पखवाड़े भर से लॉकडाउन में लोग घरों में कैद ,फिर भी नहीं थम रहा दूसरी लहर का कहर ,सोशल डिस्टेंसिंग को नजरअंदाज कर कोरोना जांच कराने उमड़ रही भींड
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । जिले के सरकारी और निजी अस्पताल कोरोना के दूसरी लहर के सुपर स्प्रेडर बन गए हैं । जी हां जिले में पखवाड़े भर से जारी लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमितों की दर में रिकार्ड उछाल ,अस्पतालों में सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह न कोरोना जाँच कराने उमड़ती भींड को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा। जल्द ही इस बदइंतजामी पर रोक नहीं लगाई गई लोग सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरूक नहीं हुए तो कोरोना संक्रमण के कहर के साथ बढ़ते लॉकडाउन का दर्द आगे भी झेलना पड़ेगा।
जिले में कोरोना की दूसरी लहर जमकर कहर बरपा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 3 दिनों से कोरोना जिले में हजार का पहाड़ा पढ़ रही है। बुधवार को तो कोरोना के अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। रिकार्ड 1102 संक्रमित मरीज मिले । वहीं 23 जिंदगी की जंग हार गए। जिले में कोरोना संक्रमण लॉकडाउन में भी ज्यादा कहर बरपा रहा । जी हाँ आप चौकेंगे जरूर पर लॉक डाउन के आंकड़े कुछ यही कहते हैं। 12 अप्रैल की दोपहर 3 बजे से लागू लॉकडाउन को एक पखवाड़ा से अधिक समय बीत चुका है । इन 17 दिनों में जिले में 14 हजार 664 संक्रमित मरीज मिले हैं। जबकि 235 जिंदगी की जंग हार गए। इस लिहाज से देखें तो प्रतिदिन औसतन 862 मरीज जिले में मिल रहे हैं ,वहीं औसतन 13 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। निश्चित तौर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या इससे कई गुना अधिक होंगे । प्रशासन समय पर संक्रमितों की जांच कर उनका उपचार कराने टेस्टिंग में तेजी लाई है ,लिहाजा अधिक संक्रमित निकल रहे। लेकिन यह बात हैरान करने वाली है कि लॉक डाउन में लोग घर के चारदीवारी के भीतर हैं,उसके बाद भी कोरोना संक्रमण दर बेकाबू है । दरअसल जो बातें सामने आ रही है उसके तहत कोरोना संक्रमण बढ़ने की मुख्य वजह अस्पताल बने हुए हैं। जहाँ लोग कोरोना टेस्ट कराने बड़ी संख्या में रोजाना उमड़ रहे हैं।
सरकारी अस्पतालों में कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इन अस्पतालों में कोरोना के लिए जरूरी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। यहां तक कि लंबी-लंबी लाइन लगी रहती है जो कोरोना विस्फोट का जरिया बनी हुई हैं। अस्पतालों में लोगों की भीड़ बढ़ रही है। कोरोना टेस्ट कराने पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। अस्पतालों में ही कोविड 19 गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
सामान्य सर्दी खांसी फिर भी करा रहे कोविड टेस्ट
रोजाना जिले में करीब 4 हजार टेस्टिंग हो रही है। सर्दी-खांसी के साथ ही अन्य किसी बीमारी के लिए भी कोविड 19 का टेस्ट अनिवार्य है शायद यही वजह है कि लोगों की लंबी कतारें इन दिनों अस्पतालों में दिखाई देती है। कटघोरा ,दीपका और कोरबा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टेस्ट करवाने पहुंचे लोगों ने बताया कि सुबह 9 बजे से आए हैं, लक्षण तो नहीं है, लेकिन चेकअप कराना भी जरूरी है।
शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में लोग ज्यादा लापरवाह

संक्रमण सामान्य सर्दी और फ्लू के साथ ही कोरोना के मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन सतर्क हैं, लेकिन अस्पतालों में मरीज कोविड गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं। सबसे ज्यादा लापरवाही शहरी क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में देखने को मिल रही है । कटघोरा,दीपका सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना जांच कराने वालों की काफी भीड़ उमड़ रही है। लोग आपस में सटकर खड़े रहते हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते न ही मास्क लगाते हैं।
जिसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है । वैसे तो अस्पताल में इन्फेक्शन, प्रिवेंशन और कंट्रोल के हिसाब से काम किया जा रहा है। जिसमें जांच करने वाले डॉक्टर्स पीपीई किट का इस्तेमाल करते हैं, ग्लव्स और मास्क दोनों का इस्तेमाल करते हैं. बावजूद इसके लोगों का लापरवाह रवैया उनकी जान जोखिम में डाल सकता है।
चार्ट
लॉक डाउन में कोरोना का कहर एक नजर एक नजर में
दिनांक – संक्रमित -मृत
12 अप्रैल -638-06
13 अप्रैल -724 -07
14 अप्रैल -738 -05
15 अप्रैल – 892 -13
16 अप्रैल -730 -08
17 अप्रैल 1062 -15
18 अप्रैल 885-12
19 अप्रैल 787 -08
20 अप्रैल 990 -09
21 अप्रैल 695 -17
22 अप्रैल 766-19
23 अप्रैल 842 – 15
24 अप्रैल 973 -16
25 अप्रैल 787 -26
26 अप्रैल 1033-26
27 अप्रैल 1020 – 10
28 अप्रैल 1102 -23
योग – 14664 – 235