प्रसूता की सहायता के लिए नहीं पहुंची संजीवनी, 112 की टीम ने दिया जीवनदान,नेशनल हाइवे पर बच्चे ने लिया जन्म

कोरबा। जब संजीवनी 108 से लगातार गुहार लगाने के बाद भी सहायता नहीं मिली तब डॉयल 112 की टीम प्रसव पीड़िता महिला के लिए जीवनदायिनी साबित हुई । डॉयल 112 वाहन में ही महिला का सुरक्षित प्रसव कराया गया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

दरअसल बांगो थाना में मौजूद कोबरा 01 की टीम को शाम करीब 5 बजे सूचना मिली कि मोरगा पुलिस चौकी क्षेत्र के ग्राम ठिर्रीआमा में प्रसव के दर्द से कराहती महिला को मदद की दरकार है। सी-4 से मेडिकल इमरजेंसी की सूचना पर बांगो कोबरा 01 की टीम तत्काल रवाना होकर कॉलर के बताए हुए पते पर ग्राम ठिर्रीआमा पहुंची। यहां कविता बाई पति रोशन मंझवार उम्र 20 वर्ष को अत्यधिक प्रसव पीड़ा हो रही थी। मितानिन बुधयारो बाई ने बताया कि उसके द्वारा कई बार सहायता हेतु 108 संजीवनी एम्बुलेंस से गुहार लगाई परंतु कोई सहायता उपलब्ध नहीं हो पाई तब डायल 112 से संपर्क किया। टीम द्वारा बिना समय व्यतीत किए प्रसव पीड़िता महिला को आनन-फानन में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र मोरगा में भर्ती कराने रवाना हुए।
रास्ते में प्रसव पीड़ित महिला को अत्यधिक पीड़ा होने से मितानिन द्वारा बिलासपुर-अंबिकापुर नेशनल हाईवे मार्ग में मोरगा के पास ईआरवी वाहन को रोककर उक्त महिला को रात के अंधेरे में ही वाहन के अंदर सुरक्षित प्रसव कराया गया। प्रसव उपरांत उक्त जच्चा-बच्चा दोनों को उपस्वास्थ्य केंद्र मोरगा में ले जाकर भर्ती कराया गया। डॉक्टर द्वारा महिला व बच्चे दोनों को स्वस्थ बताया गया। डॉयल 112 के आरक्षक 616 महेन्द्र कुमार चंद्रा व चालक संजय लकड़ा की इस तत्पर कार्यवाही हेतु परिवार द्वारा बहुत-बहुत धन्यवाद दिया और काफी सराहना की।

नेशनल हाईवे पर हाथियों का भी खतरा, निगरानी करते रहे जवान

मोरगा में हाथियों के खतरे का भी साया मंडराता रहा। नेशनल हाईवे पर स्थित ग्राम मोरगा पिछले कुछ दिनों से हाथियों के मामले में संवेदनशील बना हुआ है ।पिछले दिनों चोरधोवा मोड़ पर देर रात एक ग्रामीण को सड़क पार करते वक्त हाथी ने कुचल कर मार डाला। दूसरे दिन विधायक यहां पहुंचे तो शाम के वक्त उनके समर्थकों को भी हाथियों का सामना करना पड़ा। मंगलवार को क्षेत्र में 40 हाथियों का दल विचरण कर रहा था तब आकाशीय बिजली की चपेट में आए 8 साल के मासूम बच्चे को अस्पताल पहुंचाने के लिए 112 की टीम ने जान जोखिम में डाली। बुधवार को फिर यह साहस 112 की टीम ने दिखाया। नेशनल हाईवे पर ही प्रसव पीड़ा तेज होने पर वाहन को रोककर कविता का प्रसव कराया गया। इस पूरे समय 112 वाहन के चारों ओर आरक्षक निगरानी करते घूमते रहे।