भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में FCI क्लर्क किशोर मीणा को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने एफसीआई के तीन अधिकारियों के साथ शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी से रिश्वत मांगने और लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद शनिवार सुबह से ही सीबीआई ने चारों के घर की तलाशी लेना शुरू किया। CBI ने एफसीआई क्लर्क किशोर मीणा सहित तीन अधिकारियों के घर छापेमारी की है। छापे के दौरान तीनों अधिकारियों के घर कुछ नही मिला जबकि एफसीआई क्लर्क किशोर मीणा करोड़पति निकला। उसके घर के लॉकर से 2 करोड़ 66 लाख रुपए, 6 किलो चांदी और 387 ग्राम सोना के अलावा जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं। वहीं, एक बैंक खाते में 1 करोड़ की राशि जमा होने की बात भी सामने आई है। सीबीआई को नोट गिनने की मशीन भी उसके घर से मिली है।
आपकों बतादें कि एफसीआई के इन कर्मचारियों द्वारा गुड़गांव की एक सिक्योरिटी कंपनी से 11 लाख रुपये का बिल पास कराने के लिए 1 लाख की रिश्वत मांगी गई थी। सिक्योरिटी कंपनी कैप्टन कपूर एंड संस का ठेका एफसीआई के पास है। जिसका 1 साल का बिल तैयार किया जाना है। एफसीआई के संभागीय मैनेजर, अकाउंट मैनेजर सिक्योरिटी मैनेजर सहित क्लर्क द्वारा 11 लाख रुपये का बिल पास कराने के लिए 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की जा रही थी। रिश्वत की मांग के बाद गुड़गांव की सिक्योरिटी कंपनी ने सीबीआई से रिश्वत को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद सीबीआई ने प्लान के तहत एफसीआई के दो अधिकारी, अकॉउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते को रिश्वत देने के लिए माता मंदिर बुलाया गया। लेकिन जैसे ही गुड़गांव की सिक्योरिटी कंपनी ने इन दोनों के हाथ में पैसे रखे सीबीआई की टीम ने रंगे हाथों उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अफसरों को जांच में पता चला कि संभागीय मैनेजर हर्ष हिनायना के निर्देश पर अकाउंट मैनेजर रिश्वत की रकम लेने पहुँचे थे। इस साजिश में शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई की जा रही है।