही सोना बाई को नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा। इस मामले में अब दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी, जिसके बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा ।
पत्नी की चुप्पी
हालांकि, सोना बाई ने अभी तक इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है और वह मीडिया के सामने आने से बच रही हैं। यह मामला अब केवल पारिवारिक नहीं रहा, बल्कि एक महिला नेत्री की निजी जिंदगी और उसके राजनीतिक सफर का अहम मोड़ बन गया है, जिस पर सबकी नजरें हैं ।