प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 76वें एपिसोड के दौरान देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के बीच वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है। किसी अफवाह में न आएं। भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को फ्री वैक्सीन भेजी गई है। 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग इसका लाभ ले सकते हैं। एक मई से 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगेगी।
उन्होंने साफ किया कि भारत सरकार की तरफ से मुफ्त वैक्सीन का कार्यक्रम आगे भी चलता रहेगा। मेरा राज्यों से भी आग्रह है कि वो भारत सरकार के मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
कोरोना और वैक्सीनेशन पर डॉक्टर्स से बात की
- सबसे पहले मोदी ने मुंबई के डॉ. शशांक से बात की। इस दौरान डॉ. शशांक ने बताया कि लोग बहुत देर से ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। सरकारी सूचनाओं का पालन करें तो इस कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। हल्के कोविड के लिए हम ऑक्सीजन मॉनिटर करते हैं, बुखार देखते हैं। बुखार बढ़ने पर पैरासिटामॉल देते हैं। मध्यम कोविड में डॉक्टर के साथ संपर्क जरूरी है। सही और सस्ती दवाई लेनी चाहिए। ऑक्सीजन भी देनी पड़ती है। अक्सर क्या हो रहा है कि रेमडेसिविर है, इसकी वजह से अस्पताल में कम दिन रहना पड़ता है। इसके शुरुआती इस्तेमाल से ही फायदा है, लेकिन इसके पीछे दौड़ना नहीं चाहिए। डॉक्टरों के बताने पर ही लें। प्राणायाम से फायदा होगा। खून पतला करने वाले इंजेक्शन से लोग ठीक हो जाते हैं। सलाह लेना जरूरी है। महंगी दवाइयों के पीछे दौड़ना जरूरी नहीं है।
- इसके बाद मोदी ने डॉ. नाबिद से बात की। इस दौरान नाबिद ने कहा कि खौफ का माहौल था, कोविड को मौत ही मानने लगे थे लोग। अस्पतालों के स्टाफ में भी खौफ का माहौल था। वक्त गुजरने के साथ हमने देखा कि प्रोटेक्टिव गियर और सावधानियों से सभी सेफ रह सकते हैं। हमने देखा कि 90-95% मरीज बिना दवाइयों के ठीक हो रहे हैं। सेकंड वेव में भी पैनिक होने की जरूरत नहीं है। प्रोटेक्टिव रास्तों और प्रोटोकॉल का पालन करेंगे तो सेफ रहेंगे। मास्क पहने, सोशल डिस्टेंसिंग रखें। हमारे मुल्क में दो वैक्सीन कोवैक्सिन और कोवीशील्ड हैं। जम्मू-कश्मीर की बात है तो यहां 15-16 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई है। सोशल मीडिया पर साइड इफेक्ट को लेकर भ्रम था। अभी तक हमें ये देखने को नहीं मिले हैं। आम वैक्सीन में बुखार आदि आना आम है। वैक्सीन के बाद लोग पॉजिटिव हो सकते हैं, लेकिन बीमारी गंभीर नहीं होगी। जानलेवा नहीं साबित होगी।
कोरोना मरीजों के बीच रहने वाली नर्सों से भी बात की
- प्रधानमंत्री मोदी ने रायपुर की सिस्टर भावना से बात की। भावना ने बताया कि मेरा कोविड का अनुभव 2 महीने का है। हम 14 दिन ड्यूटी करते हैं और फिर हमें रेस्ट दिया जाता है। जब मेरी ड्यूटी लगी तो मैंने अपने परिवार से ये बात शेयर की। वो सभी डर गए और घबरा गए। इमोशनल हालात बन गए और बेटी ने पूछा कि आप ड्यूटी पर जा रहे हैं? जब मैं कोविड स्टेशन के पास गई तो वहां मरीज इतना डरे हुए थे कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। हम उनके डर को कैसे दूर करें इसके लिए हमने अच्छा वातावरण दिया। हमें सबसे पहले पीपीई किट पहनने को कहा गया। इसे पहनकर ड्यूटी करना बहुत मुश्किल है। मुझे नहीं पता था कि हमारी साथी कौन हैं। हम लोगों ने मिलकर मरीजों का डर दूर किया। मरीजों को सभी लक्षण थे लेकिन वो टेस्ट नहीं करवाते थे। देर कर देते थे और लंग्स में इंफेक्शन बढ़ जाता था। हमने सभी तरह के पेशेंट देखे तो उन्होंने कहा कि हम डर की वजह से नहीं आ पाए। डर ठीक नहीं होता है, आप हमारा साथ दीजिए और हम आपका साथ देंगे।
- इसके बाद मोदी ले बेंगलुरु से सिस्टर सुरेखा से बात की। सुरेखा ने कहा कि जिम्मेदार नागरिक होने के नाते जल्द से जल्द टेस्ट करवाएं। अगर कोई लक्षण दिखाई दे तो खुद को आइसोलेट कर लें। घबराएं ना, पॉजिटिव रहें। मैंने वैक्सीन लगवाई है। वैक्सीन लगवाने से घबराएं नहीं। कोई वैक्सीन 100% सुरक्षा नहीं देती है। इम्युनिटी डेवलप होने में वक्त लगता है, लेकिन इसे लगवाएं। काढ़ा पिएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ सहानुभूति रखें। हम आप लोगों के लिए काम कर रहे हैं, आपके सहयोग की जरूरत है हम लोगों को।
एंबुलेंस ड्राइवर का भी अनुभव जाना
- मोदी ने कहा, “एंबुलेंस ड्राइवर प्रेम वर्मा जी है। प्रेम वर्मा जी अपने काम और कर्तव्य को प्रेम और लगन से करते हैं। उनसे बात करते हैं।’ इसके बाद प्रेम ने कहा, “मैं ड्राइवर हूं। हमें जैसे ही कॉल आती है, हम पेशेंट के पास जाते हैं। दो साल से लगातार काम कर रहे हैं। किट, ग्लव्स, मास्क पहनकर हम उन्हें अस्पताल तक पहुंचाते हैं। वैक्सीन की दोनों डोज लग गई हैं मुझे। सभी को ये डोज लगनी चाहिए। मेरी मां ने कहा कि नौकरी छोड़ दो। मैंने कहा कि तब पेशेंट को कौन छोड़ने जाएगा। अभी सभी नौकरी छोड़ रहे हैं और मैं नौकरी नहीं छोड़ूंगा।’ मोदी ने कहा कि आपकी मां को प्रणाम कहता हूं। सभी एंबुलेंस चलाने वालों की मां क्या सोचती हैं, जब ये बात करोड़ों लोग जानेंगे तो उन्हें ये बात छू जाएगी।
पिछली बार इन पर अपनी बात रखी थी
इससे पहले उन्होंने अपने मन की बात 28 मार्च को की थी। इस दौरान उन्होंने प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए लोगों का धन्यवाद करते हुए पर्यावरण को बचाने की दिशा में प्रयास करने पर बल दिया था। इसके लिए उन्होंने हर बार की तरह प्रेरणा देने वाले कुछ उदाहरण भी दिए थे, जिनमें ऐसे लोगों के बारे में बताया गया था जो प्रकृति को बचाने के लिए कई बड़े प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने गौरिया और लाइट हाउस टूरिज्म के साथ अमृत महोत्सव, जनता कर्फ्यू, सदाबहार जंगलों आदि का जिक्र किया था।