हसदेव एक्सप्रेस न्यूज कोरबा । जिले के किसानों ने इस साल पहली बार रिकार्ड 50 करोड़ से अधिक का ऋण लिया है। 62 करोड़ 29 लाख के लक्ष्य की पूर्ति में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से 16 हजार 502 किसानों ने 51 करोड़ 2 लाख 48 हजार रुपए का कर्ज लिया है। लिए गए कर्ज की अदायगी किसानों को 15 मार्च तक करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले किसानों को डिफाल्टर किसानों की सूची में डालकर 13 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से सहकारी बैंक ऋण वसूल करेगा।

यहां बताना होगा कि आदिवासी सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से पंजीकृत किसानों को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक कृषि प्रयोजनों के लिए प्रतिवर्ष किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी ) ऋण प्रदान करती है। ऋण की यह राशि नगद ,वस्तु (खाद -बीज) व पीएम फसल बीमा के तौर पर होती है।किसानों को सहकारी बैंक शून्य प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान करती है। जिसे चालू वित्तीय वर्ष में ही 15 मार्च तक किसानों को बैंक को अदायगी करनी पड़ती है।इस समयावधि में ऋण नहीं लौटाने वाले किसानों को डिफाल्टर किसानों की सूची में डालकर 13 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से ऋण वसूलना रहता है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में जिले को 62 करोड़ 29 लाख के ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया था। जिसकी पूर्ति में ऋण वितरण की निर्धारित समयावधि 30 सितंबर तक जिले के 6 ब्रांच से 41 समितियों के पंजीकृत 16 हजार 502 किसानों ने 51 करोड़ 2 लाख 48 हजार रुपए का ऋण लिया है। ली गई ऋण की राशि में 34 करोड़ 91 लाख 11 हजार नगद ,14 करोड़ 2 लाख वस्तु एवं 2 करोड़ 9 लाख 37 हजार पीएम फसल बीमा की प्रीमियम राशि समाहित है। गत वर्ष जिले के 14 हजार किसानों को 45 करोड़ 46 लाख का ऋण बंटा था । इस लिहाज से पहली बार जिले में ऋण वितरण का आंकड़ा 50 करोड़ पार हुआ है। तय लक्ष्य की पूर्ति में 81 .91 (लगभग 82 फीसदी )ऋण वितरण कर सहकारी बैंक ने कीर्तिमान रच दिया है।

बरपाली ब्रांच सिरमौर ,बांटे 17 करोड़ का ऋण
एक बार फिर ऋण वितरण के मामले में जिले का सबसे बड़ा ब्रांच बरपाली सिरमौर रहा। बरपाली ब्रांच के 12 समितियों के 5 हजार 937 किसानों ने 17 करोड़ 35 लाख 43 हजार का ऋण लिया है।नोडल अधिकारी सुशील कुमार जोशी के मार्गदर्शन एवं ब्रांच मैनेजर मनोज तिवारी के नेतृत्व में किसानों को कोरोनाकाल में भी कोविड -प्रोटोकॉल सहित तमाम चुनोतियों से निपटते हुए बैंक ने ऋण प्रदाय करने में प्राथमिकता एवं संजीदगी दिखाई।
इस साल 4 नए उपार्जन केंद्र का प्रस्ताव
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक इस साल जनप्रतिनिधियों की मांग पर उपार्जन केंद्रों की संख्या में इजाफा कर सकता है। जनप्रतिनिधियों की मांग पर समिति ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक नोडल अधिकारी व उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं को 4 नए उपार्जन केंद्रों का प्रस्ताव भेजा था।इनके माध्यम से यह प्रस्ताव कार्यालय कलेक्टर खाद्य शाखा के माध्यम से शासन को भेजी गई है। प्रस्तावित नए उपार्जन केंद्रों में नवापारा समिति से बेहरचुआं ,पाली समिति से नुनेरा ,कटघोरा समिति से मुढाली एवं कोरकोमा समिति से चचिया को उपार्जन केन्द्र बनाने का प्रस्ताव भेजा गया है। धान खरीदी शुरू होने के एक पखवाड़ा पूर्व तक भेजे गए प्रस्ताव पर निर्णय जारी कर दिए जाते हैं। लिहाजा दीपावली के पूर्व नए उपार्जन केंद्रों की सौगात मिल सकती है।