भारत में बनी कोवैक्सिन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) दोनों ही कोरोना वायरस (Corona Virus) के चिंता बढ़ाने वाले सभी वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी है. सरकार ने दावा किया है कि दोनों ही वैक्सीन कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर हैं. डेल्टा प्लस के बारे में अभी अध्ययन जारी है. वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 के दोनों ही टीके (कोविशील्ड एवं कोवैक्सिन) कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा एवं डेल्टा स्वरूपों के विरूद्ध काम करते हैं.
कोरोना वायरस के 4 स्वरूप- अल्फा, बीटा, गामा (Alpha, Beta, Gamma) और डेल्टा चिंता वाले वेरिेएंट्स हैं, जबकि डेल्टा से जुड़ा डेल्टा प्लस वेरिएंट ने भी देश में चिंता बढ़ाई है.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अलग-अलग वेरिएंट्स को समाप्त करने की टीके की क्षमताओं में कमी जरूर दिखती है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की कोवैक्सिन अल्फा वेरिएंट पर पूरी तरह प्रभावी है. उन्होंने कहा, ‘कोविशील्ड अल्फा के साथ 2.5 गुना घट जाती है. डेल्टा स्वरूप को लेकर कोवैक्सिन प्रभावी है लेकिन एंटीबॉडी प्रतिक्रिया तीन गुना तक कम हो जाती है जबकि कोविशील्ड के लिए, यह कमी दो गुना है, जबकि फाइजर और मॉडर्ना में यह कमी सात गुना है.
12 देशों में मौजूद है डेल्टा प्लस
भार्गव ने कहा, ‘हालांकि, कोविशील्ड और कोवैक्सिन कोरोना वायरस के स्वरूपों – अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के खिलाफ प्रभावी हैं.’ उन्होंने डेल्टा प्लस स्वरूप की चर्चा करते हुए कहा कि यह अब 12 देशों में मौजूद है. उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा प्लस के 10 राज्यों में 48 मामले सामने आए हैं और वे बहुत स्थानीय हैं. और उनमें से सबसे अधिक 20 महाराष्ट्र के हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, डेल्टा प्लस वेरिएंट के मध्य प्रदेश में सात, महाराष्ट्र में 20, पंजाब में दो, गुजरात में 2, केरल में तीन, तमिलनाडु में नौ, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, जम्मू, कर्नाटक में एक एक मामले आए हैं.डेल्टा प्लस वेरिएंट सबसे पहले भारत में पाए गए डेल्टा वेरिएंट का ही बदला स्वरूप है. जिसे कोरोना की तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है. आज ही सरकार ने कहा कि भारत में कोविड-19 के 90 फीसद मामले डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के हैं.