KORBA : DMF से एक दिन मॉडल जिला बनेगा कोरबा -मंत्री श्री देवांगन,वित्तीय वर्ष 2025-26 के स्वीकृत कार्यों की प्रगति, कार्योत्तर स्वीकृति एवं नई कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा ,शासी परिषद की बैठक में DMF राशि व्यय के नए नियमों की दी गई जानकारी

0 शहर के सड़कों के डामरीकरण और बेलगरी बस्ती क्षेत्र में पुल-सड़क निर्माण कर यातायात को बेहतर बनाने मंत्री ने दिए निर्देश

कोरबा। छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य, उद्योग, आबकारी, सार्वजनिक उपक्रम एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास कोरबा की शासी परिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान स्वीकृत कार्यों की प्रगति, किए गए कार्यों की कार्योत्तर स्वीकृति तथा आगामी वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना को अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर विधायक कटघोरा प्रेमचंद पटेल, विधायक पाली-तानाखार क्षेत्र तुलेश्वर सिंह मरकाम, विधायक रामपुर के प्रतिनिधि, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार सिंह, महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे, जबकि पदेन अध्यक्ष कलेक्टर श्री अजीत वसंत, वनमंडलाधिकारी कोरबा श्रीमती प्रेमलता यादव, कटघोरा के डीएफओ कुमार निशांत, आयुक्त नगर निगम आशुतोष पांडेय, जिला पंचायत सीईओ दिनेश नाग, सांसद-विधायक प्रतिनिधि, अपर कलेक्टर देवेन्द्र पटेल, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधुरी सोम, एसडीएम कोरबा सरोज महिलांगे सहित अन्य विभागीय अधिकारी बैठक में सम्मिलित हुए।

बैठक में डीएमएफ अंतर्गत विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। चर्चा के दौरान मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि जिले के समग्र विकास में डीएमएफ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सभी जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास के कार्य तेजी से संचालित किए जा रहे हैं और यदि यही गति बनी रही, तो कोरबा शीघ्र ही एक मॉडल जिले के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से जिले में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, पौष्टिक आहार, पीवीटीजी समुदाय को रोजगार, नीट की कोचिंग जैसी जनहितैषी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे आमजन की आवश्यकताओं का समाधान भी होगा और क्षेत्र के समग्र विकास को मजबूती भी मिलेगी। उन्होंने डीएमएफ के माध्यम से शहर के सड़कों में डामरीकरण करने, बेलगरी बस्ती क्षेत्र में पुल और सड़क का निर्माण कर यातायात को बेहतर बनाने के निर्देश दिए।
मंत्री श्री देवांगन ने यह भी कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए डीएमएफ राशि का प्रावधान सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की भी मंशा है कि खनन प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो और जनता को बेहतर सेवाएँ उपलब्ध हों। कलेक्टर एवं जिला प्रशासन इस दिशा में कार्य कर रहा है तथा डीएमएफ का उपयोग उच्च प्राथमिकता वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता एवं संवेदनशीलता के साथ किया जा रहा है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्वीकृत कार्यों की नियमित समीक्षा सुनिश्चित की जाए, निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों और गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी न हो। साथ ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभागीय कार्यों का प्राक्कलन तैयार कर समय पर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशन में बुका-सतरेंगा एवं झोराघाट क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कोरबा जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी।

👉अपने उद्बोधन में विधायक कटघोरा प्रेमचंद पटेल ने कहा कि डीएमएफ राशि से जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहे हैं। शासन की मंशा के अनुरूप उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सोलर ऊर्जा, कौशल विकास, आजीविका संवर्धन, रोजगार सृजन तथा ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के समग्र विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

👉 विधायक पाली-तानाखार तुलेश्वर मरकाम ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में डीएमएफ के उपयोग को विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए जिला प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।

👉जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह कंवर ने पीवीटीजी एवं आदिवासी समुदाय के लिए आदर्श गांवों की परिकल्पना, राखड़ के उपयोग से सीसी रोड निर्माण, शाला त्यागी बच्चों को विद्यालय से जोड़ने जैसी पहल का समर्थन करते हुए डीएमएफ के विस्तारवादी एवं जनहितैषी उपयोग की प्रशंसा की।

👉 महापौर श्रीमती संजू देवी राजपूत ने शहरी क्षेत्रों की आवश्यकताओं को रखते हुए डीएमएफ से शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना विकास तथा सार्वजनिक सुविधाओं के विस्तार से आमजन को व्यापक लाभ मिलने की बात कही।

👉कलेक्टर अजीत वसंत ने बैठक के विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष डीएमएफ नियमों में संशोधन किया गया है, जिसे आगामी वित्तीय वर्ष से राज्य शासन द्वारा लागू किया जा रहा है। नए नियमों के अनुसार डीएमएफ राशि का 70 प्रतिशत उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों तथा 30 प्रतिशत अन्य कार्यों पर व्यय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में योजनाएँ बनाते समय इन नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है। कलेक्टर ने बताया कि नए प्रावधानों के अंतर्गत खनन क्षेत्र से 15 किलोमीटर तक के क्षेत्र को प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र और 25 किलोमीटर तक को अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र माना जाएगा। इससे डीएमएफ की लगभग 95 प्रतिशत राशि कोरबा जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों में व्यय की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले के 792 में से 782 ग्राम डीएमएफ राशि से लाभान्वित होंगे, जबकि प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र से बाहर रहने वाले 10 ग्रामों को डीएमएफ लाभ में शामिल करने हेतु भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया गया है। कलेक्टर ने यह भी बताया कि कोरबा जिले से अन्य जिलों के प्रभावित क्षेत्रों को तथा अन्य जिलों से कोरबा के प्रभावित ग्रामों को प्राप्त होने वाली डीएमएफ राशि की विस्तृत जानकारी भी बैठक में प्रस्तुत की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में लगभग 700 करोड़ रुपये की डीएमएफ राशि प्राप्त होने की संभावना है। आगामी कार्ययोजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण एवं नगरीय विकास तथा अधोसंरचना निर्माण को प्राथमिकता दी गई है।
बैठक में वर्ष 2025-26 के महत्वपूर्ण कार्यों, प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के प्रावधानों, न्यास राशि के उपयोग, विभिन्न वित्तीय प्रगतियों तथा आगामी कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की गई। जिला पंचायत सीईओ श्री दिनेश नाग ने डीएमएफ से संबंधित गतिविधियों, प्रगति तथा आगामी वर्ष के कार्ययोजना के मसौदे की जानकारी प्रस्तुत की। शासी परिषद के समक्ष डीएमएफ नियमों, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रों की अद्यतन स्थिति, भुगतान की स्थिति, डीएमएफ की प्राप्ति एवं व्यय, तथा महालेखाकार द्वारा संपादित आडिट की स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया। आडिट में प्राप्त बिंदुओं के समाधान, अनुपालन तथा भविष्य में पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व बढ़ाने संबंधी कदमों पर भी चर्चा की गई। परिषद ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना अनुमोदन हेतु प्रस्तुत प्रस्तावों पर विचार करते हुए प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक सुझाव प्रदान किए और भविष्य की योजनाओं के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक का समापन जिले के खनन प्रभावित क्षेत्रों में समग्र विकास, जनहित में संसाधनों के प्रभावी उपयोग एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ किया गया।