बीईओ कार्यालय कोरबा के लिपिक ने बुधवार को कार्यालयीन समयावधि में गटक लिया था सल्फॉस कीटनाशक ,मौत के बाद भी उठ रहे सवाल
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।आर्थिक तंगी एवं मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर कार्यालय में सल्फॉस कीटनाशक का सेवन करने वाले बीईओ कार्यालय कोरबा में पदस्थ लिपिक श्याम कुमार मानसर जिंदगी की जंग हार गए। अपोलो अस्पताल बिलासपुर में शुक्रवार को उपचार के दौरान दोपहर 12.20 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद लिपिक मानसर का शव उनके परिजनों को गृह ग्राम परसदा (कापन) ले जाने के लिए सौंप दिया गया है। मौत के बाद भी लिपिक मानसर कई तरह के सवाल छोंड़ गए हैं।
गौरतलब हो कि बुधवार 7 जुलाई को बीईओ कार्यालय कोरबा में सहायक ग्रेड -3 (लिपिक) के पद पर पदस्थ श्याम कुमार मानसर ने कार्यालयीन समयावधि में दोपहर 1 बजे सल्फॉस कीटनाशक का सेवन कर लिया था। घटना के बाद उन्हें तत्काल शहर के निजी चिकित्सालय एनकेएच में भर्ती कराया। लेकिन लिपिक की हालत में सुधार न आता देख देर रात उन्हें अपोलो बिलासपुर रेफर कर दिया था। गुरुवार से लिपिक की तबियत अत्यधिक खराब हो चुकी थी। शरीर के सभी अंग जवाब दे चुके थे ,परिजनों की माली हालत देख डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था। शुक्रवार की दोपहर 12.20 बजे लिपिक मानसर जिंदगी की जंग हार गए। उन्होंने करीब 48 घण्टे तक संघर्ष किया। बीईओ संजय अग्रवाल ने घटना की पुष्टि की । लिपिक मानसर मूलतः जांजगीर जिले के कापन स्थित परसदा गांव के निवासी थे।उनकी पत्नी अन्नपूर्णा मानसर की मौजूदगी में परिजनों को शव गृह ग्राम ले जाने के लिए सौंप दिया गया है। उनका एक दस वर्षीय पुत्र है । घटना के बाद पूरे शिक्षा विभाग में शोक की लहर व्याप्त है।
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घटना की न्यायिक जांच हो
जिस तरह लिपिक ने कार्यालयीन समयावधि में कीटनाशक का सेवन कर जान दे दी। इस घटना ने लिपिक मानसर के मौत के बाद कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। बीईओ द्वारा मजिस्ट्रियल बयान से पूर्व कोरबा में एनकेएच अस्पताल में खुद बयान लेकर वीडियो वॉयरल किया गया था। जिससे वे भी शक की निगाह पर हैं।लिपिक पर 3 शाखाओं का वर्क लोड आ गया था। इसके अलावा लिपिक ने बीईओ द्वारा लिए गए बयान वीडियो के माध्यम से एचडीएफसी से एक पॉलिसी लिए जाने का उल्लेख किया था। जिसका 18 लाख रुपए उन्हें नहीं मिल रहा था। लिपिक ने विक्रम रावत नामक व्यक्ति का जिक्र किया था जो उसे एक दो दिन में खाते में पैसे मिल जाने का आश्वासन दे रहा था। यही नहीं घटना की तीसरी बातें भी सामने आ रही है सूत्रों के अनुसार घटना दिवस के पूर्व एक अनुसूचित जाति के स्थानीय नेता द्वारा लिपिक को ट्रांसफर करवा देने ,निलंबित करवा देने की धमकी दी गई थी। कार्यालय के सहकर्मी उसका नाम लेने से डर रहे हैं। इन सब बिंदुओं को देखते हुए इस घटना की न्यायिक जांच किए जाने की जरूरत है। तभी लिपिक मानसर के परिवार को न्याय मिल सकेगा।
वर्जन
निधन हो गया है
लिपिक की उपचार के दौरान अपोलो में निधन हो गया है। घटना से हम सब स्तब्ध हैं। परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया है।
संजय अग्रवाल ,बीईओ कोरबा