0 सिंधी समाज के आराध्य और अग्रवाल समाज के महापुरुष को लेकर दिया था विवादित बयान
रायपुर। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल को 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
बता दें कि अमित बघेल सरेंडर करने पहुंचे। काफी दिनों से फरार चल रहे अमित बघेल 5 दिसंबर को रायपुर के देवेंद्र नगर थाना पहुंचे। यहां पुलिस ने अमित बघेल की गिरफ्तारी कर ली। सिंधी समाज के आराध्य और अग्रवाल समाज के महापुरुष को लेकर विवादित बयान देने के मामले में लगातार पुलिस अमित बघेल की गिरफ्तारी के लिए तलाश में जुटी हुई थी। साथ ही उनकी जानकारी देने वाले पर 5000 रुपए का इनाम भी घोषित किया था।
👉तीन दिन की रिमांड पर अमित बघेल

पुलिस ने अमित बघेल को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने अमित बघेल को 3 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। हालांकि जेल भेजने से पहले अमित बघेल पुलिस कस्टडी में ही अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के लिए अपने पैतृक गांव जाएगा। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को अमित बघेल की मां का निधन हो गया था। समर्थकों का दावा है कि मां के निधन की खबर सुनने के बाद ही अमित बघेल सरेंडर करने थाने आ रहे थे।
👉26 दिनों से था फरार
अमित शाह ने सिंधी समाज के देवी देवताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद समाज के लोगों ने अमित बघेल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। अमित बघेल के खिलाफ देश के अलग-अलग 12 राज्यों के थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है। अमित बघेल ने अग्रिम जमानत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी जिस कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस दौरान कोर्ट ने अमित बघेल को फटकार लगाई थी।
👉5 हजार का इनाम घोषित था
पुलिस ने अमित बघेल की गिरफ्तारी के लिए 5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। अमित बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर और ग्वालियर, यूपी प्रयागराज, नोएडा और महाराष्ट्र में केस दर्ज कराया गया था।
👉क्या है मामला
दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने को लेकर हुई थी। रायपुर में एक युवक ने छत्तीसगढ़ महातारी की मूर्ति को तोड़ दिया था। जिसे लेकर छत्तीसगढ़ क्रांति सेना ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल ने अग्रसेन महाराज, सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल पर टिप्पणी की थी। जिसके बाद उसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हुए थे।
