यूं तो अपराधियों का पता नहीं वो कब कहां किस वारदात को अंजाम दे बैठें. हां, हिंदुस्तान में ये जरूर माना जाता है कि उसकी सेना की ओर आंख उठाकर देखने की जुर्रत किसी की नहीं हो सकती है. अब मगर ये सब बीते वक्त की बातें होकर रह गई हैं. चोर-उचक्कों ने हिंदुस्तान में एक ऐसा भी शहर तलाश लिया है जहां, अपराधियों की नजर से सेना के गुप्त तहखाने, तोप-गोलों के अड्डे भी महफूज नहीं है. जबसे ये मामला सामने आया है तब से संबंधित जिला पुलिस और सेना विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
घटना इसी साल फरवरी महीने की है, जब मध्य प्रदेश के जबलपुर जिलांतर्गत स्थित सेना की लांग प्रूफ रेंज में चोरी की भनक सेना के अफसरों को लगी.
पता चला कि अज्ञात चोर यहां से चोरी भी कोई छोटी-मोटी चीज की नहीं, बल्कि तोप के गोले चुरा ले गए हैं. गोले एक दो नहीं बल्कि पूरे तीन गोले. वो भी इतने खतरनाक गोले जिनकी ताकत भारी-भरकम टैंकों को मिट्टी में मिला देने की होती है. मामला सामने आने पर पहले तो सेना ने ही अपने स्तर पर छानबीन की. मगर कोई सफलता हाथ नहीं लगी, तब बात पुलिस तक पहुंची.
जबलपुर के एएसपी संजय अग्रवाल ने पूरे घटनाक्रम की पुष्टि की है. उनके मुताबिक घटना इसी साल फरवरी महीने की है. हमें 24 फरवरी को इस बारे में शिकायत मिली थी, तभी से जांच पड़ताल की जा रही थी. अब इस मामले में एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार शख्स पेशे से कबाड़ के खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. लांग प्रूफ रेंज से मिली शिकायत में तीन गोले चुराए जाने की बात सामने आई थी. पुलिस के मुताबिक जिस जगह से तोप के गोले चोरी हुए, वहीं सारंग और धनुष जैसी शक्तिशाली तोपों की टेस्टिंग होती है.
जबलपुर पुलिस के अनुसार जिस जगह से तोप के गोले चोरी हुए हैं, वहां 24 घंटे कड़ा पहरा रहता है. पुलिस जांच में पता चला कि तोप के गोले खिड़की की ग्रिल तोड़कर चोरी किए गए थे. बाद में इन गोलों (बमों) से टंगस्टन पेनिट्रेटर नाम का उपकरण चोरों ने निकाल लिया, जिसे कबाड़ के भाव में बेच डाला. एडिश्नल एसपी जबलपुर संजय अग्रवाल के मुताबिक, जिस तरीके से टंगस्टन पेनिट्रेटर को निकाला गया है वो काम आम नागिरक के बूते का नहीं है, इसे कोई जानकार ही अंजाम दे या दिलवा सकता है. एक सवाल के जवाब में पुलिस ने पकड़े गए शख्स की पहचान खोलने से फिलहाल इनकार कर दिया है.
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार शख्स की पहचान उजागर होने से गैंग में शामिल बाकी अपराधी फरार हो सकते हैं, जबकि चोरों की इस पूरी चेन को तोड़ना बेहद जरूरी है. क्या इस काम में किसी अंदर के आदमी का हाथ हो सकता है, ये सवाल पूछने पर जबलपुर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी कुछ कह पाना मुश्किल है. जांच जारी है. सेना भी अपने स्तर पर हकीकत जानने में जुटी है.