कैसे करेंगे कुपोषण पर प्रहार,मासूमों को नहीं बंटा पोषण आहार

आशिंक लाकडाउन में केंद्र बन्द ,मासूमों के निवाले पर समूहों ने डाला डाका ,2 हजार से अधिक मासूमों के लिए नहीं पहुंचाया रेडी टू ईट
,कमीशन के खेल में कुपोषणमुक्त कोरबा बनाने की मंशा हो रही फेल

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ( भुवनेश्वर महतो )। कोरोना संक्रमणकाल में भले ही नोनिहालों की सेहत की फिक्र करते हुए शासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों में का संचालन बंद कर प्रदाय किए जाने वाले पोषण आहार ( रेडी टू ईट ) को बच्चों के घर तक पहुंचाकर दिए जाने की व्यवस्था की है । लेकिन जमीनी स्तर पर नेतानुमा लोगों के संरक्षण में चल रहे स्व सहायता समूह शासन की इस मंशा पर पानी फेर रहे हैं। अप्रैल माह के प्रथम मंगलवार टी एच आर वितरण दिवस 6 अप्रैल को पसान के 4 ,पोंडी के 3 एवं चोटिया के 1 कुल 8 सेक्टरों के तकरीबन 100 आंगनबाड़ी केंद्रों के 2 हजार नोनिहालों को रेडी टू ईट नहीं बंटा। स्व सहायता समूह द्वारा आपूर्ति नहीं किए जाने की वजह से कुपोषण से जंग लड़ रहे मासूम पोषण आहार से वंचित रह गए । मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।

यहाँ बताना होगा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है । जिले में 10 सेक्टरों के 2539 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष के बच्चों ,गर्भवती शिशुवती माताओं को सुपोषण अभियान के तहत विभिन्न पोषण आहारों से लाभान्वित किया जा रहा है । 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को प्रति मंगलवार के आधार पर माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को 2 -2 पैकेट (माह में पांच मंगलवार पड़े तो दूसरी बार 3 पैकेट) गेंहू चना ,शक्कर ,मूंगफली ,सोया तेल के मिश्रण से बने रेडी टू ईट दिए जाने का प्रावधान है । आकांक्षी जिला में शामिल होने की वजह से 1 से 3 वर्ष के गंभीर एवं सामान्य कुपोषित बच्चों के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफटी)के माध्यम से भी जंग लड़ी जा रही है । डीएमएफटी से संचालित प्रबल एवं सुपोषित जननी योजना के तहत विशेष पोषण आहार की कार्ययोजना तैयार की गई है । ताकि जल्द से जल्द बच्चे कुपोषण की गिरफ्त से बाहर निकल सकें । बच्चों को नारियल लड्डू,फल ,अंडा देने के बाद तिल गुड़ एवं सोया से निर्मित चिकी (पापड़ी )दी जा रही है । पैकेट बन्द यह पापड़ी राज्य शासन से सीधे आपूर्ति की जा रही है । हेल्दी स्नैक्स प्रायवेट लिमिटेड खरमोरा रायपुर के माध्यम के द्वारा प्रदेश के जिला ,परियोजना कार्यालय के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में पौष्टिक चिकी आपूर्ति की जा रही है । 3 से 6 वर्ष के नियमित आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले बच्चों को रेडी टू ईट व अन्य सामग्री का अलग अलग विधि से दिनवार नाश्ता और गरम भोजन दिए जाने का प्रावधान है । गर्भवती महिलाओं को भी 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों की तरह लाभान्वित किया जाना है । इस तरह जिले में इन तमाम सुपोषण योजनाओं के तहत तकरीबन डेढ़ लाख हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं। जिनके लिए प्रतिवर्ष पूरक पोषण आहार योजना और डीएमफटी से प्राप्त आबंटन को देखें तो तकरीबन 60 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं । लेकिन इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद भी जमीनी स्तर पर व्यापक पैमाने पर स्व सहायता समूह और जिम्मेदार अधिकारी मिलीभगत कर हितग्राहियों को योजनाओं का समुचित लाभ न दिलाकर शासन की कुपोषणमुक्त छत्तीसगढ़ की yu मंशा पर पानी फेरने में तुले हुए हैं । शासन ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्कूल कॉलेज के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन आगामी आदेश पर्यन्त बन्द कर दिया है । आँगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को 320 दिवस टीएचआर दिया जाना अनिवार्य रहता है । ताकि बच्चे कुपोषण से मुक्त रहें इसे देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों से लाभान्वित होने वाले बच्चों ,गर्भवती शिशुवती माताओं तक पोषण आहार कार्यकर्ताओं के माध्यम से पहुंचाने का निर्देश दिया गया है । इसके लिए रेडी टू ईट तैयार करने वाले स्व सहायता समूहों को प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार(टी एच आर दिवस) से पूर्व रेडी टू ईट प्रदाय किया जाना है । लेकिन शासन के आदेश के बावजूद स्व सहायता समूहों ने सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए रेडी टू ईट प्रदाय नहीं किया । प्रखर समाचार ने सूत्रों से मिल रही शिकायतों के आधार पर अप्रैल माह के पहले मंगलवार को पसान , चोटिया , पोंडी उपरोड़ा परियोजना के आँगनबाड़ी केंद्रों का जायजा लिया। जहाँ ग्राउंड रिपोर्ट में हैरान कर देने वाले नजारे सामने आए ।पसान परियोजना के अमली कुंडा ,लैंगा ,पसान ,कर्री, में हितग्राहियों को रेडी टू ईट नहीं बांटा गया है । पोंडी उपरोड़ा परियोजना के जटगा ,रावा ,तुमान में भी रेडी टू ईट प्रदाय नहीं किया गया है । चोटिया परियोजना के मोरगा सेक्टर में भी कमोबेश यही स्थिति नजर आई। जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर पसान परियोजना के कर्री सेक्टर के आंगनबाड़ी केंद्र चंद्रोटी ,तुलबुल ,पसान के पसान लोकडहा,कोटमर्रा के केंद्रों में टीएचआर का वितरण नहीं किया गया था। लैंगा के लैंगा ,रामपुर (लोकडहा)में मासूम टी एच आर से वंचित रह गए। अमलीकुंडा में भी वितरण नहीं किया गया था। वहीं पोंडी उपरोड़ा परियोजना में भी कमोबेश यही तस्वीर नजर आई । यहाँ जटगा सेक्टर के मातिन घोघरापारा ,घुमानीडाँड़,जटगा में हितग्राहियों को रेडी टू ईट नहीं बंटा । रावा ,तुमान सेक्टर में भी कमोबेश यही स्थिति नजर आई। चोटिया परियोजना के मोरगा सेक्टर के पतुरियाडांड,मोरगा में भी समूहों ने मासूमों को पोषण आहार से वंचित कर दिया। चोटिया परियोजना के पाली ,कोरबी पोंडी के पुटीपखना ,तनेरा सेक्टर के कई केंद्रों में टीएचआर प्रदाय नहीं किया गया।

ऐसा सेटिंग माह में बंटता है महज दो टीएचआर ,फिर भी पूरा भुगतान

हितग्राहियों ने हसदेव एक्सप्रेस न्यूज के सामने सुपोषण अभियान के नाम पर किए जा रहे आंकड़ों के बाजीगिरी की हवा निकाल दी । लगभग सभी जगह हितग्राहियों ने बताया कि माह में 4 से 5 मंगलवार पड़ने के बावजूद उन्हें महज 2 मंगलवार के हिसाब से 2 पैकेट रेडी टू ईट दिया जा रहा है । इस तरह हितग्राहियों की मानें तो 50 फीसदी सामग्री वितरण कर शत प्रतिशत वितरण दर्शाकर पर्यवेक्षक एवं अधिकारियों के साथ सांठगाँठकर नोनिहालों के निवाले पर डाका मारकर फर्जी बिल प्रस्तुत करते हुए शासन से लाखों का पूरा भुगतान लिया जा रहा है । प्रत्येक सेक्टर को माह में डेढ़ लाख से अधिक का भुगतान होता है । कमीशन के इस खेल में पर्यवेक्षकों से लेकर अधिकारियों की हिस्सेदारी बंधी हुई है । जिसकी वजह से मासूमों का बचपन कुपोषण की गिरफ्त में जकड़ा जा रहा है ।

इन समूहों का कारनामा नहीं हो रही कार्यवाई
परियोजना – सेक्टर -स्व सहायता समूह

पसान -पसान- महामाया स्व.सहायता समूह लैंगी

पसान -कर्री-जय माँ दुर्गा स्व सहायता समूह कर्री

पसान- लैंगा-जय मातिन दाई स्व.सहायता समूह लैंगा

पसान -अमलीकुंडा-मां लक्ष्मी स्व.सहा. समूह बैरा

पोंडी उपरोड़ा -जटगा -मातिन दाई स्व सहायता समूह –

पोंडी उपरोड़ा – रावा -जय माता बूढ़ी मां स्व.सहा.समूह सिरकी

पोंडी उपरोड़ा -तुमान -जय माता बूढ़ी मां स्व सहा.समूह सिरकी

चोटिया -मोरगा -आदर्श स्व सहायता समूह खिरटी

नेतानुमा लोगों का संरक्षण ,सीडीपीओ का नियंत्रण नहीं

तीनों ही परियोजनाओं में नेतानुमा व्यक्ति पर्दे के पीछे से रेडी टू ईट का संचालन कर रहे हैं । महिलाएं केवल रिकार्ड के तौर पर कागजों में कार्य कर रही हैं । परियोजना कार्यालय में बिल बनवाने ,भुगतान से लेकर शिकायत एवं जांच के दौरान यही पीछे से दबाव बनाते हैं ।चोटिया सेक्टर के मोरगा ,पोंडी उपरोड़ा परियोजना के जटगा ,रावा ,तुमान ,पसान परियोजना के अमलीकुंडा ,,पसान ,तनेरा ,पुटीपखना,पिपरिया कुल 9 सेक्टरों का संचालन पाली ब्लाक के रजकम्मा निवासी एक भाजपा का नेता कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि कांग्रेस के शासनकाल में भी इनकी ठेकेदारी फल फूल रही है। जो सिस्टम की मिलीभगत की ओर साफ इशारा कर रहा है । तभी तो पसान में परियोजना अधिकारी स्वयं बैठने के बावजूद पसान में ही रेडी टू ईट का वितरण नहीं होने पर भी कार्यवाई नहीं कर पा रही हैं । परियोजना अधिकारी पसान निशा कंवर पूरे मामले में चुप्पी साधी हुई हैं। पोंडी और चोटिया परियोजना भी अधिकारी विहीन हैं । इसलिए समूहों की मनमानी चल रही है ।

बदलने होंगे ऐसे समूह

जिस तरह रेडी टू ईट के संचालन में महिला स्व सहायता समूहों की गम्भीर लापरवाही सामने आई उससे स्पष्ट है कि शासन को कुपोषणमुक्त कोरबा बनाने के अभियान से इन्हें कोई सरोकार नहीं है । अक्टूबर 2020 से इन सभी सभी समूहों का अनुबंध समाप्त हो चुका है नए सिरे से अनुबंध किया जा रहा है । लिहाजा अब जरूरी है कि शासन की मंशा पर पानी फेरने वाले विभाग की फजीहत कराने वाले इन समूहों को योजना से बाहर किया जाए। नए ,योग्य व साफ सुथरी छवि के समूहों को संचालन का अवसर दिया जाए।

हितग्राहियों की सुनें

नहीं दिए रेडी टू ईट

हर महीने दो पैकेट रेडी टू ईट देते थे ,इस महीने अभी तक नहीं दिए हैं । कोई सूचना भी नहीं दिए हैं ।

कुंती पैकरा पतुरियाडाँड़

सूचना भी नहीं दिए ,कब देंगे

मेरा भी साल भर का बच्चा है ,इस माह अभी तक रेडी टू ईट नहीं दिए हैं । न ही कोई सूचना।

अमन्ती किस्पोट्टा ,मोरगा

बच्चों का निवाला छीन रहे

जो बच्चों का हक है देना चाहिए । इस माह अभी तक रेडी टू ईट नहीं मिला है । सूचना तो देनी चाहिए

सलिता टेकाम ,घुमानीडाँड़

मनमाने ढंग से देते हैं

कभी 4 पैकेट रेडी टू ईट नहीं मिला। हमें तो आज पता चल रहा 4 पैकेट दिए जाने का प्रावधान है। इस माह नहीं दिए।

भुवनेश्वरी निषाद जटगा

मनमाने ढंग से वितरण करते हैं

मनचाहे ढंग से वितरण करते हैं । शिकायत करो तो विवाद करते हैं । 2 पैकेट देते थे अब तक नहीं दिए ।

गीता श्याम अमलीकुंडा

नहीं मिला रेडी टू ईट

नियमित रूप से बच्चों का पोषण आहार देना चाहिए। गरीब बच्चों का हक नहीं छीनना चाहिए। अब तक इस माह नहीं मिला।

बुधवरिया,अमलीकुंडा

कोई नहीं आते जांच करने

बच्चों को क्या मिल रहा है क्या नहीं कोई जांच करने नहीं आते। इस माह मेरे बच्चे के लिए रेडी टू ईट नहीं मिला है ।

पूनम कुमारी ,लैंगा

बोलते हैं कम आया है कहाँ से देंगे

किसी माह 2 तो किसी माह 1 पैकेट रेडी टू ईट दिया जाता है । बोलते हैं कम आया है ,कहाँ से मैनेज करेंगे। जांच और कार्यवाई होनी चाहिए।

बुधनी ,लोकडहा

घर पहुंचाकर देंगे नहीं पता था

मेरे 2 बच्चे 3 साल से कम आयु के हैं । पर उनके लिए नियमित तौर पर पोषण आहार नहीं मिलता । हमें तो ये भी नहीं पता था कि लॉक डाउन में पोषण आहार मिलेगा ।

सविता ,कोटमर्रा

शिकायत की नहीं होती सुनवाई

शिकायत करने का कोई फायदा नहीं है । यहाँ मनमाने ढंग से रेडी टू ईट दिया जाता है । साल भर की बच्ची है इस माह रेडी टू ईट नहीं दिये न ही कोई सूचना दिए ।

सरिता यादव ,पसान

मनमाने ढंग से देते हैं

डेढ़ साल का बच्चा है जब मन लगता है उस हिसाब से पोषण आहार देते हैं । कभी एक किसी माह दो पैकेट देते हैं । इस माह तो अब तक नहीं मिला।

मुस्कान अली, पसान

नहीं मिला रेडी टू ईट

मेरा 2 साल का बच्चा है ,उसे इस उम्र में पोषण आहार दिया जाना चाहिए पर उसके लिए भी पोषण आहार का वितरण नहीं कर रहे।

गीता गोंड ,चन्द्रोटी

दो पैकेट रेडी टू ईट देते हैं

आज तक हमें ये नहीं पता था कि महीने में 4 पैकेट रेडी टू ईट देना है। हमें तो 2 ही देते थे वो भी इस माह अब तक मिला ही नहीं।

सोनकुंवर मानिकपुरी ,तुलबुल

अब तक इस माह नहीं दिए।

मेरा बच्चा 10 माह का है । रेडी टू ईट इस माह अब तक नहीं आया। लॉक डाउन की वजह से नहीं दे रहे होंगे लगता है

मानकुंवर , रावा

कब देंगे वो ही जानें

हर माह रेडी टू ईट का वितरण मनमाने ढंग से किया जाता है । किसी माह 4 पैकेट नहीं मिला । इस माह अब तक दिए ही नहीं ।

रेखा मरकाम ,रावा

मनमानी चल रही है

हमेशा ऐसी ही स्थिति रहती है ,कभी कभी 2 किसी माह 1 पैकेट ही दिया जाता है । मनमानी चल रही। इस माह नहीं मिला है ।

सुनीता कुम्हार ,तुमान

गड़बड़ी करने वालों पर हो कार्यवाई

शासन के नियमों के तहत दिया जाना चाहिए ,इस माह अब तक रेडी टू ईट नही दिए। गड़बड़ी करने वाले समूहों पर कार्यवाई की जानी चाहिए।

देव कुमारी महंत ,तुमान

वर्जन

प्रकरण गम्भीर ,जांच कराएंगे

कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार केन्द्र बन्द हैं रेडी टू ईट का वितरण हितग्राहियों के घर तक पहुंचकर करने के निर्देश दिए गए हैं । रेडी टू ईट प्रदाय नहीं करना गम्भीर लापरवाही है । इस मामले में की जांच कराएंगे। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाई करेंगे।

श्रीमती किरण कौशल

कलेक्टर

वर्जन

समूह का रोकेंगे भुगतान

रेडी टू ईट वितरण नहीं करना गंभीर लापरवाही है । इस प्रकरण में हम सम्बंधित समूह और पर्यवेक्षकों को नोटिस जारी करेंगे। समूह का भुगतान रोकेंगे।

ममता तुली ,प्रभारी परियोजना अधिकारी ,मबावि पोंडी उपरोड़ा