कोरबा। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि बुधवार को बीईओ कार्यालय कोरबा में लिपिक श्यामसुंदर मानसर द्वारा जहरखुरानी करने की वजह से आज शुक्रवार को अपोलो अस्पताल बिलासपुर में निधन हो गया।जिसकी न्यायिक जांच करनी चाहिए।
श्री सिन्हा ने बताया है कि लिपिक मानसर आर्थिक तंगी के चलते किसी बैंक में मैचुअल फंड के तहत जमा राशि को लेकर तनाव में थे । जिसके फलस्वरूप जहरखुरानी करने के कारण बीईओ कार्यालय के अधिकारी संजय अग्रवाल द्वारा एनकेएच निजी अस्पताल में उन्हें भर्ती करया गया।ततपश्चात स्थिति में सुधार न होने पर अपोलो अस्पताल बिलासपुर रेफर किया गया था । आज दोपहर उनका निधन हो गया लिपिक श्याम सुंदर मानसर अनेक सवाल छोड़ गए हैं बीईओ संजय अग्रवाल ने निजी अस्पताल एनकेएच में दाखिल जहरखुरानी लिपिक मानसर का बयान लिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । यह नियमों के विरुद्ध है तथा मामले को उलझा दिया है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति जहर खुरानी करता है तो उसे तत्काल किसी अस्पताल में दाखिल किया जाता है अस्पताल की ओर से तुरंत स्थानीय पुलिस व दंडाधिकारी की उपस्थिति में गंभीर रूप से दाखिल मरीज का बयान लिया जाता है लेकिन संजय अग्रवाल ने स्वयं बयान लेकर सोशल मीडिया में बयान को वायरल कर दिया जिससे पता चलता है कि मामला संदेह के दायरे में है । मानसर की मृत्यु संदेहआत्मक रूप ले लिया है।
श्री सिन्हा ने आगे बताया कि बीईओ संजय अग्रवाल या डीईओ सतीश पांडे द्वारा तत्काल किसी दंडाधिकारी या स्थानीय थाने में सूचना देकर बयान दर्ज कराना चाहिए था । लेकिन न तो विभाग के अधिकारी न ही स्थानीय निजी अस्पताल के डॉक्टर द्वारा स्थानीय मजिस्ट्रेट या पुलिस को सूचना दी गई। नियमों की घोर अवहेलना की गई है। मृत लिपिक के समर्थन में अभी तक कर्मचारी संघ आगे नहीं आए हैं जिससे मृत लिपिक के परिवार बेसहारा हो गए ।श्री सिन्हा ने कलेक्टर कोरबा से मांग की है कि लिपिक मानसर की चिकित्सालय में दाखिला के समय स्थानीय दंडाधिकारी या पुलिस को शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा क्यों नहीं सूचना दी गई इसलिए इस मामले की न्यायिक जांच की जाए ताकि मृत परिवार को न्याय मिल सके।