रायपुर। राज्य में आयकर विभाग ने गुरुवार को एक बड़ी और सँयुक्त छापेमारी कार्रवाई को अंजाम दिया।। रायपुर, भिलाई, दुर्ग और जगदलपुर में कुल 42 से अधिकपाप ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। यह ऑपरेशन प्रमुख उद्योगपतियों अरविंद अग्रवाल, विकास अग्रवाल और विपिन अग्रवाल के स्वामित्व वाले व्यावसायिक समूहों और उनसे जुड़े उद्यमों पर केंद्रित था।
👉किस-किस जगह पड़े छापे?

इस कार्रवाई में जिन बिज़नेस कंपनियों को टारगेट किया गया, उनमें ओम स्पंज, देवी स्पंज, अग्रवाल ग्रुप की कई दूसरी इंडस्ट्रियल यूनिट्स, कॉर्पोरेट ऑफिस, फैक्ट्री और रायपुर में मौजूद रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स और लग्ज़री बंगले शामिल हैं। इन कंपनियों के ऑफिस में छापे के दौरान भारी मात्रा में डॉक्यूमेंट्स, डिजिटल डेटा और फाइनेंशियल रिकॉर्ड ज़ब्त किए गए, जिनमें ढाई सौ से ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
👉ये सबूत मिले
छापेमारी के दौरान विभाग ने बड़ी मात्रा में, लैपटॉप, डेस्कटॉप, मोबाइल फोन, अकाउंटिंग रिकॉर्ड, कच्चे-पक्के बिल और डिजिटल लेनदेन डेटा एविडेंस एक्ट के तहत सीज किया है। प्रारंभिक जांच में आयकर विभाग को करीब 300 करोड़ रुपए की कर चोरी का संदेह हुआ है।
👉कैश और सोना भी बरामद
छापों के दौरान अग्रवाल बंधुओं के ठिकानों से 5 करोड़ रुपए कैश, 5 किलो सोना और अन्य जेवरात जब्त किए गए हैं। सभी दस्तावेजों और डिजिटल डिवाइस का फॉरेंसिक विश्लेषण जारी है।
👉150 CRPF जवानों की मदद से चला ऑपरेशन
ऑपरेशन की संवेदनशीलता और व्यापकता को देखते हुए 150 CRPF जवानों को सुरक्षा में लगाया गया। सिलतरा इंडस्ट्रियल एस्टेट, उर्ला इंडस्ट्रियल एरिया और तिल्दा के औद्योगिक क्षेत्रों में 10 बड़ी औद्योगिक इकाइयों की गहन जांच की गई।
आपको बता दें कि पूरे ऑपरेशन को पीडीआईटी, इन्वेस्टिगेशन विंग– रवि किरण (आईआरएस, 1996 बैच), फील्ड लेवल कमांड– भरत शेगांवकर (जेडीआईटी, आईआरएस 2013 बैच), ऑपरेशनल सुपरविजन– नवल जैन (आईआरएस, 2020 बैच) ने लीड किया, इसके अलावा रायपुर, दुर्ग, भिलाई और जगदलपुर के करीब 40 आयकर अधिकारी छापेमारी में शामिल थे।
आयकर विभाग सभी संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज कर रहा है। जब्त दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की विस्तृत जांच के आधार पर आगे बड़ी कार्रवाई की संभावना है। आयकर विभाग की यह रेड छत्तीसगढ़ की हाल के वर्षों की सबसे बड़ी टैक्स इन्वेस्टिगेशन कार्रवाई मानी जा रही है।
