शिप्रा नदी में विस्फोट वाली जगह मीथेन या इथेन गैस की संभावना, अब ONGC की टीम करेगी जांच

उज्जैन: उज्जैन में शिप्रा नदी (Shipra River) के त्रिवेणी घाट स्टॉप डैम के पास बने नए घाट के सामने नदी में 26 फरवरी से लगातार धमाके होने की सूचना मिलने से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया था. आनन फानन में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने भूगर्भीय जानकारों की मदद लेने और जांच करने को लेकर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (Geological Survey of India) की टीम को मेल किया.

GSI ने ​मीथेन या इथेन गैस की संभावना जताई
तीन सदस्य टीम ने एक दिन बाद विस्फोट वाली जगह से 6 सैम्पल्स लिए.

अब जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में विस्फोट वाली जगह पर मीथेन और इथेन गैस होने संभावना जताई गई है. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में दो गैसों का जिक्र करने के बाद उज्जैन कलेक्टर ने ऑयल एंड नेचुरल गैस कार्पोरेशन लिमिटेड को मेल किया है.

अब ONGC की टीम विस्फोट वाली जगह करेगी जांच
अब ओएनजीसी की टीम ​शिप्रा नदी में विस्फोट और भूगर्भीय धमाकों की जांच करेगी. दरअसल, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कुछ भी तथ्यपरक नहीं है. सिर्फ संभावना जताई गई है कि मीथेन और इथेन गैस हो सकती है, जिसके कारण धमाके हो रहे हों. या फिर मंदिर का अपशिष्ट एक जगह इकट्ठा होने से विस्फोट हो रहे हों. इस संभावित रिपोर्ट के आधार पर ही कलेक्टर ने ओएनजीसी की टीम को जांच के लिए बुलाया है.

मंदिर अपशिष्ट के इकट्ठा होने से भी विस्फोट संभव
हर बार शनिचरी अमावस्या को त्रिवेणी स्थित शिप्रा नदी में नहान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पंहुचते हैं. शनि मंदिर में पूजन अर्चन भी करते हैं. शनिचरी अमावस्या के दिन शिप्रा में जहां नहान होती है वह स्थान नदी में विस्फोट वाली जगह के नजदीक है. कई श्रद्धालु उस जगह भी नहान करते हैं.

इसको लेकर उज्जैन प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए विस्फोट वाली जगह को सील कर दिया है. उस स्थान पर जाने से लोगों को प्रतिबंधित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अप स्ट्रीम और डाउन स्ट्रीम में पानी स्थिर है और जमा हुआ है. मंदिर से निकलने वाले अपशिष्ट को नदी में फेंकने से रोकना होगा.