नाराज राईस मिलर्स मिले कलेक्टर से बताई डीएम नान की मनमानी,कहा बिना लिखित आदेश जिले के कोटे का भी चावल जमा कराने कर रहे आनाकानी
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा ।जिले में 18 करोड़ रुपए का चावल बरसात में बर्बादी की भेंट न चढ़ जाए। जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा पिछले दो दिनों से जिले के राईस मिलरों निर्धारित कोटे का भी 6 हजार टन (60 हजार क्विंटल)चावल जमा नहीं लिए जाने की वजह से यह स्थिति बनी हुई है। राईस मिलरों के सीएमआर का चावल लोड वाहनों की वेयर हाउस में लंबी कतार लगी है। बारिश होने पर गरीबों के लिए पीडीएस दुकानों में दिए जाने वाले करोड़ों के चावल भीगकर बर्बाद हो जाएंगे। जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा शासन के आदेश का मौखिक हवाला देकर जिले के कोटे का चावल भी नहीं लिए जाने से नाराज 77 राईस मिलरों के राईस मिलर्स संघ के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से मिलकर डीएम नान के मनमानी की शिकायत की है। वहीं डीएम नान ने जिले के कोटे का चावल नियमानुसार लिए जाने की भी बात कही है।

यहाँ बताना होगा कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान के कस्टम मिलिंग सीएमआर का चावल जमा करने के लिए जिले के 77 राईस मिलरों से वेयर हाउस के गोदामों में चांवल जमा करने की प्रक्रिया केंद्र प्रबंधक के द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से किया जा रहा है। जिसकी सूचना सभी राईस मिलरों को प्राप्त होती रहती है। प्राप्त सूचना के आधार पर ही मिलर गोदाम में चांवल खाली कराने के लिए गाड़ियां भेजता है। जिला प्रशासन के द्वारा बनाए गए नियमों के तहत सीएमआर खाली कराया जाता है । लेकिन पिछले 2 दिनों से जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा चांवल खाली नहीं कराया जा रहा है। और ना ही किसी भी प्रकार की सूचना राईस मिलर संघ को दी गई है । मिलरों की सीएमआर का चावल लोड गाड़ी गोदाम परिसर के बाहर एवं मिलों में खड़ी है। राईस मिलर संघ कोरबा के पदाधिकारी अध्यक्ष शिव कुमार वैष्णव ,उपाध्यक्ष गोविंद मोदी,सचिव अमित अग्रवाल ने बताया कि डीएम नान द्वारा न तो फोन रिसीव किया जाता है न ही उक्ताशय के संबंध में शासन का कोई लिखित आदेश दिया जा रहा है जिससे ज्ञात हो कि चावल क्यूँ नहीं लिया जा रहा है। पदाधिकारियों ने कलेक्टर से मामले में त्वरित संज्ञान लेकर कार्यवाई किए जाने की मांग की है।
ये है मामला
दरअसल पूरा मामला शासन द्वारा तय कोटे के अनुसार चावल जमा करने को लेकर है । जिले के राईस मिलरों का सीएमआर का चावल कोरबा जिले के वेयर हाउस में 6 हजार टन तक लिए जाने की क्षमता निर्धारित की गई है । जबकि बिलासपुर जिले से राईस मिलरों ने जो कस्टम मिलिंग के लिए जो धान उठाया है उसके अनुरूप 33 हजार टन चावल राईस मिलरों के पास उपलब्ध है। जिसकी कुल कीमत 99 करोड़ रुपए की है।डीएम नान शासन के नियमों के तहत जिले के निर्धारित कोटा अनुरूप 6 हजार टन चावल जमा लिए जाने की ही बात कह रहे हैं शेष 81 करोड़ रुपए के 27 हजार टन चावल जमा करने के लिए बिलासपुर व अंतरवर्तीय अन्य जिले में जमा करने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राईस मिलर्स संघ कोरबा के पदाधिकारियों का कहना है कि जिले के कोटे के चावल भी डीएम नान विभिन्न तरह की तर्क वितर्क कर नहीं ले रहे हैं । जिससे करोड़ों के धान की बरसात में खराब होने के आसार बढ़ रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने राईस मिलर्स संघ के पदाधिकारियों को नियमानुसार उचित पहल किए जाने का आश्वासन दिया है।
वर्जन
तय लिमिट अनुसार ही जमा ले रहे चावल
जिले के लिए तय लिमिट से अधिक चावल जमा लिया जाना संभव नहीं है। जिले के निर्धारित कोटे के अनुरूप चावल ले रहे हैं। शेष चावल को जमा करने राईस मिलरों को जहाँ से कस्टम मिलिंग के लिए धान उठाए हैं उन जिलों में जमा करना होगा। बिलासपुर में जमा करना होगा।
के के यदु ,जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम,कोरबा
वर्जन
जिले के कोटे का तो चावल लें
जिले के कोटे का भी चावल डीएम नान जमा नहीं ले रहे। शेष की क्या बात करें। चावलों से लदी वाहनों की कतार लगी है शीघ्र सीएमआर की गाड़ी खाली नहीं हुई तो करोड़ों के चावल कहीं बर्बादी की भेंट न चढ़ जाए।डीएम नान किसी भी तरह के लिखित आदेश के साथ बात नहीं करते जो उचित नहीं है। प्रशासन को त्वरित संज्ञान लेना चाहिए ताकि गरीबों को प्रदाय करने वाला चावल बर्बाद न हो।
शिव कुमार वैष्णव ,
अध्यक्ष ,जिला राईस मिलर्स संघ कोरबा