VIDEO – जिला अस्पताल का अमानवीय चेहरा,कुत्ता काटने का मरीज अस्पताल के बाहर पेड़ के नीचे पड़ा रहा

जिला अस्पताल का अमानवीय चेहरा सामने आया है कुत्ता काटने के मरीज का इलाज की बजाय बिलासपुर रेफर कर दिया गया वही मरीज अस्पताल के बाहर पेड़ के नीचे सलाईन चढ़ा रहा है

कोरबा-कोरबा जिला चिकित्सालय जो अब मेडिकल कॉलेज में तब्दील हो गया है जहां सरकार करोड़ो रूपयर खर्चकर नया सेटअप बैठा रही है DMF फंड से डॉक्टरों की नोयुक्तिया भी की गई है जो लगभग निजी दुकान चलाने में मशगूल है मरीज आज भी पुर की तरह भटक रहा है

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यह बताते चले कि शहरी क्षेत्र में 6000 से अधिक कुत्तों की नसबंदी किए जाने से स्थिति भले ही नियंत्रण में है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं अभी भी कायम है ।करतला विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में आए दिन लोगों को कुत्तों के द्वारा काटने की घटनाएं हो रही हैं। वोट लाल नामक ग्रामीण ऐसी ही एक घटना का शिकार हो गया ।उसकी स्थिति बिगड़ने पर जिला अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया जहां इलाज करने की बजाय उसे बिलासपुर रेफर करने पर जोर दिया गया है। हद तो तब जो गयी जब मरीज को अस्पताल के बाहर पेड़ के नीचे सलाईन लगाकर खुले आसमान के नीचे घंटो पड़ा रहना पड़ा

तस्वीर बयां कर रही है कि जिला अस्पताल के बाहरी हिस्से में अपनी पत्नी के साथ मौजूद यह व्यक्ति है वोट लाल करतला विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्र से उसका वास्ता है लॉक डाउन के दौरान उसे कुत्ते ने काट दिया था परिवार के लोगों ने किसी तरह उपचार कराया इस पर बात नहीं बनी और बाद में स्थिति बिगड़ती चली गई आखिरकार हालात नहीं संभलने पर परिजनों ने उसे कोरबा जिला अस्पताल लाया यहां पर सामान्य चिकित्सा के बाद अब प्रबंधन के द्वारा हाथ खड़े कर दिए गए वोट लाल के पुत्र राम प्रसाद ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है ऐसे में वे कहीं और अपने पिता का उपचार आखिर कैसे करवा सकते हैं।

कोरबा के जिला अस्पताल को आगामी स्थिति तक के लिए मेडिकल कॉलेज के साथ संलग्न कर दिया गया है और इसी नाम से इस संस्था का संचालन किया जा रहा है बार-बार मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के द्वारा इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि यहां पर बेहतर उपचार देने के साथ लोगों को यहां वहां रेफर करने से बचा जाएगा इन सबके बावजूद वर्तमान में दूरदराज से आने वाले लोग जिस तरीके से परेशान हो रहे हैं उससे लगता है कि पक्के इरादों के साथ काम करने की जरूरत है ताकि खासतौर पर ग्रामीण जनों को परेशान होने से बचाया जा सके