CG : जनसंपर्क विभाग-पत्रकार आमने सामने , महिला जनसंपर्क अधिकारी के करोड़ों के मानहानि की नोटिस ,आत्महत्या के केस में फंसाने की धमकी से CM के गृह जिले में संयुक्त पत्रकार संघ नेCM के नाम ज्ञापन सौंप कीFIR दर्ज कर बर्खास्तगी की मांग ,जनसंपर्क आयुक्त ,संवाद प्रमुख के माफीनामा की जिद पर अड़े,महकमे में मची खलबली ……

जशपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले में जनसंपर्क विभाग और पत्रकार आमने सामने आ गए हैं। यहाँ दूसरी बार पदस्थ सहायक संचालक जनसंपर्क सुश्री नूतन सिदार द्वारा पत्रकारों को करोड़ों की मानहानि का नोटिस भेजने एवं आत्महत्या के केस में फंसाने की धमकी से आक्रोशित संयुक्त पत्रकार संघ जशपुर ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला ,अन्याय बताते हुए 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में जनसंपर्क आयुक्त एवं संवाद प्रमुख पर भी षड्यंत्र का गंभीर आरोप लगने से पूरे महकमे में हड़कम्प मचा है।

जनसंपर्क विभाग का मुख्य दायित्व सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में जनता को सूचित करना, मीडिया से संवाद स्थापित कर सरकार की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार करना रहता
है। यह विभाग सरकार और जनता के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करती है,लेकिन छत्तीसगढ़ में जनसंपर्क विभाग पर इससे उलट लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के खिलाफ षड्यंत्र रचने डराने धमकाने,फंसाने की छवि बन रही है। जी हां और इसकी शुरुआत कहीं और से नहीं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के गृह जिले से हो चुकी है। जहां संयुक्त पत्रकार संघ जशपुर के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपे संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन ने जनसंपर्क महकमे में खलबली मचा दी है। यह शिकायती पत्र जिले में दूसरी बार पदस्थ सहायक संचालक जनसंपर्क सुश्री नूतन सिदार द्वारा पत्रकारों को करोड़ों की मानहानि का नोटिस भेजने एवं आत्महत्या के केस में फंसाने की धमकी के मामले में दी गई।

आक्रोशित संयुक्त पत्रकार संघ जशपुर ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला ,अन्याय बताया है । पत्रकारों पर नोटिस थोपने और मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की धमकी के विरोध में जिलेभर के पत्रकार संगठनों ने शुक्रवार को ज़िला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को संयुक्त हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।शिकायत में जनसंपर्क आयुक्त एवं संवाद प्रमुख पर भी षड्यंत्र का गंभीर आरोप लगने से पूरे महकमे में हड़कम्प मचा है।
शिकायत पत्र में जनसंपर्क विभाग की 5 कृत्यों पर घोर आपत्ति निंदा की गई है। जिसके तहत उल्लेख किया गया है कि

👉1.जनसंपर्क विभाग की सहायक संचालक नूतन सिदार ने अपने अधीनस्थ कर्मचारी की शिकायत का दुरुपयोग कर पत्रकारों को एक-एक करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा है।

👉2 . पत्रकारों को आत्महत्या की केस में फंसाने की धमकी दी गई।जो न केवल घोर आपराधिक कृत्य है वरन प्रेस की स्वतंत्रता पर भी हमला है।।

👉3 .शासकीय ग्रुप का निजीकरण कर पत्रकारों का अपमान किया गया। इस दौरान जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास भी मौजूद थे,फिर भी प्रशासन के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई ।

👉4 .पूरा घटनाक्रम जनसंपर्क विभाग और उसके शीर्ष नेतृत्व की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

👉5.पत्रकार को अपराधी शब्द लिखकर संबोधित किया गया।

पत्रकारों की प्रमुख मांगें…👇

👉1 .सहायक संचालक नूतन सिदार के खिलाफ तत्काल अपराध पंजीबद्ध किया जाए और उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त किया जाए।

2 .👉विभागीय सर्वोच्च अधिकारी जनसंपर्क आयुक्त इस शर्मनाक घटना के लिए सार्वजनिक माफीनामा मांगे।

👉3 .चूंकि विभाग माननीय मुख्यमंत्री जी का है ,और संवाद प्रमुख रवि मित्तल जी के कंधों पर उनकी छवि सुधारने का दायित्व प्रमुख रूप से दिया गया है ,विभाग के एक अधिकारी के द्वारा पत्रकारों को फंसाने की साजिश की जा रही है,इसलिए संवाद प्रमुख को सार्वजनिक रूप से माफीनामा देना होगा।

👉4.इस प्रकरण की विशेष उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कराई जाए ताकि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

👉5 .यह घटनाक्रम सिविल सेवा आचरण नियम 1964 एवं 1965 का खुला उल्लंघन है। अतः इस आधार पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

👉आंदोलन की चेतावनी

ज्ञापन में पत्रकारों ने स्पष्ट कहा कि यह मामला केवल जशपुर जिले का नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है। यदि इस पर त्वरित और ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्यभर के पत्रकार उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

👉पत्रकारों की एकजुटता

ज्ञापन पर बड़ी संख्या में स्थानीय पत्रकारों, वरिष्ठ पत्रकारों, संगठनों के प्रतिनिधियों और युवा पत्रकारों के हस्ताक्षर दर्ज हैं। इससे साफ है कि इस मुद्दे ने पूरे पत्रकार समुदाय को एकजुट कर दिया है और सभी पत्रकार इस मामले को अपनी प्रतिष्ठा और अस्तित्व की लड़ाई मान रहे हैं।यह समाचार अब स्थानीय ही नहीं, बल्कि राज्यस्तरीय राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल भी तेज कर सकता है, क्योंकि मामला सीधे मुख्यमंत्री के गृह ज़िले से जुड़ा है।