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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जिन पीएफ अंशधारकों के नियोक्ता अंशदान नहीं करते हैं, उन्हें सरकार सालाना पांच लाख तक के पीएफ पर कर छूट देगी।
वित्तमंत्री ने 1 फरवरी को पेश बजट में ढाई लाख से ऊपर पीएफ अंशदान में मिलने वाले ब्याज पर 1 अप्रैल से कर लगाने की बात की थी। वित्तमंत्री ने इस प्रावधान को लेकर संसद में स्पष्टीकरण दिया है। कर प्रस्तावों वाले वित्त विधेयक 2021 पर लोकसभा में मंगलवार को मुहर भी लग गई। विधेयक को 127 संशोधनों की स्वीकृति के साथ पारित किया गया।
वित्त विधेयक पर चर्चा के दौरान निर्मला ने जोर देकर कहा कि पीएफ अंशदान के ब्याज पर कर से केवल एक फीसदी अंशधारक ही प्रभावित होते हैं।
शेष अंशधारकों पर इसका प्रभाव इसलिए नहीं होता क्योंकि उनका योगदान प्रति वर्ष ढाई लाख रुपये से कम है।
बिल पर चर्चा के दौरान सीतारमण ने कहा, आयकर कानून में बदलाव वक्त की जरूरत है, कारोबार सुगमता के लिए ऐसा किया जाना आवश्यक था। इस विधेयक के माध्यम से सीमा शुल्क व्यवस्था में संशोधन की शुरुआत की जा रही है। कंपनियों के लिए कर कानूनों का अनुपालन करना मुश्किल हो रहा था। सरकार ने बदलाव की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। भविष्य में सुधार का सिलसिला जारी रहेगा।
डीजल-पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने के लिए चर्चा को तैयार सरकार
वित्तमंत्री ने कहा, अगर राज्य चाहें तो सरकार जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस पर चर्चा के लिए तैयार है। वित्तमंत्री ने कहा, केंद्र पर आरोप लगाने से पहले हमें यह भी देखना होगा कि इस पर राज्य भी कर लगाती हैं। सबसे अधिक कर महाराष्ट्र की सरकार वसूलती है।