जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उद्धव सरकार से कहा- किसी को निशाना बनाएंगे तो हिफाजत के लिए हम हैं
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम बेल दे दी। जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने अर्नब के साथ दो अन्य आरोपियों नीतीश सारदा और प्रवीण राजेश सिंह को 50 हजार रुपए के बॉण्ड पर अंतरिम जमानत देने के निर्देश दिए। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को जमानत के आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा।
अर्नब पर 2018 में एक इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। इसी मामले में मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अर्नब की जमानत अर्जी ठुकरा दी थी। इसके बाद अर्नब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव सरकार को फटकार लगाई
अर्नब की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव सरकार को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्य सरकारें किसी व्यक्ति को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम (शीर्ष अदालत) उसकी हिफाजत करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में अर्नब की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने मामले में CBI जांच की मांग की। वहीं, अर्नब की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार ने कैविएट दायर कर कहा था कि उनका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश जारी न किया जाए।
कोर्ट की 6 सख्त टिप्पणियां
हमारा लोकतंत्र असाधारण रूप से लचीला है। महाराष्ट्र सरकार को यह सब नजरअंदाज करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया जाता है, तो यह न्याय का दमन होगा।
क्या महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में कस्टडी में लेकर पूछताछ की जरूरत है।
हम व्यक्तिगत आजादी के मुद्दे से जूझ रहे हैं।
अगर संवैधानिक अदालत हस्तक्षेप नहीं करतीं, तो हम विनाश के रास्ते पर हैं।
हम इस मामले में सुनवाई इसलिए कर रहे हैं कि क्योंकि हाईकोर्ट से न तो जमानत मिल पाई और न ही वह व्यक्तिगत आजादी की सुरक्षा कर पाया।
क्या है मामला?
2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में रायगढ़ पुलिस ने अर्नब और दो अन्य लोगों को 4 नवंबर को गिरफ्तार किया था। बाद में अदालत ने इन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अर्नब फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं।
अर्नब को लेकर गृहमंत्री से मिले राम कदम
भाजपा विधायक राम कदम ने मंगलवार को अर्नब की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख से मुलाकात की। उन्होंने एक पत्र सौंपा जिसमें अर्नब के खिलाफ ‘बदले की भावना’ से कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मियों की उचित जांच करने के आदेश देने का अनुरोध किया है।