उत्तराखंड । सावन के पावन महीने में जहां शिवभक्त गंगाजल लाकर भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं, वहीं गुरुग्राम से आए कांवड़ यात्रियों ने भक्ति और भव्यता का ऐसा अद्भुत मेल प्रस्तुत किया है जो लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इन शिवभक्तों ने 800-1000 किलो वजन की सोने जैसी झिलमिलाती शिव कांवड़ तैयार की है, जिसे पहियों पर सवार कर हरिद्वार से गुरुग्राम तक लगभग 250 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं।
क्या है इस गोल्डेन कांवड़ की विशेषता?👇
इस विशाल कांवड़ को सोनीपत में डिजाइन किया गया है। इसे बनाने में खास धातु, सोने का रंग और आकर्षक सजावट का उपयोग किया गया है, जिससे यह देखने में सोने जैसी प्रतीत होती है। कांवड़ में लगभग 40 लीटर पवित्र गंगाजल रखा गया है जिसे श्रद्धा और संयम के साथ गंतव्य तक ले जाया जा रहा है।
सोनीपत से आए शिवभक्त सोनू राणा ने क्या कहा?👇
कांवड़ यात्री सोनू राणा ने मीडिया से बातचीत में बताया: “यह एक अनोखी कांवड़ है, जो सोनीपत में बनाई गई है। इसका वजन लगभग 1000 किलो है। श्रद्धालु इसकी सराहना कर रहे हैं और यह यात्रा हमारे लिए एक आस्था का उत्सव है।”
लोग कर रहे हैं सेल्फी, हो रही है वायरल👇
हरिद्वार में इस गोल्डन कांवड़ को देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। लोग सेल्फी ले रहे हैं, रील्स बना रहे हैं और सोशल मीडिया पर ये कांवड़ तेजी से वायरल हो रही है।
भक्ति या प्रदर्शन आखिर क्या है इसके पीछे का मकसद?👇
चर्चाओं का विषय बनी कांवड़ इस गोल्डन कांवड़ ने भक्ति की दुनिया में एक नई बहस छेड़ दी है। लोग पूछ रहे हैं कि ये भक्ति का शिखर है या प्रदर्शन की सीमा? हालांकि, भक्त इसे अपने शिवप्रेम की अभिव्यक्ति बता रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ…ऑपरेशन कालनेमि से मचा हड़कंप!👇
जहां एक ओर हरिद्वार में भक्ति की भव्य झलक देखने को मिल रही है, वहीं उत्तराखंड सरकार ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत फर्जी साधु और छद्मवेशियों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा: “जो लोग साधु का वेश धारण कर आस्था को ठेस पहुंचा रहे हैं, समाज को गुमराह कर रहे हैं, उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।” यह अभियान उन्हीं राक्षस ‘कालनेमि’ के नाम पर रखा गया है जिसने रामायण में साधु का रूप धारण कर लोगों को धोखा दिया था। राज्य सरकार का दावा है कि कई असामाजिक तत्व साधु बनकर महिलाओं से ठगी कर रहे हैं।