सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस एंड रिसर्च सेंटर ने 13 एकड़ शासकीय नजूल भूमि पर किया कब्जा

राजस्व विभाग की सीमांकन में हुआ गड़बड़ी का खुलासा ,तीन छोर से बाउंड्रीवाल एक छोर से फेंसिंग कर किया कब्जा ,संचालक देवेंद्र पांडेय जांच दल से भी उलझे ,सोमवार को पंचनामा उपरांत सौंपी जाएगी प्रतिवेदन

हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा।जहां शहर में शासकीय प्रयोजनों व विकास कार्यों के लिए जमीन नहीं मिल पा रही वहीं सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष सह प्रोपाईटर भाजपा नेता देवेंद्र पाण्डेय ने सेवा के नाम पर कौड़ी के दाम में लीज में मिली 25 एकड़ नजूल भूमि के अलावा अपने निजी स्वार्थ के लिए बेशकीमती 13 एकड़ शासकीय नजूल भूमि पर बाउंड्रीवाल व फेंसिंग कर कब्जा कर रखा है। शिकायत के आधार पर रविवार को सीमांकन के लिए पहुंची राजस्व विभाग की टीम की जांच के दौरान इसका खुलासा हुआ है । सीमांकन के दौरान जांच दल से ही कुछ पल के लिए सृष्टि इंस्टीट्यूट के संचालक देवेंद्र पांडे उलझ गए थे। बाद में झल्लाकर वो पंचनामा तैयार करने से पहले ही चले गए। लिहाजा सोमवार को उनकी मौजूदगी में पंचनामा तैयार कर नायब तहसीलदार के नेतृत्व में जांच दल आवश्यक कार्यवाई के लिए जांच प्रतिवेदन सौंपेगी।

यहाँ बताना होगा कि सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर करीब डेढ़ दशक पूर्व शहर से लगे खरमोरा एवं रिस्दी के खसरा नम्बर 296 एवं 309 में 25 एकड़ नजूल भूमि 30 साल के लिए लीज निष्पादन शर्तों के तहत प्रदान की गई है। सेवा के नाम पर मिले इस कुल नजूल भूमि में 17 एकड़ रिस्दी की भूमि तो 8 एकड़ भूमि खरमोरा की शामिल है। पिछले कुछ वर्षों से इसके संचालन व स्वामित्व को लेकर संचालक देवेंद्र पांडेय एवं संरक्षक सदस्यों में शामिल रहे पूर्व गृहमंत्री वर्तमान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर व उनके पुत्र जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर के मध्य खींचतान चली आ रही है। मामला थाना,कलेक्टोरेट से लेकर कोर्ट तक जा चुकी है। इसी बीच हाल ही में कोरबा निवासी अकबर सिंह नामक व्यक्ति द्वारा कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत की गई है कि सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस एंड रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष सह मालिक देवेंद्र पाण्डेय द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जा कर लीज रेंट की निर्धारित राशि 25 करोड़ रुपए जमा नहीं की जा रही है। कलेक्टर न्यायालय ने न्यायालय तहसीलदार कोरबा को उक्त भूमि का सीमांकन करने का आदेश दिया था। तहसीलदार कोरबा सुरेश साहू ने इसके लिए नायब तहसीलदार एम एस राठिया के नेतृत्व में तत्काल 6 सदस्यीय टीम गठित किया । जिसमें शेष सदस्यों के रूप में राजस्व निरीक्षक खेलन प्रसाद सूर्यवंशी ,चक्रधर सिंह सिदार ,पटवारी बजरंग पुलस्त ,अनिरुद्ध राठौर ,लेविन पटेल शामिल थे । नायब तहसीलदार एम एस राठिया के नेतृत्व में जांच दल रविवार को सीमांकन के लिए पहुंची। जहां सृष्टि इंस्टीट्यूट के संचालक देवेंद्र पाण्डेय और जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर भी मौजूद थे।

पोल खुलते ही पंचनामा तैयार करने से पहले ही भाग गए देवेंद्र पाण्डेय

जैसे ही सीमांकन में शासकीय नजूल भूमि का एक बड़ा भू -भाग कब्जे के रूप में आता हुआ नजर आया संचालक देवेंद्र पाण्डेय सीमांकन दल से ही उलझ गए। बाद में शासकीय कार्य में बाधा डालने के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाई सम्बन्धी नियमों का उन्हें भान हुआ तो शांत हो गए। उन्होंने जांच दल को दलील दिया कि डर का अहसास हुआ कैंपस को जंगली जानवरों से सुरक्षित करने उन्होंने फेंसिंग किया था। लेकिन श्री पाण्डेय की चालाकी तब धरी की धरी रह गई जब जांच दल ने सीमांकन पूरा होते होते पाया कि करीब 13 एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया है। जिसका एक छोर फेंसिंग से तो शेष तीनों छोर को बाउंड्रीवाल कर कब्जा किया गया है। यह पता चलते ही देवेंद्र पाण्डेय पंचनामा तैयार करने से पहले ही झल्लाकर चले गए।जिसकी वजह से अब जांच दल सोमवार को ही उनकी उपस्थिति में विधिवत पंचनामा तैयार कर जांच प्रतिवेदन आवश्यक कार्यवाई हेतु तहसीलदार को सौंपेगी।

सेवा के नाम पर किया बलात कब्जा जमीन वापस ले सरकार -ननकीराम

वहीं इस पूरे प्रकरण में जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर ने क इसे देवेंद्र पांडे की करतूत बताते हुए कहा कि वह अपराधी व्यक्तित्व का व्यक्ति है। उनके द्वारा सेवा के नाम पर शासकीय जमीनों पर बलात कब्जा किया गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने कहा कि सृष्टि मेडिकल की जमीन और परिसंपत्तियों को शासन को वापस लेने हमने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। शासन को जनता के हित में जिला अस्पताल के समीप ही सृष्टि इंस्टीट्यूट की जमीन वापस लेकर वहां पर मेडिकल कॉलेज खोलना चाहिए ।

वर्जन

पंचनामा मिलने के बाद करेंगे आवश्यक कार्यवाई

सृष्टि मेडिकल कॉलेज के समीप की खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा करने का शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर रविवार को नायब तहसीलदार के नेतृत्व में मौका मुआयना कर सीमांकन किया गया है। अभी जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है । सीमांकन की पंचनामा मिलते ही आवश्यक कार्यवाई के लिए कलेक्टर न्यायालय को प्रकरण भेजेंगे।

सुरेश साहू, तहसीलदार कोरबा