सूरजपुर। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया है जिससे बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके. पर वर्तमान के हालात को देखते हुए लॉकडाउन लगाना भी सही निर्णय था. लेकिन इस लॉकडाउन के दौरान आवश्यक चीजों के लिए छूट भी दी गई थी. जिसमें बेवजह घूमने वालों के ऊपर कार्यवाही करना तो जायज था मगर जरूरतमंदों पर कार्यवाही करना या उन पर धौस दिखाना..? यह कैसा सिस्टम और सीधे साधे इंसान के ऊपर अपने पावर का धौंस जमाते हुए तमाचा जड़ देना… फिर अपने सरकारी सिस्टम के नुमाइंदों से लाठी से ऐसे वार कराना.. जैसे कोई बहुत बड़ा अपराधी हो.

अगर ऐसा कराकर साहब अगर आप सोचते हैं कि आपने कोई तीर मार लिया तो आप सरकारी सिस्टम के वह अधिकारी हो जिसे सरकारी गुंडा कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा. क्योंकि एक आम इंसान अपनी बेगुनाही का सबूत दिखा रहा है कि वह बेवजह नहीं घूम रहा बल्कि हो सकता है वह किसी आवश्यक काम से आया है और उसकी बातों को ना सुनते हुए मोबाइल को पटक देना.. फिर उसके बाद थप्पड़ की बौछार..

आपका यह कहते हुए की वीडियो बना रहा है तो साहब सवाल यह भी उठता है, ऐसा क्या वीडियो बन गया या फिर आप ऐसा क्या छिपाना चाह रहे हैं या फिर वीडियो बनाना कोई गुनाह है..? अगर आप सही है तो वीडियो बनाने से डरते क्यों हैं जब अपनी वाहवाही लेनी होती है तो वीडियो फोटोग्राफी जमकर होती है और जब अपनी नाकामी छिपाने होती है तो वीडियो फोटोग्राफी को बंद कराते हैं क्यूँ???
ऊपर में देखे गए यह वीडियो कोई गुंडे मवाली यह साउथ के किसी विलन का नहीं बल्कि सूरजपुर जिले के मुखिया यानी कलेक्टर रणवीर शर्मा का है। जो लॉकडाउन के दौरान आवश्यक काम से निकले हुए व्यक्ति की पिटाई करते हैं। इससे अगर मन नहीं भरता है तो अपने सुरक्षा गार्ड से और पुलिसकर्मियों से उसी की पिटाई करवाते हैं। साथ ही साथ उसे ऊपर f.i.r. करने की धमकी भी देते हैं। इतना ही नहीं जब वह अपनी बेगुनाही के सबूत देने के लिए मोबाइल को दिखाता है तो उस मोबाइल को भी वह जमीन पर पटक देता है.
देख सकते हैं कि लॉकडाउन के दौरान जहां आम इंसान परेशान हैं वही कलेक्टर अपने गर्राहट चर्राहट से एक जिम्मेदार अधिकारी होने का भी परिचय नहीं दे रहे हैं बल्कि आम इंसान को और परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. साहब यहां एफ आई आर दर्ज करने की धमकी दे रहे हैं. हालांकि उनका यह वीडियो कोई और सूट कर उसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जिसके बाद कलेक्टर की यह करतूत सबके सामने आ गई अब सोशल मीडिया में इस वीडियो का जमकर आलोचना भी हो रहा है.

जहां एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि लॉकडाउन में सख्ती बरतनी है मगर व्यवहार संयमित रखना है हिंसा नहीं करना है .लेकिन मुख्यमंत्री की भी इस नसीहत को कलेक्टर साहब ने दरकिनार कर दिया.
इतनी गर्राहट चर्राहट आती कहाँ से
छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार देवेश तिवारी ने अपने फेसबुक फेज पर यह वीडियो को पोस्ट करते हुए कहा कि…
ये सूरजपुर जिले के कलेक्टर हैं रणवीर शर्मा , लबासना ने इन्हें खुदा या भगवान हो जाने से एक सीढ़ी नीचे ही रखा है
इतनी गर्राहट चर्राहट कहाँ से आती है
IAS खुद को खुदा समझना कब बंद करेंगे
मुख्यमंत्री Bhupesh Baghel ने खुद कहा था, लाकडाउन में सख्ती बरतनी है मगर व्यवहार संयमित रखना है , हिंसा नहीं करना है।
आपने उनके कहे का अक्षरशः पालन कर रहे हैं। कमजोर मजलूम मिला नहीं कि पटक दिए फोन, लगा दिए तमाचा।
वह आपकी नहीं आपके कलेक्ट्री की कद्र करके सह गया। नहीं तो छत्तीसगढ़िया आदमी एक थपरा में अपना जमानतकरवाने के लिए खेत का पर्ची ढूंढना शुरू कर देता है।
तब देखना होगा कि ऐसे वीडियो को देखने के बाद सरकार बेलगाम अफसरों के ऊपर लगाम लगा पाती है या फिर नहीं या फिर आम इंसानों को हमेशा की तरह जिल्लातो का सामना करना पड़ेगा…?