CG :रेल हादसा ,मासूम की हुई पहचान ,हादसे में माता -पिता का सिर से साया उठा ,नानी भी नहीं रही,अन्य घायलों के भी आए नाम ,हादसे की यह आई प्रारंभिक वजह ….

बिलासपुर । बिलासपुर में लाल खदान के पास गतौरा में हुए गेवरा रोड मेमू लोकल व मालगाड़ी के मध्य हुए ट्रेन हादसे में अकेले मिले घायल मासूम की पहचान हो गई है। इस हादसे में बालक के साथ बड़ा दु:खद पहलू यह रहा कि मासूम बच्चा अपने माता-पिता और नानी के साथ यात्रा कर रहा था जिसमें माता-पिता और नानी की दर्दनाक मौत हो गई। मासूम की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उसके परिजन अस्पताल पहुंचे हुए हैं।

समाचार सहयोगी ने बिलासपुर रेलवे अस्पताल में मौजूद बालक के परिजन के हवाले से बताया कि यह बालक अपने माता-पिता और नानी के साथ नैला स्टेशन से उक्त गेवरा रोड मेमू लोकल में सवार हुआ था और सभी बिलासपुर जा रहे थे।

ट्रेन में मासूम के साथ मां शीला यादव, पिता अर्जुन यादव और नानी मानवती यादव भी सवार थे। हादसे में शीला यादव, अर्जुन यादव और मानवती यादव की मौत हो गई। रेलवे अस्पताल बिलासपुर में मां शीला यादव की मृतदेह रखी गई है वहीं सिम्स में अर्जुन और मानवती यादव की मृतदेह रखी गई है जो बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द की जाएगी। बालक का नाम ऋषि यादव बताया गया है और रेलवे अस्पताल से उसे रेफर कर अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रेलवे के द्वारा मासूम का उपचार कराया जा रहा है। उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

👉घायलों में इनके नाम भी सामने आए

बिलासपुर ट्रेन हादसे में बिलासपुर के तीन हॉस्पिटल में 14 लोगों का इलाज जारी है। सिम्स हॉस्पिटल में
5 लोगों का इलाज जारी है। इनमें मथुरा भास्कर – परसदा, बिलासपुर , चौरा भास्कर- परसदा, बिलासपुर , शत्रुघन- परसदा, बिलासपुर , गीता देव नाथ- हेमु नगर, बिलासपुर और मिहबीश- नैला, जांजगीर के नाम शामिल हैं। दो लोगों का इलाज अपोलो हॉस्पिटल में किया जा रहा है जिसमें रश्मि और संतोष हंसराज शामिल हैं। सेंट्रल हॉस्पिटल में कविता यादव- झंडा चौक, रायपुर , अंजला साहू- कापन, श्याम देवी गौतम- कापन, प्रीतम कुमार- जयराम नगर, शैलेश चंद्रा- सिरगिट्टी, बिलासपुर और एक अज्ञात बालक का नाम शामिल है।

👉प्रथम दृष्टया सिग्नल ओवरशूट हादसे की वजह

विश्वस्त सूत्रों की मानें तो घटना की प्रमुख वजह सिग्नल ओवरशूट बताई जा रही है। गतौरा से बिलासपुर स्टेशन के दौरान जिस ट्रैक पर मालगाड़ी खड़ी थी। उस ट्रैक पर रेड सिग्नल था। लेकिन करीब 70 -80 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से बिलासपुर रेलवे स्टेशन से आगे की ओर आगे बढ़ रही मेमू ट्रेन चालक ने सिग्नल ओवरशूट कर उसी टैक में मेमू ट्रेन आगे बढ़ा दी। जो मालगाड़ी के पीछे हिस्से से सीधे टकरा गई। इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगने की वजह से मेमू ट्रेन की बोगी मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। और भयावह हादसे ने दर्जनों लोगों को असमय काल के गाल में धकेल दिया। गौरतलब हो कि सिग्नल ओवरशूट की वजह से ही उड़ीसा के बालासोर में भयावह ट्रेन हादसा हुआ था जिसमें सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई थी। जिसके बाद से ही ट्रेन की सुरक्षा सिस्टम प्रणाली पर सवाल उठे थे,अब एक बार फिर रेल प्रशासन जनता ,विपक्ष के निशाने पर है।