कोरबा. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की एक छोटे से गांव की लड़की ने पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा। वो बचपन से ही पुलिस की वर्दी पहनने की सोचती थी। सिर पर पुलिस का कैप लगाकर तिरंगे को सैल्यूट करना चाहती थी। इसलिए उसने दिन-रात मेहनत की और पढ़ाई की। पिता ने जब पुलिस में जाने से मना कर दिया तो घर में हल्ला बोल दिया। हम बात कर रहे हैं डीएसपी से IAS अफसर बनी कोरबा की नई कलेक्टर रानू साहू के बारे में।

रानू साहू गरियाबंद के एक कृषक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। 2005 में उनकी पोस्टिंग पुलिस विभाग में डीएसपी के रूप में हुई थी. पूर्व में कोरबा डीएसपी के रुप में वे अपनी सेवाएं दे चुकी हैं. लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। 2010 में आईएएस बनी रानू साहू सबसे पहले एसडीएम सारंगढ़, सीईओ जिला पंचायत कोरिया, नगर निगम आयुक्त बिलासपुर, एडीएम- अंबिकापुर, डायरेक्टर हेल्थ के बाद कलेक्टर कांकेर रह चुकी हैं।

रानू देश की जाबांज महिला अफसरों में से एक हैं और नक्सली इलाकों में भी काम कर चुकी हैं। तेजतर्रार कार्यशैली उनके व्यक्तित्व को और भी प्रखर एवं प्रभावी बनाती है। कल देर शाम जारी हुए प्रशासनिक आदेश के बाद वे कोरबा जिले की नई कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभालेंगी.
