विभाग को गुमराह करने का लगा आरोप,डीईओ की कार्यशैली की निंदा कर रहा शिक्षक संघर्ष मोर्चा
कोरबा । जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे अपनी कार्यशैली को लेकर एक बार सुर्खियों में हैं। डीईओ पर अपनी गलती छुपाने के लिए बैक डेट में संलग्नीकरण निरस्त करने संबंधी आदेश जारी कर विभाग को गुमराह करने का आरोप लगा है । साथ ही कागजों में संलग्नीकरण हटाकर शाखा प्रभारी के माध्यम से शिक्षकों को जिला कार्यालय बुलाने जाने का संगीन आरोप लगा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ एवं शिक्षक संघर्ष मोर्चा कोरबा के पदाधिकारियों द्वारा ज्ञापन सौंपकर डीईओ कार्यालय के भ्रष्टाचार के खेल को उजागर किया गया है।

जारी शिकायत पत्र के अनुसार डीईओ सतीश पांडे पर विभाग को गुमराह करने का आरोप लगाया गया है l
डीईओ श्री पांडे द्वारा कार्यालयीन आदेश क्रमांक 5213 दिनांक 25 मार्च 2021 के तहत पूर्व कलेक्टर द्वारा आहूत की गई टीएल बैठक का संदर्भ देते हुए दिनांक 10सितंबर 2018 के पूर्व संलग्न शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर मूल संस्था में कार्यभार ग्रहण करने हेतु नामवार पृथक पृथक आदेश जारी किया गया है। इसके विरुद्ध विभिन्न शिक्षक संगठन ने आवाज उठाते हुए संलग्न करण को संदिग्ध एवं पक्षपातपूर्ण बताया तथा इस संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कोरबा एवं राजस्व मंत्री को अवगत भी कराया l जिसके बाद आनन-फानन में जिला शिक्षा अधिकारी ने कुछ दिन पूर्व ही आदेश क्रमांक 4707 बैक डेट दिनांक 6 मार्च 2021 को एजुकेशन हब एवं छात्रावास में संलग्न शिक्षकों को छोड़कर समस्त प्रकार के संलग्नीकरण समाप्त करने हेतु आदेश जारी किया l जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा बैक डेट में आदेश जारी किया जाना सर्वथा अनुचित था उन्होंने यह आदेश महज अपनी गलती छुपाने के लिए एवं विभाग को गुमराह करने के लिए जारी किया है lविभिन्न शिक्षक संघ के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि डीईओ सतीश पांडे ने जिले में दिनांक 10 सितंबर 2018 को ही कार्यभार ग्रहण किया था एवं अपने प्रथम आदेश में यह अपने कार्यभार ग्रहण दिनांक से पहले संलग्न किए गए शिक्षकों को कार्यमुक्त करने संबंधी आदेश जारी किए फिर बाद में बैक डेट का नया आदेश l जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली शुरू से ही विवादित है पहले भी मौखिक आदेश दे दे कर कार्य कराया जा चुका है । वर्तमान में पृथक पृथक शिक्षकों के संलग्नीकरण को समाप्त करने आदेश जारी करने तथा ऑफिस बुलाकर शिक्षकों से समन्वय स्थापित करना सर्वथा अनुचित रहा है। इस संदर्भ में जब मामला जिला कलेक्टर एवं राजस्व मंत्री के संज्ञान में आया तो जिला शिक्षा अधिकारी ने आनन-फानन में पिछले दिनांक पर आर्डर जारी कर दिया संघ के प्रतिनिधियों का यह भी आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी इसी प्रकार बैक डेट में आर्डर जारी करते रहे हैं l

बैक डेट का आदेश है प्रमाणित
वस्तुतः पृथक पृथक शिक्षकों का आदेश 5 जून 2021 को ही जारी किया गया था। इसी आदेश के संदर्भ में विकास खंड शिक्षा अधिकारियों ने इन शिक्षकों को मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त किया था जबकि महज विवाद से बचने के लिए एवं अपने आप को स्वच्छ छवि का अधिकारी साबित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने बैक डेट 6 मार्च 2021 को संलग्नीकरण समाप्त करने हेतु आदेश जारी कर दिया । यदि आदेश पूर्व में ही जारी हो जाता तो किसी अन्य पृथक आदेश की आवश्यकता ही नहीं होती l
शिक्षक संघर्ष मोर्चा जिला कोरबा के संरक्षक एवं तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश कुमार द्विवेदी, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ एवम शिक्षक संघर्ष मोर्चा के जिला संयोजक ओम प्रकाश बघेल, छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एवं मोर्चा के महासचिव तरुण सिंह राठौर ने संयुक्त रुप से बयान जारी कर यह आरोप लगाया है।
संलग्नीकरण महज दिखावा,शाखा लिपिक के जरिए बुला रहे जिला कार्यालय
जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा महज दिखावे के लिए संलग्नीकरण समाप्त किया गया है जबकि जिले के कई एकल शिक्षक एवं इनके गुड लिस्ट में शामिल शिक्षकों को आज पर्यंत उनकी मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त नहीं किया गया । इसके अतिरिक्त पृथक पृथक आदेश में संलग्नीकरण समाप्त कर मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त शिक्षक आज भी अपनी संलग्न संस्था में ही कार्यरत हैं । जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा मौखिक रूप से इस संदर्भ में प्राचार्य को निर्देश भी दिए गए हैं यदि ऐसा नहीं है तो आज पर्यंत शिक्षक अपनी मूल संस्था में क्यों नहीं गए साथ ही ऐसे शिक्षकों को बार-बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की स्थापना शाखा में शाखा लिपिक सतपाल के द्वारा क्यों बुलाया जा रहा है l
व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित वर्चुअल ऑनलाइन प्रशिक्षण पर्सनालिटी एवं स्किल कार्यक्रम
जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे के द्वारा जिले में कई कार्यक्रम जैसे समाज के लोगों शाला प्रबंध समिति के सदस्यों एवं शिक्षकों को वर्चुअल ऑनलाइन प्रशिक्षण पर्सनालिटी स्किल लीडरशिप डेवलपमेंट कार्यक्रम सिर्फ अपनी प्रोफाइल को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है ।ये शुरू से ही यू टर्न प्रमोशन चाहते हैं तथा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना चाहते हैं इस उद्देश्य से इन्होंने पूरे जिले के शिक्षकों को सिर्फ अपनी मंशा की पूर्ति के लिए झोंक दिया हैl
राज्य शासन द्वारा इस संबंध में किसी भी प्रकार का निर्देश अथवा आदेश जारी नहीं किया गया है नियम एवं निर्देशों की गलत व्याख्या करना जिला शिक्षा अधिकारी की आदत बन गई है।। यदि ऐसा है तो जिला शिक्षा अधिकारी स्पष्ट करें कि किस आदेश के तहत वे प्रतिदिन रात 10 से लेकर 11:00 बजे तक प्राचार्य शिक्षकों एवं विकास खंड शिक्षा अधिकारियों को ऑनलाइन वर्चुअल मीटिंग में जोड़ें रखते हैं। आखिर उनकी क्या मंशा है ,वह क्यों सबको दबाव पूर्वक मीटिंग अटेंड करने हेतु मौखिक आदेशित कर बाध्य करते हैं।
संघ के पदाधिकारियों ने जिला शिक्षा अधिकारी की कार्यप्रणाली पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि जैसे ही संघ के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतीश पांडे के विरुद्ध कोई शिकायत की जाती है यह तत्काल अपने कुछ चाटुकार प्राचार्य व्याख्याता एवं शिक्षकों के द्वारा अपने समर्थन में लेख लिखवा कर विभाग एवं समाज को गुमराह करते हैं। संघ का यह भी आरोप है इनके समर्थन में हमेशा श्रीमती फरहाना अली प्राचार्य हाई स्कूल स्याही मुड़ी ( प्रतिवर्ष साइंस की विभिन्न क्रियाकलापों में यहीं के छात्र चयनित होते हैं) ,पुरुषोत्तम पटेल प्राचार्य उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तुमान ( अग्रगमन के नकल प्रकरण के प्रमुख आरोपी जांच आज पर्यंत लंबित एवं आरोप लगाने वाले शिक्षकों को अन्यत्र अटैच किया गया), श्री कामता जायसवाल जूनियर व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तुमान पोड़ी उपरोड़ा ( प्रभारी प्राचार्य), श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरदा, मालिक राम श्रीवास प्राचार्य हाई स्कूल तिलकेजा(शिक्षकों से दुर्व्यवहार करने के आरोपी , जांच लंबित) एवं विश्वनाथ कश्यप प्राचार्य हाई स्कूल पोड़ी लाफा ही क्यों आते हैं l जिला शिक्षा अधिकारी के कार्य प्रणाली से शिक्षकों में खासा रोष व्याप्त है l










