उत्तरप्रदेश। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या में भगवान श्रीराम और माता सीता के प्रतीकात्मक रूपों का ‘राज्याभिषेक’ कर नौवें भव्य दीपोत्सव का उद्घाटन किया।
पूजा-अर्चना और विशेष कार्यक्रमों के बाद उन्होंने दीपोत्सव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी, तो इसका उद्देश्य दुनिया को दिखाना था कि असली दीपोत्सव कैसा होता है। सरयू तट पर राम की पैड़ी पर आयोजित इस भव्य अवसर पर शानदार लेजर और लाइट शो के साथ रामलीला का मंचन किया गया। दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजा घाट भारी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर रहा था।
👉दीपोत्सव 2025 में 26,17,215 दीप प्रज्वलित


इस वर्ष दीपोत्सव समारोह के दौरान दो विश्व कीर्तिमान स्थापित किए गए। एक साथ 26,17,215 दीप प्रज्वलित किए गए और 2,128 लोगों ने एक साथ सरयू आरती में भाग लिया। ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ के प्रतिनिधियों ने ड्रोन के माध्यम से दीपों की गणना की पुष्टि की और इसे आधिकारिक रूप से दर्ज किया।अयोध्या में राज्याभिषेक समारोह में पहुंचे संतों ने इस दीपोत्सव को प्राचीन विक्रमादित्य की परंपरा का पुनरुत्थान बताते हुए कहा कि इसे देखकर त्रेता युग का अनुभव हुआ। संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने वह किया जो युगों तक असंभव माना जाता था।
👉उपलब्धि के सम्मान में मुख्यमंत्री को दो गिनीज प्रमाणपत्र

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस उपलब्धि के सम्मान में मुख्यमंत्री को दो गिनीज प्रमाणपत्र प्रदान किए। पहला पुरस्कार “सबसे बड़ी संख्या में तेल के दीये जलाने” के लिए और दूसरा पुरस्कार “सबसे अधिक लोगों द्वारा एक साथ आरती करने” के लिए दिया गया। अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने भगवान राम को “मिथक” बताया और समाजवादी पार्टी की सरकार में रामभक्तों पर गोलियां चलाई गईं।
👉पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 1.51 करोड़ दीप जलाए जा रहे हैं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जिन्होंने कभी बाबर की कब्र पर सजदा किया, वही लोग श्रीराम जन्मभूमि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में शामिल नहीं हुए। सीएम ने अयोध्या के तेज़ी से हुए विकास का जिक्र करते हुए कहा कि यह नगरी अब “विकास और विरासत का अद्भुत संगम” बन चुकी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पूरे उत्तर प्रदेश में कुल 1.51 करोड़ दीप जलाए जा रहे हैं और जहां कभी गोलियों की आवाज़ सुनाई देती थी, अब वहां दीपों की रोशनी फैली हुई है।