बीजापुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ गुरुवार का दिन ऐतिहासिक रहा। राज्य के बीजापुर जिले में माओवादी संगठन के शीर्ष नेता सतीश उर्फ टी. वासुदेव राव उर्फ रूपेश सहित 170 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में कई टॉप लीडर और भारी मात्रा में हथियार शामिल थे।
रूपेश माओवादी संगठन की सेंट्रल कमेटी का सदस्य (सीसीएम) था और माड़ डिवीजन व इंद्रावती एरिया कमेटी में सक्रिय रहा। उस पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था। वहीं अन्य आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर ₹5 लाख से ₹25 लाख तक का इनाम था। सरेंडर के दौरान AK-47, INSAS, SLR और .303 रायफलें सहित भारी हथियार बरामद हुए।
👉नदी पार कर पहुंचे पुलिस के हवाले
सभी नक्सली इंद्रावती नदी के उसपरी घाट पहुंचे, जहां से उन्हें नाव के जरिए बीजापुर पुलिस के हवाले किया गया। सुरक्षा के मद्देनज़र पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा। गृह मंत्री विजय शर्मा मौके पर जगदलपुर पहुंच चुके हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष इन सभी का आधिकारिक आत्मसमर्पण कराया जाएगा।
👉10 बड़े नक्सली नेताओं ने भी डाले हथियार

इस सामूहिक आत्मसमर्पण में 10 वरिष्ठ नक्सली जिनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं, रनिता – एसजेडसीएम, माड़ डिवीजनल कमेटी सचिव, भास्कर – डीवीसीएम, पीएल 32, नीला उर्फ नंदे – डीवीसीएम, नेलनार एरिया कमेटी सचिव, दीपक पालो – डीवीसीएम, इंद्रावती एरिया कमेटी सचिव शामिल हैं।
👉केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर घोषणा करते हुए लिखा, “छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ व उत्तर बस्तर, जो कभी नक्सल आतंक के गढ़ थे, आज पूरी तरह नक्सलमुक्त हो चुके हैं।” उन्होंने कहा कि अब सिर्फ दक्षिण बस्तर में कुछ छिटपुट गतिविधियां बची हैं, जिन्हें जल्द समाप्त कर दिया जाएगा। शाह ने बताया कि जनवरी 2024 से अब तक 2100 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं, 1785 गिरफ्तार हुए और 477 को सुरक्षा बलों ने न्यूट्रलाइज किया है।
👉दो दिनों में 258 नक्सलियों का आत्मसमर्पण

गृह मंत्री ने बताया कि गुरुवार को 170, बुधवार को 27 और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दो दिनों में कुल 258 माओवादियों ने हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया। शाह ने दोहराया, “हथियार छोड़ने वालों का स्वागत है, लेकिन जो लड़ेंगे उन्हें जवाब सुरक्षा बल देंगे।”
👉कांकेर में 50+ नक्सलियों ने सरेंडर
15 अक्टूबर को उत्तर बस्तर के कांकेर जिले में 50 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें राजू सलाम, कमांडर प्रसाद और मीना जैसे टॉप लीडर शामिल थे। ये सभी बीएसएफ कैंप कामतेड़ा में पहुंचे और बसों से लाकर इनकी पहचान की जा रही है। इससे पहले, गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) में माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य मोजुल्ला वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति ने 60 साथियों सहित सरेंडर किया। उस पर ₹6 करोड़ से अधिक का इनाम था और वह 1980 से संगठन से जुड़ा था।
👉नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या घटी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 रह गई है। सबसे अधिक प्रभावित बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर हैं।
👉20 महीनों में 1876 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले 20 महीनों में 1876 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। ये सभी सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ लेकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। छत्तीसगढ़ में हो रहे ये बड़े सरेंडर अभियान यह दिखाते हैं कि नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में है। सरकार का दावा है कि 31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलमुक्त बना दिया जाएगा। आत्मसमर्पण करने वालों को समाज में पुनर्वास का मौका मिलेगा और बाकी माओवादियों को भी मुख्यधारा में लौटने की अपील की गई है।