CG : बालको के G -9 प्रोजेक्ट पर गरमाई सियासत ,मंत्री श्री देवांगन ने किया था भूमिपूजन अब पूर्व मंत्री जयसिंह ने बताया अवैध ,मुख्यमंत्री से इन बिंदुओं पर शिकायत कर की तत्काल रोक लगाने की मांग ,देखें शिकायत पत्र ……

कोरबा । कोरबा में बालको के निर्माणाधीन जी-9 मंजिला आधुनिक भवन निर्माण पर राजनीति गरमा गयी है। तीन दिन पहले ही इस निर्माण कार्य का श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने भूमिपूजन किया था। वहीं अब पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको के इस निर्माण पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की है। जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन पर राजस्व नियमों, पर्यावरणीय कानूनों, वन संरक्षण अधिनियम समेत सभी वैधानिक नियम और कानून की धज्जियां उड़ाने का गंभीर आरोप लगाया है।

गौरतलब है कि बालको के सेक्टर-6 में प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों के आवासीय सुविधाओं के लिए 9 मंजिला आधुनिक आवासीय भवन का निर्माण कराने वाला है। बालको प्रबंधन के इस करोड़ों रूपयें के प्रोजक्ट का भूमिपूजन 17 नवंबर को प्रदेश के श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन ने की थी। इस भूमिपूजन के बाद अब पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन पर मनमानी और नियमों की धज्जियां उड़ाकर 9 मंजिला भवन बनाने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बालको के इस निर्माण पर तत्काल रोक लगाकर जांच की मांग की है।

👉पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने क्या लगाए हैं आरोप

बालको के सेक्टर-6 में बनने वाले इस 9 मंजिला भवन के निर्माण को लेकर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने बालको प्रबंधन पर गंभीर एवं आपराधिक प्रकृति के आरोप लगाए हैं। उन्होने जी-9 नाम से संचालित यह प्रोजेक्ट राजस्व नियमों, पर्यावरणीय कानूनों, वन संरक्षण अधिनियम, नगर नियोजन अधिनियम तथा सार्वजनिक संपत्ति संरक्षण कानूनों का खुला उल्लंघन करता प्रतीत हो रहा है।

👉जयसिंह अग्रवाल ने अपनी शिकायत में निम्न बिंदुओं पर गंभीर आरोप लगाये है।👇

1.जंगल-मद भूमि पर अवैध निर्माण

खसरा नंबर 191/1 को बालको ने सामान्य भूमि बताकर फर्जी अभिलेख प्रस्तुत किए, जबकि राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि जंगल-मद दर्ज है। ऐसी भूमि पर निर्माण करने के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार की अनिवार्य अनुमति आवश्यक होती है जिसे बालको ने जानबूझकर छिपाया।

2.440 पेड़ों की वास्तविक संख्या छिपाकर फर्जी पेड़-कटाई रिपोर्ट

स्थल निरीक्षण में लगभग 440 वृक्ष पाए गए, लेकिन बालको ने केवल “172 वृक्ष” बताकर फर्जी रिपोर्ट तैयार करवाई। यह पर्यावरण संरक्षण अधिनियम तथा जैव विविधता अधिनियम का गंभीर उल्लंघन है।

3.SDM द्वारा अनुमति निरस्त करने के बाद भी लगातार अवैध निर्माण

जारी- 03 जून 2025 को एसडीएम राजस्व द्वारा अनुमति निरस्त किए जाने के बावजूद बालको ने निर्माण कार्य जारी रखा, ड्रेनेज/नाला अवरुद्ध किया, सार्वजनिक मार्ग पर कब्जा बढ़ाया और बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु अतिक्रमण किया। यह प्रशासनिक आदेश की खुली अवमानना है।

4 .अवैधताओं पर पर्दा डालने हेतु भूमिपूजन का आयोजन

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने 17 नवंबर को मंत्री लखनलाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य में आयोजित भूमिपूजन पर भी सवाल उठाया है। उन्होने आरोप लगाया है कि बालको प्रबंधन अपने अवैधताओं पर पर्दा डालने के लिए भूमिपूजन का आयोजन किया गया। ताकि उसके इस अवैधानिक कृत्य पर शासन-प्रशासन की नजर न पड़े। अग्रवाल ने इस भूमिपूजन के आयोजन के जरिये जनता को भ्रमित करने का कृत्य बताते हुए इसकी भर्त्सना की है।

5 .सार्वजनिक मार्ग का अवैध अवरोध

नागरिक अधिकारों का हनन- मिनीमाता चैक से इंदिरा मार्केट तक जाने वाला प्रमुख मार्ग बालको द्वारा अवरुद्ध किया जा रहा है जिससे व्यापारियों, विद्यार्थियों, दैनिक यात्रियों और टाउनशिप निवासियों को भारी परेशानी हो रही है।

6 .सार्वजनिक भूमि व जल निकासी मार्ग पर अवैध कब्जा

बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु सार्वजनिक भूमि व ड्रेनेज लाइन पर अतिक्रमण कर जलभराव व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

👉मुख्यमंत्री से की गई प्रमुख मांगें

पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से तत्काल G-9 परियोजना के सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगाने, भूमि, पर्यावरण व स्वीकृतियों की उच्चस्तरीय विशेष जांच,फर्जी दस्तावेजों व आदेश उल्लंघन पर BALCO प्रबंधन के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने व सार्वजनिक मार्ग को तुरंत खोलने, ड्रेनेज व भूमि को मूल स्थिति में पुनर्स्थापित करने तथा संलिप्त अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई जैसे निर्णय लेने की मांग की है। जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि….“यह केवल अवैध निर्माण का मामला नहीं, बल्कि कानून, पर्यावरण और नागरिक अधिकारों पर संगठित हमला है।” अग्रवाल ने कहा कि बालको प्रबंधन की इन कार्रवाइयों से यह सिद्ध होता है कि वे स्वयं को कानून से ऊपर मानते हैं।