नई दिल्ली। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने भारत में बनी बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सील को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दे दी है। इससे पहले वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति केवल क्लिनिकल ट्रायल मोड में थी। संगठन ने अब इस शर्त को समाप्त कर दिया है। कंपनी ने वैक्सीन के अंतिम ट्रायल से पहले वैक्सीन पर समीक्षा करने के लिए चर्चा की थी। कंपनी ने तीन-चार दिन पहले अंतरिम चरण 3 परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। कंपनी ने बीते हफ्ते बताया था कि उसकी वैक्सीन तीसरे चरण के ट्रायल में 81 फीसद कारगर पाई गई है। हालांकि, इस चरण की रिपोर्ट अभी प्रकाशित नहीं की गई है।
कोवैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल में गत सिंतबर में 12 से 18 वर्ष और 55 से 65 साल की उम्र के 380 लोगों को शामिल किया गया था।
ट्रायल के दौरान प्रतिभागियों को वैक्सीन की पहली खुराक देने के 28 दिनों बाद दूसरी डोज दी गई थी। कंपनी ने बताया है कि तीसरे चरण के ट्रायल में 18 से 98 साल की उम्र के 25 हजार 800 लोगों को शामिल किया गया। आपको बता दें कि कोवैक्सीन भारत का पहला स्वदेशी टीका है और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित गया है। यह उन दो कोरोना टीकों में से एक है जो भारत में सुरक्षित आपातकालीन उपयोग के लिए मौजूद है। दूसरा टीका कोविशिल्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया गया है और भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित किया गया है।
आपको बता दें कि भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान ने तेजी पकड़ ली। परीक्षण में सुरक्षित पाए जाने के बाद कोवैक्सीन की मांग बढ़ गई है। शुरुआती दौर में इस वैक्सीन को लेकर लोगों में थोड़ी दुविधा थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह वैक्सीन लगवाने का लोगों में सकारात्मक संदेश गया है। देश में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन भी लगाई जा रही है।