68 सालों बाद बदला तकनीक ,2D -3D से होगी कोयला की खोज

कोरबा. औद्योगिक नगरी कोरबा में कोयला की खोज की 68 वर्ष पुरानी तकनीक को तिलांजलि दी जा रही है इसके स्थान पर नए तकनीक टूडी, थ्रीडी से कोयले की तलाश किया जाएगा इस तकनीक का कोरबा जिले में ग्राम करतला और ग्राम तौलीपाली में उपलब्ध कोयला भण्डार का पता लगाया जाएगा, इस सम्बन्ध में सेन्ट्रल माइन्स प्लानिंग एंड डिजाइन इन्सीटयूट (सीएमपीडीआई) ने तैयारी शुरू कर दी है. इस तकनीक के तहत कोयला तलाश करने के लिए सीएमपीडीआई सर्वेक्षण टीम को जगह-जगह ड्रिलिंग करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी बल्कि 2D और 3D तकनीक से कोयला की तलाश की जाएगी इस तकनीक को भू-कम्पन्न सर्वेक्षण की तहत किया जाएगा इसके अलावा बिलासपुर जिले की ग्राम पूता-परोगिया और रायगढ़ जिले की ग्राम राजादही कोल् ब्लॉक से कोयला का भण्डार पता लगाया जाएगा उक्त सभी क्षेत्रो में दस बिलियन टन कोयला का भण्डार होने का अनुमान है इस तकनीक का इस्तेमाल कोरबा जिले में पहली मर्तबा किया जा रहा है इसके पूर्व मानिकपुर छुरा-कछार बल्गी, ढेलवाडीह बांकीमोंगरा, सिंघाली, बगदेवा, कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, खदान में उपलब्ध कोयला भण्डार ड्रिलिंग से पता लगाया गया था ड्रिलिंग तकनीक से साठ सालो तक कोयले कि खोज की गई थी, इस तकनीक से उपलब्ध कोयला भण्डार का सही जानकारी मिली थी इसके आधार पर एनसीडीसी, डब्ल्यूसीएल, एसईसीएल, ने कोयला खदान शुरू किया था लेकिन अब कोयला की खोज अत्याधुनिक टूडीथ्रीडी तकनीक से कोयला भण्डार तलाश किया जाएगा।