ढेलवाडीह की शासकीय भूमि में फल फूल रहा लाल ईंट का अवैध कारोबार ,गौण खनिज का हो रहा दोहन
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। जिम्मेदार विभागों, अधिकारियों के संरक्षण की वजह से शहर से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर एसईसीएल की मानिकपुर खदान से लगे ग्राम ढेलवाडीह के जंगलों में गौण खनिज का दोहन कर बेख़ौफ अवैधानिक लाल ईंट का कारोबार फल फूल रहा है । इस धंधे में लगे लोगों के अधिकारियों के संरक्षण की वजह से इस कदर हौसले बुलंद हैं कि बड़े पैमाने पर मानिकपुर खदान से चोरी का कोयला ईंट भट्टे में खपाया जा रहा है। एक माह पूर्व जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाई महज कागजी औपचारिकता साबित हुई । ईंट कारोबारियों ने जब्त ईंट भी बेच डाले।
यहाँ बताना होगा कि जिला मुख्यालय से महज 5 किलोमीटर की दूरी पर लगे ग्राम पंचायत ढेलवाडीह की नजूल एवं वन भूमि में जंगलों में बड़े पैमाने पर प्रतिबन्धित लाल ईंट का कारोबार किया जा रहा है ।कुम्हार जाति की आड़ में केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए नहीं वरन व्यवासायिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाखों नग ईंट तैयार किया जा रहा है। बकायदा इस कार्य के लिए बाहर से मजदूर भी 9 माह तक के लिए बुलाया गया है । हल्का पटवारी ने कोरोनाकाल में कोविड पॉजिटिव होते हुए भी राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी । जिसके आधार पर नायब तहसीलदार एम एस राठिया ने टीम के साथ बेंदरकोना सहित ढेलवाडीह में छापामारी की थी । इस दौरान 27 लोगों से 45 लाख नग लाल ईंट छतीसगढ़ खनिज नियमावली 1996 के तहत प्रकरण दर्ज कर कर कोटवार के सुपुर्द कर दिया गया था । जिसमें ढेलवाडीह से सर्वाधिक 15 लाख नग लाल ईंट जब्त किया गया था। नियमानुसार राजसात करने के लिए कलेक्टर न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने की बात कही गई थी। लेकिन लॉकडाउन खुलने कोर्ट खुलने के बाद भी इस दिशा में सार्थक पहल नहीं की गई। आज आलम यह है कि जहाँ जब्त लाल ईंट में से अधिकांश ईंट बेच दिया गया है तो वहीं लाखों नग के ईंट भट्ठे रचाए जा रहे। धड़ाधड़ ईंट बनाने का कार्य जारी है। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज की टीम जब मौके पर पहुंची तो लाखों नग ईंट दर्जनों लोगों द्वारा तैयार किया जा रहा रहा। साथ ही बेख़ौफ ईंट का परिवहन का कार्य भी जारी था। जिसे देखकर पूर्व में की गई कार्यवाई महज कागजी औपचारिक प्रतीत हो रही है। धरातल पर कार्यवाई का कोई असर नहीं दिख रहा।
अधिकारी दे रहे संरक्षण ,सबका बंधा है कमीशन !
शासकीय भूमि में लाल ईंट का कारोबार करने वालो लोगों को जिम्मेदार अधिकारी प्रश्रय दे रहे हैं। मौके पर ही नजूल तहसीलदार का संरक्षण मिलने उनको ईंट पहुंचाने की बात कही जा रही रही। यहाँ तक कि वन विभाग ,कार्यवाई करने वाले राजस्व अधिकारियों ,पुलिस तक को मैनेज करने का दावा ईंट कारोबारी कर रहे थे। जिससे उन्हें न मीडिया का भय है न किसी जाँच की परवाह है।
खुद कार्यवाई करते नहीं सूचना पर पहुंचते नहीं
राजस्व विभाग के अधिकारी ईंट भट्ठों में एक बार जाँच करने के बाद दोबारा वहाँ झांकते तक नहीं । ढेलवाडीह में इसका नजारा शुक्रवार की शाम देखने को मिला। जहाँ जब्त ईंट को श्यामलाल बंजारे नामक ईंट कारोबारी अपने ट्रेक्टर के जरिए परिवहन करा रहा था। हसदेव एक्सप्रेस न्यूज की टीम ने टैक्टर रोककर इसकी क्लिपिंग बना तहसीलदार व कार्यवाई करने वाले नायब तहसीलदार को व्हाट्सएप भी किया। पर कार्यवाई को लेकर उनकी तरफ से न कोई प्रतिक्रिया आई,न ही कोई कार्यवाई किए। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह अवैध ईंट कारोबारियों को प्रश्रय मिला है ।
मानिकपुर डंपिंग यार्ड से कर रहे कोयला चोरी कर ईंटभट्टों में खपा रहे
ईंट कारोबारी एसईसीएल की मानिकपुर डंपिंग यार्ड से कोयला चोरी कर ईंट भट्ठों में खपा रहे हैं।ईंट कारोबारी भगवान दास सीतामणी निवासी ने कैमरे के सामने स्वंय यह बात स्वीकार की है कि कोयला मानिकपुर से लेकर खपाया जा रहा है। यहाँ सबसे बड़े ईंट कारोबारी प्रेमलाल एवं श्यामलाल हैं। न केवल इनके द्वारा प्रतिवर्ष 10 -10 लाख नग ईंट तैयार कर बेचा जाता है वरन कवरेज करने गए मीडिया कर्मियों पर अपनी एकता व जाति का धौंस दिखाकर दबाव बनाया जाता है । राजाराम नामक ईंट कारोबारी अभी भी बड़े पैमाने पर ईंट बनवा रहे हैं।