0 गर्भवती बालिका ने बच्चे को जन्म दिया तब हुआ खुलासा, बालको पुुुलिस की त्वरित कार्यवाही से 3 आरोपी जेल भेेेजेे गए
कोरबा-बालकोनगर । 14 साल की मूक-बधिर बालिका को बाइक में घुमाने के बहाने ले जाकर 50 रुपए व चॉकलेट का लालच देकर एक साल से दुष्कर्म किया जा रहा था। बालिका जब गर्भवती हुई और स्वस्थ शिशु को अस्पताल में जन्म दिया तब पुलिस को इस मामले की जानकारी हुई। त्वरित कार्यवाही कर बालको पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया है।

जानकारी के अनुसार बालको थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की महज 14 वर्षीय बालिका ने 12 मार्च को अस्पताल में बालक को जन्म दिया। नाबालिग अवस्था में बच्चे को जन्म देने के इस मामले की सूचना अस्पताल के द्वारा पुलिस को दी गई। चूंकि मामला बालको थाना क्षेत्र का होने से थाना प्रभारी निरीक्षक राकेश कुमार मिश्रा ने इसे गंभीरता से लिया व पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा के मार्गदर्शन में त्वरित पड़ताल शुरू की। चूंकि इस मामले में बालिका के माता-पिता व परिजनों द्वारा कभी भी इस विषय में पुलिस को या किसी अन्य को नहीं बताया गया कि पुत्री गर्भ से है और उसके साथ दुष्कर्म की घटना हुई है। बालिका के मूक-बधिर होने के कारण पुलिस को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। थाना प्रभारी ने पीड़िता का कथन बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर दर्ज कराया। इस कार्य में मूक-बधिर अनुवादक की मदद ली गई। बयान दर्ज होने से पता चला कि बालिका को 3 लोग बहला-फुसला कर मोटर साइकिल में बिठाकर ले जाते थे और कभी 50 रुपए देकर तो कभी चॉकलेट का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म को अंजाम देते थे। जबरदस्ती और डरा-धमका कर बनाए जा रहे शारीरिक संबंध के कारण नाबालिग लड़की गर्भवती हो गई। पुलिस ने तत्काल इन दुष्कर्मियों की तलाश शुरू की और स्थानीय लोगों की मदद से संदेहियों को पकड़कर कड़ी पूछताछ की तो अपराध कबूल लिया।

डीएसपी मुख्यालय रामगोपाल करियारे के मार्गदर्शन व टीआई श्री मिश्रा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने आरोपियों सावन कुमार चौहान पिता स्व. शत्रुघन 30 वर्ष दुर्गा पंडाल के सामने परसाभाठा, रामकुमार गोंड़ पिता मनहरण सिंह उर्फ छोटू 24 वर्ष निवासी चंद्रोदय स्कूल के सामने परसाभाठा व मूल निवासी ग्राम सिल्ली बोईदा हरदीबाजार तथा राकेश राठौर पिता शांतिलाल 18 वर्ष परसाभाठा को गिरफ्तार किया। धारा 363, 376 क, 376 डी भादवि एवं पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत अपराध दर्ज कर इन सभी को शिनाख्त के लिए कार्यर्पालिक दण्डाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बालिका से शिनाख्त कराने उपरांत सभी को न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल करा दिया गया। इस पूरी कार्यवाही में एएसआई नीलम केरकेट्टा, प्रधान आरक्षक अजय सिंह, आरक्षक अनिल साहू, हरीश मरावी एवं सुरेश तंवर का अहम सहयोग रहा।