नई दिल्ली. एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर कोविड-19 (COVID-19) की तीसरी लहर (Third Wave) आती है तो उसके दूसरी लहर की तरह गंभीर होने की आशंका नहीं है. इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) में प्रकाशित गणितीय ‘मॉडलिंग’ विश्लेषण पर आधारित इस अध्ययन में रेखांकित किया गया है कि टीकाकरण के दायरे के विस्तार से कोरोना वायरस की तीसरी लहर को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
अध्ययन में ऐसे परिदृश्य की चर्चा की गयी है जिसमें 40 प्रतिशत आबादी ने दूसरी लहर के तीन महीनों के भीतर दोनों खुराक ले ली हैं. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण का प्रभाव संक्रमण की गंभीरता को 60 प्रतिशत तक कम करने के लिए है.
अध्ययन के अनुसार इससे यह दिखता है कि संभावित तीसरी लहर के दौरान टीकाकरण गंभीरता को काफी हद तक कम कर सकता है.
‘भारत में कोविड-19 की तीसरी लहर की संभाव्यता: गणितीय मॉडलिंग आधारित विश्लेषण’ के लेखकों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के संदीप मंडल, बलराम भार्गव और समीरन पांडा तथा इंपीरियल कॉलेज लंदन के निमलन अरिनामिनपति शामिल हैं.
तीसरी लहर के संबंध में चार परिकल्पनाओं पर विचार करते हुए अध्ययन में कहा गया है, संक्रमण-आधारित प्रतिरक्षा क्षमता समय के साथ कम हो सकती है, पहले से संक्रमित हुए लोग पुन: संक्रमित हो सकते हैं, भले ही मौजूदा वायरस अपरिवर्तित रहे.
बच्चों में कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित
कोविड-19 की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच यहां भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी निदेशालय ने संकट से निपटने में सरकार का मार्गदर्शन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है. पांच सदस्यीय समिति में सिद्धा विशेषज्ञ शामिल हैं जिनके पास खासतौर से बच्चों के संक्रामक रोगों का इलाज करने का अनुभव है.
निदेशालय के सूत्रों के अनुसार, समिति में सिद्धा केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (एससीआरआई) चेन्नई के प्रभारी निदेशक डॉ. पी साथियाराजेश्वरन, राष्ट्रीय सिद्धा संस्थान (एनआईएस) तंबरम की प्रोफेसर डॉ. मीनाक्षी सुंदरम, यहां गवर्नमेंट सिद्धा मेडिकल कॉलेज, व्याख्याता ग्रेड 2 के डॉ. जे श्रीराम, तमिलनाडु डॉ. एमजीआर मेडिकल विश्वविद्यालय के महामारी विज्ञान विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. जोसेफ मारिया अदईकलाम और यहां स्वाभिमान ट्रस्ट के ऑटिस्म विशेषज्ञ डॉ. प्रतिभन शामिल हैं. निदेशालय द्वारा कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए 21 जुलाई को यहां बुलाई एक बैठक में समिति गठित की गई.