डेटा शेयर न करने को लेकर वोट चोरी के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त का पलटवार ,प्रेस कांफ्रेंस में बोले -क्या हमें मां बहनों के CCTV जारी करनी चाहिए ,आयोग किसी भी हाल में मतदाताओं की निजी जानकारी या फुटेज साझा नहीं करेगा…..

दिल्ली । देशभर में ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने मतदाता गोपनीयता को लेकर सख्त रुख अपनाया है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि आयोग किसी भी हाल में मतदाताओं की निजी जानकारी या फुटेज साझा नहीं करेगा.

उन्होंने साफ किया कि मतदान प्रक्रिया पारदर्शी है लेकिन इसमें शामिल मतदाताओं की गोपनीयता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने हाल ही में मीडिया में सामने आए मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले हमने देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना अनुमति के मीडिया में दिखाई गईं. उन पर सवाल उठाए गए और आरोप लगाए गए. क्या चुनाव आयोग को किसी भी मतदाता का सीसीटीवी वीडियो सार्वजनिक कर देना चाहिए? चाहे वह किसी की मां हो, बहन हो या बेटी हो, क्या उनकी निजता का हनन सही है?

मतदाताओं की निजी अधिकार👇

उन्होंने स्पष्ट किया कि मतदान केंद्रों पर सीसीटीवी का इस्तेमाल केवल निगरानी के लिए किया जाता है ताकि प्रक्रिया निष्पक्ष और सुरक्षित रहे. इसे सार्वजनिक करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इससे मतदाताओं की सुरक्षा और निजी अधिकार प्रभावित होंगे.

उम्मीदवार को चुनने का अधिकार👇

मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी दोहराया कि मतदाता सूची में जिनका नाम दर्ज है, वही मतदान के योग्य हैं. हर पात्र नागरिक को अपने उम्मीदवार को चुनने का अधिकार है और आयोग उसकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है.

विपक्षी दलों ने उठाए मामले👇

बीते दिनों विपक्षी दलों ने कुछ जगहों पर कथित ‘वोट चोरी’ के मामले उठाए थे और सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक करने की मांग की थी. इस पर चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पारदर्शिता बनाए रखते हुए मतदाताओं की निजता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी.

चुनाव आयोग के प्रेस कॉन्फ्रेंस की 5 बड़ी बातें 👇

👉1. ‘चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेगा’

चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार ने कहा,

”चुनाव आयोग मतदाताओं को एक संदेश देना चाहता है। भारतीय संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्ति को मतदाता होना चाहिए। आप जानते हैं कि कानून के अनुसार, हर राजनीतिक दल का चुनाव आयोग में पंजीकरण होता है, फिर चुनाव आयोग भेदभाव कैसे कर सकता है, चुनाव आयोग के लिए सत्ताधारी दल और विपक्षी दल समान हैं। हमारे लिए कोई पक्ष-विपक्ष नहीं है, चुनाव आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेगा।”

👉2. CEC ज्ञानेश कुमार का बड़ा बयान – पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी असंभव

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया से संपन्न होते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी, 10 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट और लगभग 20 लाख पोलिंग एजेंट उम्मीदवारों की ओर से तैनात रहते हैं।

CEC ज्ञानेश कुमा ने सवाल उठाया – “इतने बड़े पैमाने पर निगरानी के बीच क्या कोई मतदाता वोट चोरी कर सकता है? इतनी पारदर्शिता में यह बिल्कुल संभव नहीं है।”

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि मतदाताओं की ड्राफ्ट और फाइनल सूची नियमित रूप से सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की जाती है। यदि इसके बाद भी कोई त्रुटि पाई जाती है तो पहले जिला पदाधिकारी (DM) के पास अपील की जा सकती है, और जरूरत पड़ने पर मामला राज्य निर्वाचन आयोग तक ले जाया जाता है।

उन्होंने बताया कि अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद चुनाव होते हैं, जिसमें प्रत्येक प्रत्याशी को केंद्रवार मतदाता सूची उपलब्ध कराई जाती है। मतदान के समय पोलिंग एजेंट की मौजूदगी में पूरी प्रक्रिया होती है, और यदि कोई आपत्ति उठानी हो तो वह एजेंट उसी समय कर सकता है।

CEC ने कहा कि यह पूरी व्यवस्था विकेंद्रीकृत और पारदर्शी है, इसलिए किसी तरह की गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती।

👉3 .CEC बोले – मतदाताओं की फोटो बिना इजाजत मीडिया में दिखाई गईं, यह गलत है

CEC ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा –

“हाल ही में हमने देखा कि कई मतदाताओं की तस्वीरें उनकी अनुमति के बिना मीडिया में दिखाई गईं। उन पर आरोप लगाए गए और उनका दुरुपयोग किया गया।”

उन्होंने सवाल उठाया कि –

“क्या चुनाव आयोग किसी भी मतदाता का सीसीटीवी फुटेज या निजी तस्वीरें सार्वजनिक कर सकता है? चाहे वह किसी की मां हों, बहू हों या बेटी -यह पूरी तरह गलत है।”

CEC ने साफ किया कि जिनके नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं, वही लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने के हकदार हैं।

👉4 .CEC ज्ञानेश कुमार बोले – SIR में गड़बड़ियां दूर करने के लिए 15 दिन का समय बाकी

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत गड़बड़ियों को सुधारने के लिए अभी भी 15 दिनों का समय है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और उनके नामित बीएलए (Booth Level Agent) से अपील की कि आने वाले दिनों में अगर मतदाता सूची में कोई गड़बड़ी मिले तो उसका फॉर्म भरकर सुधार कराएं।

CEC ज्ञानेश कुमार ने साफ किया –

”ईसी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। जमीनी स्तर पर बीएलओ, बीएलए और मतदाता मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन यह चिंता का विषय है कि राजनीतिक दलों के बीएलए द्वारा सत्यापित की गई जानकारी उनके हाईकमान तक नहीं पहुंच रही, या फिर जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।”

👉5 .CEC ज्ञानेश कुमार बोले – वोटर लिस्ट सुधार में सभी राजनीतिक दल और मतदाता दे रहे योगदान

ज्ञानेश कुमार ने कहा कि पिछले 20 सालों से मतदाता सूची में सुधार की मांग की जा रही थी, जिसके बाद बिहार से SIR प्रक्रिया की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान बीएलओ और राजनीतिक दलों के बीएलए मिलकर प्रारूप सूची तैयार कर रहे हैं, जिसे सभी बीएलए के हस्ताक्षर से सत्यापित भी किया गया है।

CEC ने कहा कि त्रुटि हटाने की प्रक्रिया में सभी राजनीतिक दल और आम मतदाता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन मतदाताओं की आयु 1 जुलाई या 1 अक्टूबर तक 18 साल पूरी हो रही है, ऐसे करीब 1 लाख नए मतदाताओं ने आवेदन किया है।