सक्षम अधिकारी से नहीं लिया टी.एस. आदिवासी विकास विभाग की पौने दो करोड़ की निविदा निरस्त

नवपदस्थ सहायक आयुक्त ने अपनाया कड़ा रुख

कोरबा। बिना सक्षम अधिकारी के टी.एस. कर निविदा प्रकाशन के मामले में आदिवासी विकास विभाग की नवपदस्थ सहायक आयुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए निविदा निरस्त कर दी है।इस कार्रवाई के बाद विभागीय अमलों एवं ठेकेदारों के बीच हड़कंप मचा है।

जानकारी अनुसार आदिवासी विभाग में विभिन्न कार्यों के लिए लगभग 1 करोड़ 75 लाख की निविदा आमंत्रित की गई थी। जारी किये गए निविदा में सक्षम अधिकारी से टी.एस. नही लिया गया था और इस प्रकार से अवैध ,तरीके से निविदा का प्रकाशन कर दिया गया। निविदा प्रकाशन के बाद आपत्ति दर्ज कराने पर नवपदस्थ सहायक आयुक्त श्रीमती माया वारियर ने निविदा को निरस्त कर दिया गया है। सूत्रों की माने तो अब तक आदिवासी विभाग ने जितने भी निविदा जारी किए गए हैं। उसे एस.डी.ओ. यानि विभाग के अनुविभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया हैं , टेंडर हुआ भी और काम के बाद चेक भी नियमों को ताक में रखकर काटे गए है। मतलब साफ है अब तक जितने भी आदिवासी विभाग में निर्माण कार्य हुए है सभी नियमो के विपरीत हुए है क्योंकि अब टेक्निकल सेक्शन की शिकायत पर टेण्डर निरस्त हुआ है,तो पुराने कामो का क्या होगा जो नियम विरुद्ध हुए है, जो कि जांच का विषय है।

यह है नियम

टेंडर प्रक्रिया के जानकारों की माने तो कोई भी निर्माण कार्य ई. ई.लेबल के अधिकारी के हस्ताक्षर से होता है। एस.डी.ओ. को सिर्फ और सिर्फ मूल्यांकन को सत्यापित करने का अधिकार है। इसके बाद भी विभाग जानबूझकर लगातार नियमो की अनदेखी कर उल्टे सीधे कार्य करता रहा है। हाल में हुए निरस्त टेंडर के संदर्भ में पी.डब्ल्यू.डी. के कार्य पालन अभियंता की अनुशंसा पर फिर से निविदा जारी करने की बात कही जा रही है।