छत्तीसगढ़ महिला आयोग द्वारा महिलाओं की शिकायतों की सुनवाई की गई, जिसमें कई मामले सामने आए। एक महिला ने प्राचार्य पर अभद्रता का आरोप लगाया। इसके जवाब में प्राचार्य ने सफाई तो दी, लेकिन अफसोस भी जताया। एक महिला को पत्र भेजकर परेशान किए जाने का मामला भी सामने आया। पढ़िए पूरी खबर-
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य अर्चना उपाध्याय की उपस्थिति में आज कलेक्टोरेट परिसर के अरपा सभाकक्ष में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई। महिला आयोग के समक्ष जिले में महिला उत्पीड़न से संबंधित 11 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए। 11 प्रकरणों की सुनवाई हुई तथा शत-प्रतिशत प्रकरण नस्तीबद्ध किये गये। सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में रास्ते का विवाद था, जिसमें पुलिस जांच कर रही है। आयोग द्वारा महिला सेल प्रभारी को इस प्रकरण में जांच कर रास्ते के विवाद का निपटारा कर रिपोर्ट आयोग कार्यालय में प्रेषित करने कहा गया है, जिससे इस प्रकरण को निराकृत किया जा सकेगा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उनके 3 साल के बच्चे को लेकर नवीन संकुल लेकर गयी थी, जहां प्राचार्य ने सार्वजनिक रूप से अभद्र व्यवहार किया। उधर प्राचार्य का कहना था कि विभागीय निर्देश पर मीटिंग में आवेदिका के बच्चे के कारण व्यवधान हो रहा था, जिसे रोकने को कहा व आवेदिका से किसी प्रकार से कोई अभद्र व्यवहार नही किया। प्राचार्य ने कहा जिस भी आवेदिका को बुरा लगा हो तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। इस प्रकार प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि सरपंच की समझाइश पर अब कोई कार्यवाही नही चाहती हूं, इस प्रकार से प्रकरण को नस्तीबद्ध कर दिया गया। इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्र के माध्यम से परेशान किया जा रहा है। अज्ञात व्यक्ति होने के कारण आज सुनवाई में उन्हें तामील नही किया गया। आयोग द्वारा आवेदिका को समझाइश दी गई है कि महिला सेल में सभी मूल पत्रों को देकर संदेही व्यक्ति के नाम व कारणों की जांच करने में पुलिस का सहयोग करें। इस समझाइश के साथ प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। महिला आयोग द्वारा आयोजित सुनवाई के अवसर पर अपर कलेक्टर बीसी एक्का सहित पुलिस एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।