CG : रजत जयंती वर्ष में रतजगा कर रहे पूर्व सांसद के गृहग्रामवासी समेत दर्जनों गांव के 10 हजार उपभोक्ता ,तुमान फीडर में रात 11.30 बजे के बाद काटी जा रही बिजली , संयोग या सुनियोजित सितम !

कोरबा। एक तरफ छत्तीसगढ़ शासन राज्य गठन के 25वें वर्ष की खुशियां रजत जयंती उत्सव वर्ष के रूप में मना रही,वहीं इस उत्सव की बेला के बीच विद्युत वितरण विभाग आमजनता को खुशियों की जगह तकलीफ बांटने का काम कर रही है।
पिछले एक सप्ताह से बरपाली सब स्टेशन के तुमान फीडर में रात 11 .30 बजे के बाद बिजली गुल होने का सिलसिला जारी है। जिससे कोरबा के पूर्व सांसद स्व. डॉ.बंशीलाल महतो जी के गृह ग्राम पंचायत सलिहाभांठा समेत एक दर्जन से अधिक गांव के ग्रामीण रतजगा कर रहे। आए दिन देर रात हो रही बिजली गुल की वजह तकनीकी खराबी होने के दावों में भी दम नहीं लग रहा,यह एक सुनियोजित षडयंत्र का हिस्सा लग रहा ,जिसका खामियाजा 10 हजार से अधिक उपभोक्ता भुगत रहे।

गौरतलब हो कि बरपाली सब स्टेशन के तुमान फीडर में ग्राम पंचायत सलिहाभांठा ,पकरिया ,बंधवाभांठा,
डोंगरीभांठा,सराईडीह ,झींकाकुरिहा , संडैल ,भैंसामुड़ा, मुड़ा, कटबितला समेत अन्य दर्जनों गांव शामिल हैं। जिसमें 10 हजार से अधिक ग्रामीण उपभोक्ता आते हैं। जो नियमित रूप से विद्युत वितरण विभाग को बिजली बिल की भी अदायगी कर रहे हैं। लेकिन रजत जयंती वर्ष में विद्युत वितरण विभाग ने इन ग्रामीणों के चेहरे पर खुशियों की जगह तनाव एवं आक्रोश ला दिया है। फीडर में अघोषित रूप से बिजली कटौती जारी है।
पिछले एक सप्ताह से रात 11 .30 बजे के बाद अचानक बिजली गुल हो रही। जो घण्टों देर बाद आती है। रात में कई बार बिजली के आने जाने का सिलसिला चलता रहता है। बीती (मंगलवार )की रात 12.30 बजे बिजली काट दी गई । जो देर रात आई। जिससे गर्मी एवं उमस भरे मौसम में ग्रामीण रतजगा करने मजबूर रहे। बताया जा रहा सब स्टेशन में नियुक्त कर्मचारी भी उपभोक्ताओं से तकनीकी खराबियों की जानकारी पूछे जाने पर दुर्व्यवहार करते हैं।नाईट शिफ्ट में कर्मचारियों को ड्यूटी की जगह नींद प्यारी है। यही नहीं रात 12 बजे के बाद अगर लाइन में खराबी आती है तो बनाने वाला कोई नहीं। हमने इस गंभीर समस्या अव्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर नवपदस्थ जेई सलोनी टोप्पो से उनका पक्ष जानने की कोशिश की कॉल रिसीव नहीं करने की वजह से उनका पक्ष नहीं आ सका है।

रेंगती मौत का भी बना रहता है खतरा 👇

रात में बिजली गुल होने से न केवल ग्रामीण उपभोक्ता रतजगा करने को मजबूर हैं वरन
जीव -जंतुओं ,रेंगती हुई मृत्यु (सर्पदंश) का भी खतरा बना हुआ है। फीडर की लचर विद्युत व्यवस्था की कहानी कोई नई नहीं है। दशकों से ग्रामीण उपभोक्ता इसका खामियाजा झेल रहे हैं।

सरकार के खिलाफ उकसाने का प्रयास! किसके इशारे पर काटी जा रही बिजली 👇

सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है आखिर ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली अकारण किसके इशारे पर काटी जा रही है? लगातार एक सप्ताह से एक ही समयावधि में देर रात बिजली बंद होना तकनीकी खराबी (ब्रेक डाउन,लाइन में फाल्ट आदि ) नहीं हो सकती ,डिपार्टमेंटल बिजली चोरी की यह तरकीब किसकी है ?कौन है जो सरकार की छवि आमजन मानस के बीच खराब कर रहा? निश्चित तौर पर यही हाल रहा तो उक्त क्षेत्र में सत्ताधारी दल भाजपा को अपने विधायक को जीत के आशीर्वाद के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।।