कोरबा । चालू खरीफ सीजन में अच्छी मानसूनी बारिश होने के फलस्वरूप जिले के किसानों द्वारा निर्धारित लक्ष्य अनुरूप फ़सलो की बुआई पूरी हो गई है। खरीफ सीजन 2021 में धान की फसल 97 हजार 330 हेक्टेयर भूमि पर लगाई गई हैं। किसानों द्वारा धान फसल की बुआई जिले में रोपा और बोता के माध्यम से किए गए हैं। धान के अलावा मक्का, ज्वार, कोदो-कुटकी एवं रागी फसलों को मिलाकर संयुक्त रूप से अनाजी फसलों की शत-प्रतिशत बुआई पूरी हो चुकी है। धान को मिलाकर अन्य खरीफ फसलों जैसे अनाज, दलहन, तिलहन एवं सब्जी फसलों की बुआई पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक 96 प्रतिशत बुआई पूरी हो चुकी है।
पिछले खरीफ सीजन में एक लाख 29 हजार 55 हेक्टेयर रकबे में खरीफ फसल लिए गए थे। इस सीजन में अभी तक जिले के किसान एक लाख 24 हजार 537 हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसलों की बुआई कर चुके हैं। इस वर्ष एक लाख 31 हजार 300 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की खेती के लिए लक्ष्य रखा गया है। अभी तक रोपा पद्धति से 40 हजार 632 हेक्टेयर में और बोता पद्धति से 47 हजार 831 हेक्टेयर भूमि में धान की बुआई हो चुकी है। किसानों ने अभी तक आठ हजार 061 हेक्टयर क्षेत्र में मक्के की भी बोनी पूरी हो चुकी है। राज्य शासन के मंशा अनुरूप किसानों को अधिक से अधिक लाभ दिलाने के लिए इस साल धान के रकबे में कमी की गई है और दलहन-तिलहन फसलों का रकबा बढ़ाया गया है। पिछले वर्ष 11 हजार 937 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहन-तिलहनी फसलों की खेती की गई थी। इस वर्ष अभी तक आठ हजार 883 हेक्टेयर भूमि में दलहन-तिलहन फसलों की बुआई हो चुकी है।
उप संचालक कृषि ने बताया कि कोरबा जिले में चालू खरीफ मौसम में दस हजार 520 हेक्टेयर क्षेत्र में दलहनी और दो हजार 883 हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले के किसान अभी तक छह हजार 869 हेक्टेयर में दलहन और दो हजार 014 हेक्टेयर में तिलहन फसलों की बुआई कर चुके हैं। उप संचालक ने बताया कि चालू खरीफ सीजन में अरहर तीन हजार 714 हेक्टेयर में मूंग 666 हेक्टेयर, उड़द दो हजार 469 हेक्टेयर, मूंगफली 414 हेक्टेयर, तिल एक हजार 600 हेक्टेयर एवं सब्जी व अन्य उद्यानिकी फसल दस हजार 155 हेक्टेयर क्षेत्र मे बुआई पूरी हो चुकी है।
जिले में फसलों को कीट व्याधि से बचाने कीट नियंत्रण एवं निगरानी समिति गठित
जिले में बोई गई फसलों को कीट व्याधि से बचाने के लिए मैदानी स्तर पर फसलों के सतत निरीक्षण एवं कीट नियंत्रण के लिए निगरानी समिति गठित की गई है। कीट नियंत्रण एवं निगरानी समिति में कृषि वैज्ञानिकों सहित तकनीकी अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हैं। गठित समिति कीट व्याधि का प्रकोप पाए जाने पर किसानों एवं मैदानी कार्यकर्ताओं को उचित समय पर तकनीकी सलाह एवं सुझाव देंगे। निगरानी समिति खेतों का भ्रमण कर कीट व्याधि का निरीक्षण करेंगे एवं गांव में किसानों से सामूहिक संपर्क स्थापित कर कीट व्याधि नियंत्रण के लिए तकनीकी सलाह भी देंगे। कीट प्रकोप की जानकारी देने के लिए निगरानी समिति में शामिल सदस्यों के मोबाइल नंबर एवं दूरभाष नंबर भी जारी किए गए हैं। कीट व्याधि के प्रकोप पाए जाने पर किसान दूरभाष नंबर 07759-227641 पर संपर्क करके सूचना कीट नियंत्रण समिति को दे सकते हैं।
उपसंचालक कृषि ए. के. शुक्ला ने बताया कि फसलों के कीट एवं रोगों से सतत निगरानी एवं नियंत्रण के लिए गठित दल में नोडल अधिकारी सहायक संचालक कृषि डी.पी.एस. कंवर मोबाइल नंबर 91795-87424, वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कीट वैज्ञानिक श्री एम. एस. उर्रे मोबाइल नंबर 94060-01348, सहायक नोडल अधिकारी के रूप में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री एस.एस. पैंकरा मोबाइल नंबर 99937-87405 शामिल हैं। उक्त अधिकारी समय-समय पर फसलों को कीट एवं रोगों से बचाव के लिए निगरानी करेंगे तथा नियंत्रण के उपाय सुनिश्चित करेंगे।