डेढ़ माह बाद खुला बैंक ,खेती करने पैसे नहीं ,किश्तों में मिली पहली “न्याय”के लिए सहकारी बैंकों में उमड़ी भींड ,,टूटा कोविड -प्रोटोकॉल ,बढ़ेगा संक्रमण

जिले के 29 हजार 950 किसानों के खाते में डली है 22 करोड़ 3 लाख रुपए बोनस की पहली किश्त,प्रशासन द्वारा निर्धारित सीमित समय बन रहा किसानों की मुसीबत

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।(भुवनेश्वर महतो ) राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किश्तों में दी जा रही न्याय कोरोना संक्रमण काल में एक बार फिर किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है । धान बेचने के लगभग 4 माह बाद राज्य सरकार ने इस साल भी बोनस की राशि की चार किश्तों में से पहली किश्त जारी कर दी है ।लॉक डाउन के दौरान डेढ़ माह तक घरों में रहने वाले किसान कृषि कार्य सहित अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नगद निकालने सहकारी बैंकों में पहले दिन ही टूट पड़े। इस दौरान न बैंक प्रबंधन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करा सका न ही किसानों ने कोरोना जैसे जानलेवा वायरस के संक्रमण से बचने समझदारी दिखाई। हालात यही रहे तो बड़े पैमाने पर बैंक के कर्मचारियों से लेकर किसान संक्रमण की चपेट में आएंगे।

यहाँ बताना होगा कि चुनाव पूर्व किसानों से किया वादा सत्ता में आने के बाद आखिरकार कांग्रेस सरकार गत वर्ष से पूरा कर रही है । 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर किसानों का धान खरीदने के वादे को राज्य शासन केंद्र से सहयोग नहीं मिलने के बाद भी पूरा कर रही है । गत वित्तीय वर्ष में भी इस योजना के तहत जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि 4 किश्तों में मिली थी। यह 2500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच की अंतर की राशि थी ।जिसे कांग्रेस शासन देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी के नाम पर समर्पित कर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के रूप में हर साल किसानों को बोनस के तौर पर दे रही है। इस साल भी राजीव किसान न्याय योजना के तहत बोनस की राशि 4 किश्तों में ही मिलेगी। फंड की कमी से जूझ रही राज्य सरकार ने इस साल भी किसानों को एक साथ बोनस की पूरी राशि देने हाथ खड़े कर दिए हैं । 21 मई को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर पहली किश्त की राशि किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से जारी कर दी गई है । जिले में कुल 29 हजार 950 किसानों ने गत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले के 6 शाखाओं के 41 समितियों के 49 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 36 हजार 559 .73 हेक्टेयर रकबे का कुल 13 लाख 52 हजार 710 क्विंटल धान समर्थन मूल्य(1868 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर ) बेचा था। इस साल जिले के इन किसानों को बोनस के तौर पर कुल 81 करोड़ 16 लाख रूपये से अधिक की राशि मिलेगी। यह राशि 4 किस्तों में किसानों के बैंक खातों में सीधे जारी की जाएगी । पहली किश्त के रूप में जिले के किसानों को 22 करोड़ 3 लाख 56 हजार रूपये का भुगतान किया गया है।सोमवार से शुक्रवार तक बैंक में बैंकिंग कार्य होता है । लॉक डाउन के बीच जिला प्रशासन ने बैंकों की संचालन समयावधि भी प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक कर दी है । इस निर्धारित समयावधि में कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराकर लेनदारी देनदारी का कार्य टेड़ी खीर साबित हो रही है । बोनस की राशि डलने के बाद पहले ही बैंक दिवस सोमवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों की शाखाओं में पिछले डेढ़ माह से बैंक खुलने का इंतजार कर रहे किसान टूट पड़े । जिले के सबसे बड़े ब्रांच बरपाली ,कोरबा में इस कदर भींड उमड़ी कि बैंक के बाहर व अंदर पांव रखने की जगह नहीं मिल रही थी । कोरबा की शाखा में तो ब्रांच मैनेजर बैंक के अंदर भी कोविड -प्रोटोकॉल का पालन कराने में असक्षम बेबस नजर आए। जिस तरह बैंकों में कोविड -प्रोटोकॉल तोड़कर एक दूसरे से कतार में चिपककर किसान बोनस की राशि लेने पहुंच रहे हैं उससे संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ गया है । हालात यही रहे तो तेजी से कम हो रहे दूसरी लहर के बीच ये खतरे की घण्टी साबित हो सकती है।

किसानों की मांग बैंक का समय फूल टाईम किया जाए

सोमवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा पहुंचे कुछ किसानों से हसदेव एक्सप्रेस की टीम ने बात की तो किसानों का कहना था कि बैंक का समय फूल टाईम किया जाना किसान हित मे नितांत आवश्यक है । ताकि किसानों को बोनस की राशि निकालने के लिए बैंक में सीमित समय होने की वजह से कोविड -प्रोटोकॉल न तोड़ना पड़े। प्रातः 10 से 2 बजे तक बैंकों का आमजनों के लिए संचालन का यह आदेश व्यवहारिक नहीं है। खासकर तब जब 10 जून से प्रदेश में मानसून दस्तक देने वाली है। किसानों को मानसून पूर्व कृषि कार्य के लिए केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड)से लोन के साथ पीएम किसान व राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बोनस की राशि निकालना है । जिसके लिए कम से कम जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के शाखाओं के संचालन समयावधि में वॄद्धि किया जाना नितांत आवश्यक है।

केसीसी के लिए पत्रक जमा करने नहीं आना पड़ेगा बैंक

कोरोनाकाल में किसानों के लिए अच्छी खबर है ।इस साल उन्हें केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड)के जरिए ऋण लेने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की शाखाओं में नहीं आना पड़ेगा। किसानों को संक्रमण कॉल में इस परेशानी से इस बार निजात दे दी गई है। इस साल किसानों को समितियों में जाकर ऋण पत्रक व चेक पर अपना हस्ताक्षर बस पड़ेगा। इसके बाद की पूरी प्रक्रिया बैंक के पर्यवेक्षक व शाखा प्रभारी पूर्ण करेंगे। पर्यवेक्षक ऋण पत्रक व चेक को जैसे ही शाखा प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे शाखा प्रभारी उसका खाते से मिलान कर पुष्टि करेंगे। तदोपरांत सेविंग खाते में चेक का समायोजन कर देंगे। इसके पश्चात किसानों के खाते में केसीसी की ऋण (राशि)पहुंच जाएगी। जिसे किसान अपनी सुविधा अनुसार किसी भी एटीएम से निकाल सकेंगे। उन्हें सहकारी बैंक आकर कतार में लगकर कोरोनाकाल मे धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। हालांकि अभी केसीसी के पत्रक बहुत कम जमा हुए हैं फिर एक दो दिन बाद केसीसी ऋण भी बैंक के शाखा प्रभारी प्राथमिकता से स्वीकृत करने की बात कह रहे हैं।

फैक्ट फाईल

कुल शाखा -06

कुल समिति -41

कुल उपार्जन केंद्र -49

बोनस के लिए पात्र किसान -29950

कुल बेचे गए धान का रकबा -36559.73(हे.)

कुल धान खरीदी -13,52,710.00(क्विंटल)

कुल खरीदी राशि -252,73,13,792.00(दो सौ बावन करोड़ तिहत्तर लाख तेरह हजार 792 )

कुल देय बोनस राशि -8116.26(लाख में)

प्रथम किश्त -2203.56(लाख में)

वर्जन

बैंक के बाहर लगी कतार में कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराना संभव नहीं

बैंक के अंदर की व्यवस्था हमने कोविड -प्रोटोकॉल के अनुरूप बनाकर रखी है ,बैंक के बाहर किसानों की उमड़ती भींड को नियंत्रित करने हमारे पास अलग से सुरक्षाकर्मी नहीं है। किसानों को भी घातक कोरोना वायरस के प्रभाव को समझते हुए कोविड -प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कर राशि लेने जागरूकता का परिचय देना चाहिए।

अजय साहू ,शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कोरबा