पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाले में ED का बड़ा एक्शन ,13 ठिकानों पर की छापेमारी ,45 लाख नगद समेत अहम दस्तावेज जब्त ….

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोलकाता सहित राज्य के 13 ठिकानों पर व्यापक छापेमारी की।
इस कार्रवाई में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक और राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस के कार्यालयों और उनसे जुड़ी फर्मों को निशाना बनाया गया। ईडी ने छापेमारी के दौरान 45 लाख रुपये नकद, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए हैं।

👉 शिक्षकों से लेकर मजदूरों तक, कई पदों पर फर्जी भर्ती

ईडी की शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि यह घोटाला केवल शिक्षक भर्ती तक सीमित नहीं था। जांच एजेंसी ने पाया कि राज्य की विभिन्न नगरपालिकाओं में मजदूर, स्वीपर, क्लर्क, ड्राइवर, पंप ऑपरेटर और हेल्पर जैसे पदों पर भी बड़े पैमाने पर फर्जी भर्तियां की गईं। इस घोटाले में M/s ABS Infozon Pvt Ltd नामक कंपनी की अहम भूमिका सामने आई है, जिसके निदेशक अयन सिल हैं।

👉OMR शीट्स में हेरफेर, अयोग्य उम्मीदवारों को दिलाई नौकरी

जांच में पता चला कि M/s ABS Infozon Pvt Ltd को कई नगरपालिकाओं की भर्ती प्रक्रिया के लिए ठेके दिए गए थे। इन ठेकों में प्रश्नपत्र छपाई, OMR शीट तैयार करना, मार्क्स की जांच और मेरिट लिस्ट तैयार करना जैसे कार्य शामिल थे। ईडी ने खुलासा किया कि अयन सिल ने राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के साथ मिलकर OMR शीट्स में हेरफेर किया, जिसके जरिए पैसे लेकर अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरी दी गई।

👉पहले भी हो चुकी है छापेमारी

ईडी ने बताया कि अयन सिल के खिलाफ प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के दौरान भी छापेमारी की गई थी। उस दौरान जब्त डिजिटल सबूतों से पता चला कि सिल का नेटवर्क न केवल शिक्षक भर्ती, बल्कि कई नगरपालिकाओं की भर्तियों में भी सक्रिय था। इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में सुजीत बोस और राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री रथिन घोष के ठिकानों पर छापेमारी की थी।