बरपाली हल्का के पटवारी नंदलाल साहू पर भ्रष्टाचार का आरोप ,दल बल के साथ पुलिस प्रशासन के अधिकारी रहे तैनात
हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा। बरपाली उपतहसील के मुख्यालय पटवारी कार्यालय का शुक्रवार को भाजपा बरपाली मंडल महामंत्री मन्नु यादव के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं व ग्रामीणों ने घेराव कर पटवारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।नायब तहसीलदार रविशंकर राठौर ,उरगा थाना प्रभारी विजय व दर्जनों जवानों की मौजूदगी में मंडल महामंत्री पटवारी की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर करते रहे। खबर लिखे जाने तक पटवारी को मौके पर बुलाने के बाद ही धरना प्रदर्शन समाप्त करने की अपनी बात पर अड़े रहे।

यहाँ बताना होगा कि राजस्व विभाग के हल्का नंबर 6 बरपाली के पटवारी नंदलाल साहू पर भाजपा मंडल महामंत्री मन्नु यादव ने प्रत्येक राजस्व कार्यों के एवज में मोटी रकम मांगे जाने एवं परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया था। पटवारी के इस कृत्य से आक्रोशित मंडल महामंत्री मन्नु यादव के नेतृत्व में 27 अगस्त को पटवारी कार्यालय का घेराव की चेतावनी दी थी। मुख्यालय के पटवारी हल्का के घेराव की सूचना मिलते ही उरगा थाना प्रभारी विजय चेलक दल बल के साथ सुबह से ही पटवारी मुख्यालय के पास डटे हुए थे। नायब तहसीलदार रविशंकर राठौर भी प्रशासनिक व्यवस्था संभालने मोर्चा संभाले हुए थे। दोपहर 12.45 बजे मंडल महामंत्री मन्नु यादव ,फरसवानी जनपद सदस्य झामलाल साहू ,मंडल अध्यक्ष ,भाजपा कार्यकर्ता के साथ पटवारी मुख्यालय का घेराव करने पहुंचे। मंडल महामंत्री व ग्रामीण पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी करते रहे। पटवारी की मौजूदगी में ही बात करने की मांग पर अड़े रहे। जमीन पर बैठकर नारेबाजी करते रहे। खबर लिखे जाने तक समझौता का प्रयास चल रहा था।
यह था मामला
मंडल महामंत्री मन्नु यादव पुरेना निवासी सेवानिवृत शिक्षक श्री मनमोहन एवं जैजैपुर में कार्यरत पुरेना निवासी भुनेश्वर पैकरा की नामांतरण पर्ची उन्हें सौंपे जाने की बात कह रहे थे। लेकिन पटवारी नन्दलाल साहू नियमानुसार भू -स्वामी के हाथों में ही पर्ची देने की बात पर अड़े रहे। मन्नु यादव का आरोप था कि दोनों भू स्वामियों की सहमति और अक्षमता की वजह से उन्होंने आगे आकर सारी प्रक्रियाएं पूरी करवाई थी। बावजूद पटवारी स्वार्थ की वजह से असहाय भू स्वामी को जबरदस्ती पटवारी हल्का बुलाने के लिए बाध्य कर उनसे दुर्व्यवहार कर रहे थे। पटवारी का कहना था कि पर्ची गलत हाथों में देने से भू -स्वामी शोषण का शिकार हो सकते हैं। इस वजह से उन्होंने नियमानुसार काम किया।