जर्जर शरीर के साथ क्रिकेट खेला और धमाकेदार करामात की, इस खिलाड़ी ने धोनी के लिए मैदान पर खून बहा दिया

इस खिलाड़ी का शरीर बाहर से देखने पर किसी मॉडल या एथलीट की तरह दिखता था जो फोटोशूट के लिए ही बनी हुई लगती थी. लेकिन अंदर से शरीर काफी नाज़ुक था. अपने जीवन में वह चोटों से लड़ता रहा लेकिन कभी हार नहीं मानी. चोटग्रस्त शरीर ने कई बार इस खिलाड़ी को तोड़ने की कोशिश की लेकिन यह डटा और दुनिया के बेहतरीन ऑलराउंडर्स में से एक रहा. जितना धाकड़ बैटिंग करते वक्त रहता था, उतना ही कारगर बॉलिंग में भी साबित होता. वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बना तो आईपीएल फाइनल इतिहास की सबसे यादगार पारी खेली और टीम को खिताबी चैंपियन हो रही है. यहां बात हो रही है शेन वॉटसन (Shane Watson) की, जिनका आज बर्थडे है. ऑस्ट्रेलिया के लिए 59 टेस्ट, 190 वनडे और 58 टी20 मुकाबले खेलने वाले इस खिलाड़ी का जन्म क्वींसलैंड में हुआ था.

उन्होंने 2002 में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था और 2016 तक खेले थे.

शेन वॉटसन अलग-अलग तरह की चोटों से परेशान रहे. इसमें स्ट्रेस फ्रेक्चर, हैमस्ट्रिंग, काफ स्ट्रेन, कूल्हे की हड्डी में चोट, खिसका हुआ कंधा शामिल थे. इसके चलते इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके शुरुआत साल बेकार हो गए. फिर ट्रेनिंग में बदलाव के चलते राहत मिली. इसके बाद 2009 में एशेज सीरीज के बीच में वे ओपनर बना दिए. यहां आठ टेस्ट में उन्होंने सात फिफ्टी और एक शतक लगाकर खुद को साबित कर दिया. इसके चलते लगातार दो बार एलन बोर्डर मेडल जीता. जब लग रहा था कि सब कुछ सही जा रहा है तब फिर से चोटों ने डेरा डाल लिया. इनके चलते टेस्ट में पहले से कामयाब नहीं हो सके.

वनडे में बनाया ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च शतक

फिर आया साल 2013. इस साल भारत दौरे पर दिल्ली में माइकल क्लार्क के चोटिल होने पर टीम के कप्तान बने. मगर फिर कोच मिकी आर्थर ने बात नहीं मानने के चलते बीच दौरे से ही घर भेज दिया. 2015 एशेज सीरीज के लिए नहीं चुने जाने पर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया. वनडे और टी20 क्रिकेट में भी उन्होंने कमाल पारियां खेलीं. इनमें एक तो अप्रैल 2011 की है जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 185 रन की पारी खेली थी. यह किसी भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है. वहीं 2015 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ खेली नाबाद 64 रन की पारी. इसमें उन्होंने वहाब रियाज के कहर बरपाते स्पैल का सामना किया और फिर टीम को जीत दिलाकर लौटे. वहीं 2012 के वर्ल्ड टी20 में वे प्लेयर ऑफ दी टूर्नामेंट चुने गए थे.

वॉटसन ने 2016 में इंटरनेशनल क्रिकेट छोड़ दिया. उन्होंने टेस्ट में 35 की औसत से 3731 रन बनाए. साथ में 75 विकेट भी लिए. वहीं वनडे में उनके नाम 40.54 की औसत से 5757 रन और 168 विकेट रहे. टी20 क्रिकेट में उन्होंने 1462 रन बनाए और 48 विकेट लिए.

आईपीएल में छाए रहे वॉटसन

शेन वॉटसन आईपीएल में भी खूब डिमांड रहे. पहले वे राजस्थान रॉयल्स के साथ रहे और टूर्नामेंट जीतने वाली टीम के सदस्य बने. फिर चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ रहे. इस टीम के साथ तो उनका खेलना यादगार बन गया. 2018 में जब टीम सस्पेंशन के बाद वापस आई तो वॉटसन टीम की जीत के नायक रहे. उन्होंने फाइनल में 57 गेंद में 117 रन बनाए और टीम को जीत दिलाई. फिर अगले साल यानी 2019 में फिर से टीम को फाइनल तक ले गए. यहां खिताबी मुकाबले में घुटने से खून बहने के बाद भी खेलते रहे और टीम को जीत के करीब ले गए. लेकिन रन आउट होने से खिताब दूर रह गया. आईपीएल 2020 के बाद शेन वॉटसन ने पूरी तरह क्रिकेट छोड़ दिया.